पाकिस्तान का एक मछुआरा एक ही मछली बेचकर मालामाल हो गया। धनतेरस के दिन 10 नवम्बर 2023 को उसने सोवा या गोल्डन फिश नाम की एक मछली 7 करोड़ रुपये में बेची।

गोल्डन फिश या पाकिस्तान के कराची शहर में सोवा कही जाने वाली मछली की नीलामी करीब 7 करोड़ रुपये में हुई है. एक ही मछली बेचकर हाजी बलोच करोड़पति बन गया है. इस मछली को कई औषधीय गुणों से युक्त माना गया है. यह दुर्लभ होती है, जिसे हाजी बलोच व उसके अन्य मछुआरे साथियों ने अरब सागर से पकड़ा था.
पाकिस्तान के कराची शहर में एक मछुआरे ने कई औषधीय गुणों वाली दुर्लभ मछली की नीलामी की. इब्राहिम हैदरी गांव में रहने वाले हाजी बलोच और उनके साथियों ने 6 नवंबर 2023 को अरब सागर से ‘गोल्डन फिश’ या स्थानीय बोली में “सोवा” कही जाने वाली मछली पकड़ी.
‘पाकिस्तान फिशरमेन फोल्क फोरम’ से जुड़़े मुबारक खान ने बताया कि 10 नवंबर 2023 यानी शुक्रवार सुबह कराची बंदरगाह पर मछुआरों ने नीलामी में वह मछली करीब 7 करोड़ रुपये में बेच दी.
‘सोवा’ मछली को बहुमूल्य और दुर्लभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसके पेट से निकलने वाले पदार्थों में बेहतरीन उपचार और औषधीय गुण होते हैं. मछली से मिले धागे जैसे पदार्थ का उपयोग शल्य चिकित्सा की प्रक्रियाओं में भी किया जाता है. यह मछली अक्सर 20 से 40 किलो वजन और 1.5 मीटर तक लंबी होती है. इस मछली की पूर्वी एशियाई देशों में बहुत मांग है.
साथ ही ’सोवा’ मछली का सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्त्व भी माना जाता है. इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं और स्थानीय व्यंजनों में किया जाता है.
इस मछली को पकड़ने वाले बलोच ने बताया कि हम कराची के खुले समुद्र में मछली पकड़ रहे थे, तभी हमें सुनहरी मछली मिली और यह हमारे लिए अप्रत्याशित था. हाजी बलोच के दल में 7 सदस्य हैं और मछली की नीलामी से मिला पैसा सभी साथियों के साथ साझा किया जाएगा.

(फोटो सांकेतिक है, जो सोशल मीडिया से साभार ली गई है। उस सोवा मछली की नहीं है, जो 7 करोड़ रुपये में बिकी है।)

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