अदाणी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष

अदाणी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन हैं और सदस्य कौन-कौन लोग हैं, आइए जानते हैं

अदाणी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष एएम सप्रे हैं और उनकी अध्यक्षता में 6 सदस्यों की समिति बनाई गई है, जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट की जांच करेगी.

अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह पर आरोपों की झड़ी लगाई, तबसे लगातार इस ग्रुप के शेयरों की कचूमर निकल रहा है. शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब अदाणी के शेयरों पर लोवर सर्किट लगाकर इसकी कंपनियों का शेयर बाजार में कारोबार न रोका जाता हो. यह मामला देश के शीर्ष न्यायालय में गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 3 मार्च 2023 को समिति नियुक्त करने का फैसला सुनाया है. समिति 2 माह में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी.

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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी तय कर दिया है कि जांच करने वाले कौन लोग होंगे. जांच मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर होनी है, 1. हिंडनबर्ग रिसर्ट की रिपोर्ट 2. अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट

न्यायमूर्ति एमए सप्रे हैं समिति के अध्यक्ष

6 सदस्यों वाली समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे करेंगे. न्यायमूर्ति सप्रे मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. सप्रे को 13 अगस्त, 2014 को पदोन्नति देकर   उच्चतम न्यायालय में भेजा गया था. वह 27 अगस्त, 2019 तक उच्चतम न्यायालय में कार्यरत रहे.  उच्चतम न्यायालय ने जांच के लिए गुरुवार को न्यायमूर्ति सप्रे की अध्यक्षता में 6 सदस्यों की समिति के गठन का फैसला किया. इस समिति को 2 माह के अंदर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है.

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समिति के अन्य सदस्य

  1. ओपी भट्ट : सदस्यों में भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष ओपी भट्ट शामिल हैं. भट्ट इस समय तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी), टाटा स्टील लिमिटेड और हिंदुस्तान यूनीलीवर के निदेशक मंडल में हैं.
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  2. जेपी देवधर : बंबई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेपी देवधर समिति के तीसरे सदस्य के रूप में शामिल हैं। देवधर प्रतिभूति अपीली न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी रहे हैं.
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  3. केवी कामत : समिति के एक सदस्य केवी कामत (Kundapur Vaman Kamath) ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक के पूर्व प्रमुख हैं. ब्रिक्स (BRICS) उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं का एक संघ है. इसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्हीं देशों के अंग्रेज़ी में नाम के शुरुआती अक्षरों B, R, I, C और S से मिलकर ब्रिक्स बना है. इसकी स्थापना 2009 में हुई. केवी कामत देश के जाने माने बैंकर हैं.
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  4. नंदन नीलेकणी : समिति के पांचवें सदस्य नंदन नीलेकणी इन्फोसिस के सह-संस्थापक हैं. कांग्रेस सरकार ने उन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से जोड़ा. वह देश के जाने माने उद्योगपति हैं.
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  5. सोमशेखर सुंदरेशन : समिति के छठे सदस्य सोमशेखर सुंदरेशन हैं. यह पेशे से वकील हैं. सुंदरेशन को प्रतिभूति और नियामक विशेषज्ञ के रूप में ख्याति है. बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने के लिए उनके नाम की सिफारिश हाल में केंद्र से की गई थी. केंद्र की आपत्ति के बाद उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए उनका नए सिरे से नाम दोहराया था.

 

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