सचिन पायलट

राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट बागी हो गए हैं. इसके पहले भी उन्होंने बागी तेवर अपनाए थे, लेकिन अब विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने शीर्ष नेतृत्व के सामने चुनौती खड़ी कर दी है.

राजस्थान में कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट बागी हो गए हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ जनसंघर्ष पद यात्रा कर डाली. अपने ही दल के मुख्यमंत्री को अल्टीमेटम दे डाला कि मांगें नहीं मानी गईं तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा. कांग्रेस नेतृत्व खामोश है और फिलहाल राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मौन रूप से बना हुआ है.

पायलट के साथ कौन कौन लोग हैं

सचिन पायलट के मंच पर पायलट समेत कांग्रेस के 15 विधायक मौजूद रहे. इसका मतलब यह है कि उनकी स्ट्रेंथ कम से कम 15 विधायकों की है, जिसमें राज्‍य सरकार के सैन‍िक कल्‍याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व वन मंत्री हेमाराम चौधरी, एससीएसटी आयोग के अध्‍यक्ष खिलाड़ीलाल बैरवा, विधायक जीआर खटाना, वेदप्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, वीरेंद्र चौधरी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर और रामनिवास गावड़िया शामिल हैं.

पांच दिन तक चली पदयात्रा

सचिन पायलट ने 5 द‍िन की पदयात्रा की शुरुआत गुरुवार 11 मई 2023 को अजमेर से की. राजस्थान की राजधानी जयपुर में जनसंघर्ष पदयात्रा का समापन सोमवार को हुआ. असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार को नोटिस दिया कि इस महीने के अंत तक अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो प्रदेश में राज्यव्यापी आंदोलन होगा.

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क्या हैं पायलट की मांगें

पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता सचिन पायलट का कहना है कि उनकी 3 मांगे हैं. पहली मांग राजस्‍थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, दूसरी मांग पेपर लीक से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और तीसरी मांग पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराना है.

पायलट ने आरपीएससी के अध्यक्ष और सदस्यों की चयन प्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि यह आम धारणा है कि यहां ‘जुगाड़’ काम करता है और नियुक्तियां राजनीतिक होती हैं.”

पूरे प्रदेश में आंदोलन की चेतावनी

सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने गांधीवादी तरीके से 1 दिन अनशन किया, जनसंघर्ष यात्रा निकाली. अगर महीने के आखिर तक कोई कार्रवाई नहीं होती तो पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे. पायलट का कहना है कि उनका संघर्ष क‍िसी नेता के खिलाफ नहीं है बल्कि भ्रष्‍टाचार के विरोध में है.

अशोक गहलोत पर सचिन पायलट ने साधा निशाना

सचिन पायलट ने कहा कि जो भी कांग्रेसी गुटबाजी व पार्टी में अनुशासन की बात करते हैं, उन्हें 25 सितंबर की घटना के बारे में सोचना चाहिए. पायलटने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी के साथ विश्‍वासघात किया गया. 25 सितंबर पार्टी को बेइज्‍जत करने काम किया गया, जिसने पार्टी के अनुशासन को तोड़ने का काम किया, वह अपने गिरेबान में झांकें. उन्होंने कहा कि गहलोत समर्थक विधायकों ने 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में न आकर मंत्री शांति धारीवाल के घर समानांतर बैठक की.

 

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