विनोद अदाणी के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च ने क्या कहा था

विनोद अदाणी के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च ने क्या कहा था…. अदाणी मामले की जेपीसी जांच क्यों जरूरी है?

गौतम अदाणी के बड़े भाई को लेकर हिंडनबर्ग ने कई आरोप लगाए थे, विनोद अदाणी के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च ने क्या कहा था, उसका जवाब विनोद अदाणी के इस्तीफे से नहीं मिलता है. आरोप अभी भी अनुत्तरित बने हुए हैं.

गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी को लेकर शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई प्वाइंट्स के आरोप लगाए थे. विनोद अदाणी के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च ने क्या कहा था, इस पर न चर्चा हो रही है, न उन बिंदुओं पर कोई जांच हो रही है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने 88 सवालों की फेहरिश्त में अदाणी समूह से तीसरे सवाल में पूछा था कि, ‘बिजली आयात में ओवर-इनवॉइसिंग की DRI जांच के दौरान अदाणी ने दावा किया कि शेयरधारिता को छोड़कर विनोद अदाणी का “अदाणी ग्रुप आफ कंपनीज से किसी तरह का जुड़ाव नहीं है”. इस दावे के बावजूद 2009 के अदाणी पावर के लिए प्री-आईपीओ प्रॉस्पेक्टस के ब्योरे से पता चलता है कि वह अदाणी समूह की कम से कम 6 कंपनियों के निदेशक थे. क्या विनोद अदाणी के बारे में अदाणी समूह की ओर से नियामकों को दिए गए मूल बयान झूठे थे?’

हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक सवाल में विनोद अदाणी के बारे में पूछा है, ‘मॉन्टेरोसा इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स से जुड़ी इकाइयों की सामूहिक रूप से अदाणी स्टॉक में केंद्रित होल्डिंग्स में कम से कम 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है. मॉन्टेरोसा के सीईओ ने भगोड़े हीरा व्यापारी जतिन मेहता के साथ 3 कंपनियों में निदेशक के रूप में काम किया. जतिन मेहता के बेटे की शादी विनोद अदाणी की बेटी से हुई है. मॉन्टेरोसा और इसके फंड के साथ अदाणी परिवार का क्या रिश्ता है?’

और अब खबर आ रही है कि गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी ने अदाणी समूह की 3 कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन हिंडनबर्ग की ओर से उठाए गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिल सका है. यह सवाल निरुत्तरित है कि अदाणी समूह ने नियामकों को झूठे बयान क्यों दिए और अदाणी समूह को किसका संरक्षण मिला हुआ है,

कांग्रेस ने 26 अप्रैल, 2023 बुधवार को कहा कि ‘अडाणी महाघोटाले’ की सच्चाई जनता के समक्ष लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा इसकी जांच कराया जाना जरूरी है. पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन इस समिति का अधिकार क्षेत्र प्रतिभूति नियमों के उल्लंघन की जांच तक ही सीमित है. इसके अलावा समूह पर जो अन्य आरोप लगे हैं, उसके बारे में तभी जानकारी सामने आ सकती है, जब विस्तार से जांच हो.

रमेश ने कहा, ‘‘खबरों से पता चलता है कि गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद ने अदाणी समूह के ऑस्ट्रेलिया के बंदरगाहों और खनन परियोजनाओं से जुड़ी 3 कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है.’’ सवाल यह है कि इस्तीफा दे देने से ही क्या मामला सामान्य हो जाता है? इस मामले में अदाणी समूह द्वारा झूठ बोले जाने की क्या वजह हो सकती है. यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि कंपनी ने झूठे हलफनामे दायर किए थे कि उनके भाई किसी पद पर नहीं हैं. यह जांच होना जरूरी है कि ऐसा क्यों किया गया और इसके पीछे निहित स्वार्थ क्या था.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विनोद अदाणी पहले भी स्टॉक में हेराफेरी और ‘खातों में धोखाधड़ी’ के मामलों में संलिप्त रहे हैं. रमेश का कहना है कि कांग्रेस ने ‘हम अदाणी के हैं कौन’ प्रश्न श्रृंखला के तहत 16 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ सवाल किए थे. विनोद अडाणी से जुड़ी इकाइयों को राजस्व खुफिया निदेशालय ने संयुक्त अरब अमीरात में बिजली के उपकरणों की कीमत कम दिखाने से संबंधित घोटाले में संलिप्त पाया था. ऐसा आरोप है कि इसके माध्यम 5500 करोड़ रुपये भारत से बाहर भेज दिए गए. कांग्रेस का कहना है कि अदाणी मामले से संबंधित सभी प्रासंगिक पहलुओं की जांच करने और सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए इसकी जेपीसी से जांच जरूरी है.

 

 

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