मणिपुर

मणिपुर में 3 मई, 2023 को शुरू हिंसा अभी जारी है. 125 लोग मारे गए, 3,000 घायल हुए, 70,000 लोग राहत शिविरों में हैं. मैतेई समाज ने अनुसूचित जनजाति बनाए जाने की मांग से आंदोलन शुरू किया. वह आंदोलन चर्चों व मंदिरों पर हमले तक पहुंच गया. मणिपुर अभी भी जल रहा है.

मणियों का प्रदेश मणिपुर इस समय खून खच्चर और हिंसा का प्रदेश बन गया है. मणिपुर में हिन्दू मैतेई और ईसाई कुकी में गृहयुद्ध को दो महीने हो गए। पहाड़ी इलाकों में कुकी रहते हैं. मैतेई समाज के नेता ओथाबाय के मुताबिक पहाड़ पर एक भी मन्दिर नहीं बचे, सारे मन्दिर तोड़ डाले गए हैं.

मणिपुर के राजा मैतेई थे और अभी उनके परिवार के लोग भाजपा में नेता हैं. और मैतेई लोग घाटी वाले इलाके में रहते हैं. वहां पर करीब 200 चर्च तोड़ी गई हैं.

मणिपुर में मैतेई समाज ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने से आंदोलन शुरू किया. और अब मामला यहां तक पहुँच गया है. कुकी समुदाय का कहना है कि आरक्षण की मांग को लेकर चर्चो पर हमले शुरू हो गए, जिसे सरकार ने नहीं रोका. उसके बाद मामला बढ़ता गया.

आज 7 जुलाई, 2023 की खबर यह है इम्फाल पश्चिम में बनाये गए ग्रामीणों के 20 बंकर असम राइफल्स ने नष्ट किए हैं. भीड़ ने सेना के हथियार लूटने के प्रयास किये और गोलीबारी में एक आदमी मारा गया. उसके अलावा एक मानसिक अक्षम महिला सहित दो अन्य नागरिकों को टॉर्चर करके उन्हें गोली मार दिया गया.

 

नए भारत के इतिहास में पहली बार धार्मिक हिंसा हुई है. इसके पहले विभिन्न मांगों, अलग राज्य  की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए हैं. राज्य में करीब 125 लोग मारे जा चुके हैं. 3000 से ज्यादा लोग जख्मी हैं और 70,000 से ऊपर लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.

इसके बावजूद लगता है कि भारत बहुत महान है. रूस बहुत सभ्य और विकसित देश है. लेकिन अपना ही हिस्सा रहे यूक्रेन पर मार बम, मार बम झोंके हुए है. मणिपुर में आपस मे लोग कट मर रहे हैं, भारत सरकार कम से कम मिसाइल वगैरा नहीं दाग रही है.

कौन हैं मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री हिंदू मैतेई परिवार में 1961 में हुआ. वह 18 साल की उम्र में फुटबॉलर बने. 1992 में राज्य टीम के लिए फुटबॉल खेला और पत्रकारिता से भी जुड़े रहे. 2002 में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपल्स पार्टी से राजनीति शुरू की और हिंगांग से विधायक बने. 2003 में कांग्रेस में शामिल हुए और विधायक बने. 2016 में उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ विद्रोह किया और वे भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में वह भाजपा के मुख्यमंत्री बन गए. 2022 में मणिपुर में 60 में से 32 सीट जीतकर भाजपा ने सत्ता में वापसी की. वीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने.

 

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