GQG Partners

गौतम अदाणी के डूबते जहाज में निवेश करने वाले GQG Partners के मालिक राजीव जैन कौन हैं

GQG Partners के मालिक राजीव जैन मूल रूप से भारत में ही पढ़े लिखे हैं और उन्होंने 7 साल में 92 अरब डॉलर की कंपनी खड़ी की है

GQG Partners को अमेरिकी वैश्विक इक्विटी निवेश कंपनी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. देखने और सुनने में ऐसा लगता है कि यह कोई विदेशी अमेरिकी कंपनी है, जिसने अदाणी समूह पर भरोसा जताया है. और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण डूबते अदाणी समूह पर उसने भरोसा जताया है. कागजी रूप से यह सही भी है कि GQG Partners अमेरिका की वैश्विक इक्विटी निवेश कंपनी है.

आइए थोड़ा नजदीक से जानते हैं. GQG Partners के संस्थापक राजीव जैन हैं. कंपनी की बेबसाइट के मुताबिक वह कंपनी के चेयरमैन और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर हैं. जैन भारत में जन्मे और पले-बढ़े. वह 1990 में मियामी विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई करने अमेरिका गए. वोन्टोबेल असेट मैनेजमेंट में ज्वाइन करके उन्होंने पोर्टफोलियो प्रबंधक के तौर पर 1994 में अपना करियर शुरू किया. वह धीरे धीरे कंपनी में स्टार मैनेजर के रूप में प्रसिद्ध हो गए और वह कंपनी में सीआईओ पद पर पहुंच गए. वह वोन्टोबेल में हेड आफ इक्विटीज बने. उसके बाद वह कंपनी में 2014 से 2016 के बीच सह सीईओ के पद पर रहे.

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बाद में उन्होंने वोन्टोबेल छोड़ दिया और ब्लूमबर्ग के मुताबिक उससके इमर्जिंग मार्केट फंड पर 10 साल में 70 प्रतिशत रिटर्न मिला.

जैन ने 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) की स्थापना की और इसके चेयरमैन एवं सीआईओ बने. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडिविजुअल स्टॉक्स से उन्होंने धन बनाया. वह अपने आप को क्वालिटी ग्रोथ मैनेजर बताते हैं.

महज 7 साल का है जैन का साम्राज्य

GQG Partners की स्थापना के महज 7 साल में 92 अरब डॉलर की कंपनी बन गई. उन्होंने अपने स्टार्टअप के लिए बहुत तेजी से फंड जुटाया. जैन का कहना है कि क्लाइंट्स के धन का प्रबंधन उनके लिए सम्मान और विशेषाधिकार की बात है. इसका दायित्व बेहतर करने की प्रेरणा देता है.

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जैन के निवेश से दलाल पथ चकित

GQG Partners द्वारा अदाणी ग्रुप पर लगाए गए दांव से भारत के शेयर बाजार के विशेषज्ञ चकित हैं. इसकी वजह यह है कि राजीव जैन को रक्षात्मक शेयरों और दमदार बैलेंस शीट वाली कंपनियों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है. पहली बार उन्होंने ऐसी कंपनी में दांव लगाया, जो डूब रही है और वह इस डूबती कंपनी में रकम लगाने वाले पहले निवेशक बन गए हैं.

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क्या कहना है जैन का

अदाणी समूह में किए गए अपने करीब 2 अरब डॉलर के निवेश के बारे जैन का कहना है कि वह अदाणी समूह की कंपनियों पर पिछले 5 साल से नजर रखे हुए थे, लेकिन उचित कीमत पर अब मिल पाई है. हिंडनबर्ग रिसर्च के बारे मैं जैन का कहना है कि उनका अपना नजरिया है, और हमारा अपना. जैन का कहना है कि हम हिंडनबर्ग के विचार से असहमत हैं.

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GQG Partners के निवेश से अदाणी की बम-बम

GQG Partners द्वारा अदाणी समूह की 4 कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीदने के बाद 4 मार्च 2023 को पहली बार अदाणी की सभी 10 कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई. 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अदाणी ग्रुप के लिए यह सबसे अच्छा कारोबारी सप्ताह रहा.

एलआईसी में भी तेजी

अदाणी ग्रुप के 10 शेयरों में GQG Partners के निवेश के बाद इस सप्ताह 4.5 प्रतिशत से 43 प्रतिशत के बीच तेजी आई. इसका असर एलआईसी के शेयर पर भी दिखा, जिसने अदाणी समूह में निवेश कर रखा है. अदाणी समूह की 7 कंपनियों में एलआईसी की 1.28 प्रतिशत से लेकर 9.14 प्रतिशत तक हिस्सेदारी है. इन कंपनियों में एलआईसी का निवेश मूल्य करीब 30,127 करोड़ रुपये है.

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