Imran Khan Pakistan Clash

Imran Khan Pakistan Clash : इमरान के समर्थक उसी तरह अपने नेता के लिए लड़ रहे हैं, जैसे एक दौर में लालू प्रसाद का जलवा था

Imran Khan Pakistan Clash : आंसू गैस के गोले चले, गोली चली, लाठियां चलीं, लेकिन डटे रहे इमरान के समर्थक

भारत में नरेंद्र मोदी सरकार विपक्ष के तमाम नेताओं की सीबीआई जांच करा रही है, गिरफ्तारियां करा रही है. विपक्षी दल के कार्यकर्ता और समर्थक केवल सोशल मीडिया पर अपने नेता को बचाने की मुहिम चला रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया के दौर में भी पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने के खड़े पाक रेंजर्स और पुलिसकर्मियों को उनके समर्थकों ने पीछे ढकेल दिया. 14 और 15 मार्च 2023 को चली झड़प में इमरान खान के समर्थकों और पुलिसकर्मियों समेत सैकड़ों लोग घायल हो गए, जिसमें 54 पुलिसकर्मी थे. पुलिस ने खान के तमाम समर्थकों को हिरासत में ले लिया.

पीएलएस मैच तक आगे नहीं बढ़ेगी पुलिस

पाकिस्तानी चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक पुलिस पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के 8 क्रिकेट मैच जारी रहने तक खान के जमान पार्क स्थित आवास की ओर नहीं बढ़ेगी. पीएलएस में विदेशी खिलाड़ी भी खेल रहे हैं.

सेना पीछे हटी तो समर्थकों में जश्न

पुलिस और अन्य सुरक्षा अधिकारियों को जमान पार्क से जाते देख इमरान खान के समर्थकों ने जश्न मनाया. उन्होंने रेंजर्स का पीछा किया, नारे लगाए. फिर पाकिस्तान तरहीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान गैस मास्क लगाए हुए अपने आवास से बाहर निकले. पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले.

पीटीआई उत्साह में

तहरीक ए इंसाफ ने कहा कि जमान पार्क में और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं. पार्टी ने कहा कि गठबंधन सरकार के ‘‘नापाक मंसूबों’’ को कामयाब नहीं होने देने का संकल्प लिया गया है. पुलिस से हालात काबू में न आने पर प्रशासन ने इमरान खान के आवास के बाहर सेना के जवानों को लगा दिया था.

सड़कों पर पत्थर पटे पड़े हैं और हबीब जालिब की गज़लों में वीडियो चल रहे हैं.

लाहौर के जमान पार्क में इमरान का घर

इमरान खान को गिरफ्तार करने गई पुलिस को रोकने के लिए पार्टी समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई. सड़कें आंसूगैस के गोलों, जले टायरों और वाहनों के मलबे से पड़ गईं. इस पाश इलाके में बुधवार को इमरान खान अपने आवास में नजरबंद रहे. सरकार ने पुलिसकर्मियों की मदद के लिए रेंजर्स भेजे. लेकिन समर्थकों के आक्रोश के सामने उन्हें भी पीछे हटना पड़ा.

सरकार इमरान को क्यों गिरफ्तार करना चाहती है

तोशाखाना मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद इस्लामाबाद पुलिस बख्तरबंद वाहनों के साथ पीटीआई प्रमुख खान को लाहौर स्थित उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. 70 साल के इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं.

क्या है तोशाखाना

1974 में स्थापित तोशखाना पाकिस्तान के कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है. यहां पर  अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए कीमती उपहारों को रखा जाता है.

जेल जाने के ले बैग तैयार कर लिया था इमरान ने

इमरान खान के मुताबिक उन्होंने जेल जाने के लिए अपना बैग तैयार किया था. इमरान का कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुलिस हिरासत में उनकी जान को खतरा होने के डर से आत्मसमर्पण नहीं करने दिया. इमरान का कहना है कि मारे गए पत्रकार अरशद शरीफ, पीटीआई नेता आजम स्वाति और शहबाज गिल के साथ पुलिस हिरासत में जो हुआ, उसे देखकर कार्यकर्ता मेरी जान को खतरे में पाकर डर गए हैं.  इमरान ने कहा कि उन्हें लगता है कि हिरासत में मुझे प्रताड़ित किया जाएगा और मार दिया जाएगा क्योंकि जिन लोगों से मेरी जान को खतरा है वे सत्ता में हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान में किसी भी राजनीतिक नेता के खिलाफ इस तरह के पुलिस हमले और क्रूरता कभी नहीं देखी।

इमरान ने कहा कि उनका अपहरण और हत्या करना चाहती है सरकार

इमरान खान का कहना है कि उन्होंने तोशखाना मामले को अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कहा तो सरकार ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. उन्होंने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया गया.

तोशखाना मामले में खान की गिरफ्तारी के आदेश के अनुपालन के लिए इमरान के आवास पहुंची पुलिस ने वहां जमा प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ दिया.  हालात बिगड़ने का अंदेशा होने पर खान सहित पीटीआई के विभिन्न नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जमान पार्क में जुटें. वहां कार्यकर्ता मानव ढाल बन गए.

कार्यकर्ता इमरान खान के आवास और पुलिस के बीच खड़े हो गए. पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन कार्यकर्ता पीछे नहीं हटे.

 

 

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