शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद पिटने के बाद 7,374 करोड़ रुपये कर्ज अदाणी समूह ने चुकाया, जिससे निवेशकों का भरोसा कायम रहे
शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की चोट खाया अदाणी समूह अपनी साख बचाने में जुटा है. इसी क्रम में अदाणी समूह ने 7 मार्च 2023 को कहा कि उसने शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए 7,374 करोड़ रुपये कर्ज चुका दिया है. साथ ही अदाणी ग्रुप ने यह भी कहा कि समूह इस तरह के अन्य ऋण का भी वह मार्च अंत तक भुगतान कर देगा.
क्या है अदाणी ग्रुप का बयान
अदाणी ग्रुप ने बयान में कहा कि 7,374 करोड़ रुपये के शेयर-समर्थित कर्ज को निर्धारित अवधि से पहले ही चुका दिया गया है. अदाणी ग्रुप ने जानकारी दी कि इन शेयर समर्थित कर्ज की अवधि अप्रैल 2025 में पूरी होनी थी, लेकिन इसका भुगतान कर दिया गया. ग्रुप ने कहा, ‘सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के बदले लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के मुताबिक तय समय से पहले इसका भुगतान कर दिया गया है.’
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी 2023 को आई रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप पर कहर गिरा है. हाल में एक अमेरिकी निवेशक कंपनी द्वारा अदाणी ग्रुप में निवेश करने और भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर भारत में चुनावी सफलता से इस समूह को सहारा मिला है. उसके बाद कंपनी लगातार कोशिश कर रही है कि उसकी बाजार में साख बनी रह सके.
ग्रुप की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में प्रवर्तकों की 4 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी गई थी. वहीं अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड में उनकी 11.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों के पास गिरवी थी. अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के 3.6 करोड़ शेयर भी गिरवी रखे गए थे.
इसी तरह अडाणी ग्रीन एनर्जी के 1.1 करोड़ शेयर यानी प्रवर्तकों की 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी भी कर्जदाताओं के पास गिरवी थी. इन शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को चुकाने के बाद समूह की इन 4 कंपनियों में प्रवर्तकों के शेयर उनके पास लौट आएंगे.
फरवरी की शुरुआत में भी चुकाया था कर्ज
अदाणी ग्रुप ने फरवरी की शुरुआत में भी कुछ कर्ज चुकाया था. हालांकि इसका कंपनियों पर असर नहीं पड़ा और इस ग्रुप की कंपनियो के शेयर लगातार पिटते रहे. कंपनी ने कहा है कि अभी तक अदाणी ग्रुप ने 2.016 अरब डॉलर मूल्य का शेयर-समर्थित कर्ज चुका दिया है. समूह ने कहा कि वह 31 मार्च 2023 तक सभी शेयर-समर्थित कर्ज को चुकाने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता पर कायम है.
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय धोखाधड़ी और शेयरों के भाव चढ़ाने के लिए हेराफेरी करने के आरोप लगाए थे, जिसे अदाणी ग्रुप ने निराधार बताते हुए नकार दिया था. अदाणी ग्रुप सफाई बाजार को पसंद नहीं आई और रिपोर्ट आने के एक महीने के भीतर अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 60 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया.
कर्ज के बोझ को लेकर सवाल
अदाणी ग्रुप पर कर्ज का बड़ा बोझ होने को लेकर कई बार सवाल उठे हैं. हाल ही में एक रिसर्चर ने अपने ब्लॉग में कहा था कि ग्रुप ने क्षमता से अधिक कर्ज ले रखा है. पिछले 4 साल में ग्रुप का सकल कर्ज दोगुना हो चुका है. पिछले साल सितंबर में फिच समूह की इकाई क्रेडिटसाइट्स ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा था कि अदाणी समूह ने अपने विस्तार के लिए कर्ज का सहारा लिया है और अब वह आपादमस्तक कर्ज में डूबा है. अदाणी समूह पर सकल कर्ज बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. समूह को अगले साल 2 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा बॉन्ड का भी भुगतान करना होगा. इस समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट के बावजूद खबरें लगातार आ रही हैं कि अभी भी शेयर ओवर वैल्यूड हैं और अन्य दिग्गज कंपनियों की तुलना में इसके भाव ज्यादा बने हुए हैं.