Khalistani supporters pull down Tricolour outside Indian High Commission in UK

भारत में अमृतपाल सिंह के खिलाफ सरकार की सख्ती के बाद खालिस्तान समर्थक उग्र हो गए हैं. उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के सामने लगे तिरंगे झंडे को उतार लिया. Khalistani supporters pull down Tricolour outside Indian High Commission in UK.

खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों ने लंदन स्थित भारतीय दूतावास के सामने लगे भारत के झंडे को उतारने की कोशिश की. इसका वीडियो वायरल होने के बाद भारत ने दिल्ली में स्थित ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान जारी कर ब्रिटेन सरकार से भारतीय राजनयिक परिसर को कड़ी सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि लंदन में भारतीय उच्चायोग के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा की कई हरकतों को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए नई दिल्ली में वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को 19 मार्च 2023 की देर शाम तलब किया गया और सुरक्षा व्यवस्था न होने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

क्या है मामला

पंजाब सरकार ने कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह तथा उसके समर्थकों के खिलाफ 18 मार्च 2023 को कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया. राज्य की पुलिस ने अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) से जुड़े लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ)’ चला रखा था. अमृतपाल के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) कौन है

कट्टरपंथ की राह पर आगे बढ़ने के पहले अमृतपाल सिंह दुबई में ट्रक चालक के तौर पर काम करता था. पुसिल के मुताबिक उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने तैयार किया और उसे खालिस्तान के पक्ष में उकसाना शुरू किया. अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को धमकी देते हुए खुले तौर पर भारत से अलगाव और खालिस्तान बनाने के बारे में बयान दिए. अमृतपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का भी समर्थन किया, जिनकी हत्या कर दी गई थी. इंदिरा गांधी को उनके ही अंगरक्षकों ने गोली मार दी थी वहीं जबकि बेअंत सिंह की हत्या आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह ने की थी. खालिस्तान समर्थक उपदेशक अमृतपाल सिंह ने बयान दिया कि पंजाब की मौजूदा हालात में कई दिलावर तैयार बैठे हैं.

खालिस्तान समर्थक (khalistan supporters) है अमृतपाल

2023 के गणतंत्र दिवस पर तरनतारन में अमृतपाल ने रैली की. उसके अलावा कई मीडिया साक्षात्कार दिए. इन सबमें उसने अलगाववाद और खालिस्तान के गठन का खुलकर समर्थन किया. उसने अपने इस मंसूबे को पूरा करने के लिए सिख युवकों को सशस्त्र विद्रोह को लिए भड़काया. अमृतपाल ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों के खिलाफ लोगों को लगातार उकसाया है. पंजाब के मोगा जिले में एक कार्यक्रम में अमृतपाल सिंह ने कहा था कि गैर-सिखों द्वारा संचालित सरकारों को पंजाब के लोगों पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है और पंजाब के लोगों पर केवल सिखों का शासन होना चाहिए.

खालिस्तान आंदोलन (khalistan movement) जैसा करने की कवायद में अमृतपाल

1984 में ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार’ के दौरान जरनैल सिंह भिंडरावाला नाम का कुख्यात आतंकी मारा गया था, जो सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान के लिए सशस्त्र विद्रोह का समर्थन कर रहा था. अमृतपाल उसी की तरह की पोशाक पहनता है. उसकी कोशिश है कि युवाओं की बीच वह भिंडरावाला जैसा नजर आए. इस समय अमृतपाल सिंह फरार है. उसका कथित तौर पर ‘इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन’ के प्रमुख लखबीर सिंह के साथ संबंध बताया जा रहा है.

लखबीर कई अपराधों में वांछित

लखबीर सिंह दिल्ली में सरकारी अधिकारियों पर हमले करने की साजिश रचने का आरोपी है. वह पंजाब में नफरत फैलाने और हथियारों की तस्करी के मामलों में वांछित है. सरकार के अधिकारियों के मुताबिक दुबई में रहने के दौरान अमृतपाल के लखबीर के भाई जसंवत से करीबी संबंध थे.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ

पंजाब सरकार के अधिकारियों का कहना है कि विदेश में रहने वाले सिख अलगाववादियों की मदद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ ने पंजाब में आतंकवाद को दोबारा फैलाने के लिए अमृतपाल सिंह को भारत में सक्रिय किया है. अधिकारियों के मुताबिक बाद में अमृतपाल ने आईएसआई की मदद से पंजाब में अपना संगठन मजबूत करना शुरू किया और उसने ‘खालसा वीर’ नामक अभियान की शुरुआत की. खालसा वीर अभियान के माध्यम से वह गांवों तक पहुंचा और ग्रामीण युवाओं में अपने को स्थापित करने की कोशिश की.

खालिस्तानी प्रदर्शनकारी (Khalistani protesters) सड़कों पर, अमृतपाल के समर्थन में पंजाब में उबाल

बड़ी संख्या में अमृतपाल सिंह के भक्त खड़े हो गए हैं. पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लुधियाना में प्रदर्शन की कोशिश कर रहे उसके कम से कम 21 समर्थकों को 19 मार्च को हिरासत में लिया गया. अमृतपाल समर्थकों को लुधियाना जिले के बोपराई कलां कस्बे में हिरासत में लिया गया. वहीं अमृतपाल जालंधर जिले में शनिवार को काफिला रोके जाने पर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था.

अधिकारियों ने कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है, पंजाब में इंटरनेट और एसएमएस सेवा स्थगित कर दी गई थी. लुधियाना रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कौस्तभ शर्मा ने कहा कि पुलिस ने उन्हें ‘धरना’ देने की अनुमति नहीं दी और हिरासत में ले लिया. पुलिस ने लुधियाना के नवांशहर, दाखा और सिधवन में फ्लैग मार्च किया.

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