पर्यावरण

पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्यक्रमों मे फूल की माला की जगह सूत की माला का होगा इस्तेमाल : वसुंधरा फाउंडेशन

पर्यावरण को शुद्ध रखने की कवायद के तहत वसुंधरा फाउंडेशन ने किसी भी कार्यक्रम में फूलों की माला न इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इसकी जगह अब फाउंडेशन सूत की माला का इस्तेमाल करेगा. महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर यह संकल्प लिया गया है.

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वसुन्धरा फाउंडेशन के तत्वावधान में पूज्य बापू के बलिदान दिवस पर एक विचार गोष्ठी एवं श्रद्धांजलि सभा शीरोज हैंगआउट, गोमतीनगर लखनऊ में आयोजित की गई. इसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद राजीव नयन बहुगुणा ने सर्वप्रथम सूत कात कर बापू की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आवाहन किया कि भविष्य में स्वागत के लिए फूलों की माला के स्थान पर सूत की माला का प्रयोग करें. अपने व्याख्यान में गाँधी दर्शन की व्याख्या करते हुए बहुगुणा ने बताया कि कुटीर उद्योग के माध्यम से देश के विकास के पीछे उनकी अवधारणा यही थी की किस प्रकार देश के पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखा जाय.

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स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा पर्यावरण पर गांधी के इन्ही विचारों के क़ायल थे और पर्वतीय क्षेत्रों का कुटीर उद्योगों के माध्यम से ही विकास के पक्षधर थे और जीवन भर इसके लिए संघर्षरत रहे. उनका नारा था कि युद्ध से दूर रहें, कुटीर उद्योग को बढ़ावा दें.

स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा पर्यावरण पर गांधी के इन्ही विचारों के क़ायल थे और पर्वतीय क्षेत्रों का कुटीर उद्योगों के माध्यम से ही विकास के पक्षधर थे और जीवन भर इसके लिए संघर्षरत रहे. उनका नारा था कि युद्ध से दूर रहें, कुटीर उद्योग को बढ़ावा दें. राजीव नयन बहुगुणा ने कहा कि आज के समय मे जब बड़ी बड़ी संस्थायें केवल बातें कर रहीं हैं तब वसुंधरा फाउंडेशन गांधी के दर्शन के अनुरूप कुटीर अवधारणा के अनुसार कार्य कर रही है. बहुगुणा ने

वसुन्धरा फाउंडेशन के संयोजक राकेश श्रीवास्तव को सूत की माला भेंट कर फूलों को तोड़ने से बचने का संदेश दिया. श्रीवास्तव ने घोषणा की अब से वसुंधरा फाउंडेशन अपने कार्यक्रमों मे प्रयोग हेतु फूल नहीं तोड़ेंगे.

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राकेश श्रीवास्तव ने राजीव नयन बहुगुणा का स्वागत करते हुए उनके कार्यकलापों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वे किस प्रकार परम्परा को आगे बढ़ाने में प्रयासरत हैं. राजीव नयन ने पर्यावरण संरक्षण की वास्तविक पहल करते हुए बहुत समय पहले से ही हवाई जहाज यात्रा, बोतल बंदपानी, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि का त्याग कर रखा है.

प्रश्न काल में रामकिशोर, वीरेंद्र त्रिपाठी, उमेश सिंह, अवधेश शुक्ल, राम स्वरूप, डंडा लखनवी, शेखर, रवि श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया. इस अवसर पर राम दत्त त्रिपाठी, अखिलेश श्रीवास्तव चमन, सुरेन्द्र राजपूत, कृष्णानंद, प्रभात त्रिपाठी, मुकुल महान, हफीज किदवई, आनन्द वर्धन सिंह, विभाष श्रीवास्तव,  हसन उस्मानी, अविनाश, पवन यादव, रामेंद्र, भवेश चंद्र, कमलेश, सुनील निगम आदि गणमान्य नागरिक और विचारक की सहभागिता रही.

गांधी को श्रद्धांजलि देने के साथ वसुंधरा फाउंडेशन की सचिव मीनू श्रीवास्तव ने सभा समाप्त की.

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