86 में से 54 Yadav SDM

क्या है अखिलेश यादव के शासनकाल में लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित 86 में से 54 Yadav SDM  का मामला?

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग 2011 की परीक्षा में 86 में से 54 Yadav SDM चुने जाने का मुद्दा एक बार फिर गर्म है और अखिलेश यादव सरकार पर चयन में जातिवाद के आरोप लग रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के शासनकाल में हुई भर्तियों में हुआ यादववाद एक बार फिर चर्चा में है. विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने 54 Yadav SDM चुने जाने मामला उठाकर चर्चा गर्म की तो अखिलेश यादव ने करारा जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री 54 Yadav SDM की सूची जारी करें. उसके बाद समाजवादी पार्टी के समर्थकों की टीम सोशल मीडिया पर छा गई.

यह कहा जाने लगा कि यह झूठ फैलाया गया था कि अखिलेश यादव के शासनकाल में 86 में 54 Yadav SDM चुने गए. साथ ही एक आरटीआई की प्रति भी सोशल मीडिया पर तैर रही है, जिसमें लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश ने कथित रूप से बताया है कि 2011 और उसके आसपास के वर्षों में कभी 86 एसडीएम की रिक्तियां आई ही नहीं हैं.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2011 की परीक्षा में धांधलियों को लेकर लंबा आंदोलन चला था. भाजपा के नेता केसरीनाथ त्रिपाठी ने उस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पैरबी की थी. यह आरोप लग रहे थे कि आयोग में बड़े पैमाने पर धांधलियां चली हैं, जिसमें यादव जाति के अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया गया. उस समय आयोग के सचिव अनिल कुमार यादव थे, जिन पर भर्तियों में धांधली करने के आरोप लग रहे थे.

इस मामले की तफ्तीश इंडिया टुडे में स्पेशल करेस्पॉन्डेंट रहे पीयूष बबेले ने की. उन्होंने करीब 4 महीने तक तथ्य जुटाए. जब खबर आई तो भूचाल आ गया. उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार ने रिपोर्ट का न तो कोई खंडन किया, न ही उस खबर की सच्चाई को लेकर किसी न्यायालय या मीडिया में कोई चुनौती दी. वह खबर अभी भी वेबसाइट पर मौजूद है. आइए प्रमुख 9 बिंदुओं में जानते हैं कि उस खबर में क्या था.

क्या था पीयूष बबेले की खबर में

  1. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2011 की परीक्षा (पीसीएस-2011) में 389 अभ्यर्थी सफल हुए थे.
  2. अन्य पिछड़ा वर्ग में चयनित 86 छात्रों में से करीब 50 छात्र यादव जाति के
  3. सामान्य सीट पर अपग्रेड होकर जाने वाले सभी ओबीसी यादव थे, जिससे आरक्षित व अनारक्षित सभी पदों को मिलाकर सलेक्ट हुए यादवों की संख्या 54 थी
  4. यादव जाति के सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में 200 में से 135 से 140 के बीच अंक मिले
  5. सामान्य जाति के छात्रों को साक्षात्कार में औसतन 115 अंक मिले.
  6. गैर यादव ओबीसी जातियों के छात्रों को साक्षात्कार में औसतन 110 अंक मिले
  7. अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को साक्षात्कार में औसतन 105 अंक मिले
  8. इस परीक्षा के टॉपर हिमांशु कुमार गुप्ता को साक्षात्कार में सिर्फ 115 अंक मिले.
  9. मुख्य परीक्षा के हिंदी के पेपर में एक छात्र को पहले और दूसरे पेपर में क्रमशः 140 और 132 अंक मिले, जिन्हें स्केलिंग के बाद 187.47 और 158.32 आंका गया, वहीं दूसरे छात्र के 140 और 120 नंबरों को क्रमशः 136.82 और 118.11 आंका गया. इस मामले में स्केलिंग से ज्यादा नंबर पाने वाले छात्र यादव थे.

86 में से 54 Yadav SDM क्यों कहा जाता है

दरअसल उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC)  एक प्रतिष्ठित परीक्षा कराता है. इसके माध्यम से क्लास 2 पदों पर भर्तियां कराई जाती हैं. इसमें सबसे बड़ा पद पीसीएस यानी प्रॉविंसियल सिविल सर्विस का होता है और सबसे ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों को पीसीएस पद पाने का मौका मिलता है, जिनकी पहली नियुक्ति SDM पद पर होती है. उसके बाद प्रॉविंसियल पुलिस सर्विसेज (PPS) पद पर अभ्यर्थियों का चयन होता है, जिनकी पहली पोस्टिंग डिप्टी एसपी पद पर होती है. उसके बाद टैक्स डिपार्टमेंट से लेकर इंसपेक्टर पद तक को इस परीक्षा में डाल दिया गया है. इस परीक्षा के लिए अगर 400 भर्तियां आती हैं तो बमुश्किल पीसीएस या एसडीएम के पद 20-30 होते हैं और उसके बाद 15-20 या 30 पद पीपीएस यानी डिप्टी एसपी के लिए होते हैं. उसके बाद के कम से कम दर्जन भर पद होते हैं.

चूंकि इस परीक्षा में सबसे बड़े एसडीएम के पद पर चयन होता है, इसलिए आम बोलचाल की भाषा में इसे पीसीएस परीक्षा या एसडीएम की परीक्षा भी कह दिया जाता है. संभवतः 86 में से 54 Yadav SDM चुने जाने का मामला यहीं से आया. जबकि रिपोर्ट में यह कहीं नहीं लिखा हुआ है कि 86 में से 54 Yadav SDM चुने गए हैं. रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में है और गूगल सर्च में ढूंढने पर मिल जाती है.

अब भी अनुत्तरित हैं रिपोर्ट में उठे सवाल

रिपोर्ट में उठाए गए सवाल और दिए गए कथित तथ्य अभी भी अनुत्तरित हैं कि क्या सचमुच ऐसा हुआ था? उसकी जगह पर समाजवादी समर्थक 86 में से 54 Yadav SDM का मसला उठाते हैं, जो कि रिपोर्ट में कहीं कहा भी नहीं गया है. साथ ही सत्तासीन दल भी 86 में से 54 Yadav SDM कहता है. पब्लिक भी 86 में से 54 Yadav SDM कहती है. वहीं पीयूष बबेले की रिपोर्ट वेबसाइट पर अभी भी अनुत्तरित पड़ी हुई है.

 

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