कांग्रेस आजकल अजीब अजीब हरकत कर रही है। उसने इतिहास्यकारों का एक गिरोह लगा रखा है, जिसका काम है फर्जीवाड़ा करना।
इस फर्जीवाड़े में यह हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी जिस भी स्वतंत्रता सेनानी या कांग्रेसी पर हाथ रख देती है, उसे यह इतिहास्यकार गिरोह तत्काल संघी, गद्दार और साम्प्रदायिक साबित करने लग जाता है। वह चाहे सरदार वल्लभभाई पटेल हों, चाहे बीडी सावरकर हों, चाहे हाल फिलहाल के ज्योतिरादित्य सिंधिया हों।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सुभद्रा कुमारी चौहान की एक कविता को इतिहास बताते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को खानदानी गद्दार घोषित कर दिया! इसलिए कि वह इस समय भाजपा में शामिल हो गए।
बसपा और मायावती/काशीराम के इस कुकर्म का मैं विरोधी रहा हूँ। काशीराम किसी नेता के बसपा से जाने के बाद सीधे बताते थे कि वह तो कुछ भी नहीं था, मैंने धूल से उठाकर उसको नेता बना दिया। यही काम मायावती और उनके भक्त करते रहे। मेरा तर्क यह रहता था कि कि भाई अगर वह बन्दा धूल ही था, उसकी कोई औकात नहीं थी तो आपने अपने साथ रखा ही क्यों? उसने 20 साल पार्टी के लिए काम किया तब समझ मे नहीं आया कि एक बेकार से गद्दार आदमी को साथ रखे हुए हो?
कांग्रेस भी वही हरकत कर रही है। वही जब महात्मा गांधी का दौर था तो 3 बार पार्टी के भीतर बाहर होने वाले सुभाष चन्द्र बोस के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने एक लाइन में निपटा दिया कि उनकी देशभक्ति पर सन्देह नहीं है, तरीका गलत था।
कांग्रेस और सिंधिया परिवार का करीब 50 साल रिश्ता रहा है। अब यह नए इतिहास्यकार बता रहे हैं कि वह पूरा खानदान ही गद्दार था। आपको आक्रामक सिंधिया के खिलाफ भी बोलना है तो आसानी से बोल दीजिए कि भटक गए हैं, या कह दीजिए कि आप लोग तो समझ ही रहे हैं कि नेताओ के पीछे ईडी सीबीआई लगी हुई है, चले गए, या कुछ भी इस तरह का बोलकर किनारे हो सकते हैं।
लेकिन सिंधिया खानदान को ही एक कविता के सहारे गद्दार साबित करने लग जाना तो सेल्फ गोल जैसा आत्मघाती कदम है। एमपी में इस बयान से पूरी सिंधिया कम्युनिटी को फील होगा कि उन्हें गाली दी जा रही है। उनके लिए भी यह गाली होगी जो सिंधिया परिवार से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। साथ ही इससे खुद कांग्रेस पर सवाल उठता है कि आपने एक गद्दार फेमिली को अपने साथ 50 साल जोड़े रहकर देश के साथ बड़ी गद्दारी की है!
2023-07-28