मोटापा एक बार आ जाए तो जाना बहुत मुश्किल

मोटापा आम समस्या है। फ़ूड हैबिट के कारण यह शहरी मध्यवर्ग में तेजी से फैल रहा है। मोटापे से अपने बच्चों को कैसे बचाएं, बता डरे हैं डॉ प्रदीप चौधरी…

जवान हो रहे मेरे छोटे दोस्तों,और जवान हो चुके बड़े दोस्तों।
अगर आप किसी भी कारणवश, रोज बाहर का खा रहे है,
आपकी जीभ की लम्बाई बढ़ चुकी है और
व्यायाम करने भी नहीं जा रहे हैं।
टीन एज का मोटापा खूब बढ़ रहा है, किसी भी स्कूल के बाहर खड़े होकर इसे आसानी से देखा जा सकता है।

एक वात महर्षि वाग्भट जी की सुनिए।

कार्श्यमेव वरं स्थौल्यात् न हि स्थूलस्य नेषजम् ।

स्थूल(मोटे) होने से कृश(दुबला) होना अच्छा है, क्योंकि स्थूलता की कोई सरल चिकित्सा नहीं है।

आचार्य चरक की सुनिए।

स्थौल्यका वर कार्थ्यं समोप- करणी हितौ’ ।
स्थूल पुरुष की सद्यः फलदायक कोई चिकित्सा नहीं है।

चरक ने कुछ निंदनीय लोगों का नाम लिया है, मोटा होना उसमें से एक है। (यहाँ पैथोलॉजिकल मोटापे की बात नहीं कही गयी है)।

तो आयुर्वेद के सारे बड़े आचार्य यह एकमत से कहतें हैं कि मोटापा आने ना दीजिए, आ गयी तो जाने में जान चली जायेगी।

इसलिए, शांति से घर का भोजन कीजिए, मैगी, मैक्रोनि, पस्ता टाइप चीजों से जो घर पर लेते हैं, छोड़ दीजिए, बाहर खाना तो पाप है ही।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *