कॉमरेड लाल बहादुर सिंह 

आम नागरिकों को समर्पित हैं यूपी बोर्ड से लेकर यूनिवर्सिटी के टॉपर रहे कॉमरेड लाल बहादुर सिंह 

कॉमरेड लाल बहादुर सिंह असाधारण व्यक्तित्व वाले साधारण इंसान हैं. उन्हें देखकर या उनसे मिलकर आप उनमें अत्यधिक सरलता, सहजता पाते हैं. जब आप उनसे बात करते हैं तो असाधारण विद्वता, ज्ञान और संवेदना के अंश पाते हैं.

समाज के उस तबके के लिए व्यापक सोच पाते हैं, जो वंचित हैं, दुखी हैं. इतना ही नहीं, अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और बेहतर लिखते हैं तब भी संभव है कि कॉमरेड की आप पर नजर हो. उनके साथ रहे और कभी कभार मिले लोगों ने सोशल मीडिया पर कॉमरेड को अपने अपने तरीके से शुभकामनाएं दी हैं.

भड़ास फॉर मीडिया के संस्थापक और तेज तर्रार पत्रकार रहे यशवंत सिंह लिखते हैं कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे लाल बहादुर जी ने पूरा जीवन सत्य, न्याय, समानता, मानवता के सिद्धांतों के पक्ष में मज़बूती से खड़े रहने और इसके लिए छात्रों नौजवानों को गोलबंद करने में व्यतीत किया. आज भी वो बहुत सारे मीडिया माध्यमों के ज़रिए अपनी वैचारिक प्रखरता और सक्रियता को क़ायम रखे हुए हैं. छात्र संगठन  आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा aisa) के आप संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं. इस घटना के तैंतीस साल हो गए. उन दिनों का एक गवाह, एक कार्यकर्ता मैं भी रहा हूँ. लाल बहादुर जी को मैं अपनी भाषा में संत पुरुष कहूँगा. उनके मन में प्रेम और करुणा लबालब भरा रहता है. उन्होंने अपना ‘मैं’ जाने कबका तिरोहित कर रखा है. उनका जीवन दूसरों को खुशहाल बनाने के लिए बीतता रहा. एलबी सर के बतौर मशहूर इस चिर युवा शख़्स को जन्मदिन की बहुत शुभकामनाएँ. दाढ़ी मूँछ की नई स्टाइल फब रही है क़ामरेड! कामरेड Lal Bahadur Singh जी का आज जन्मदिन है.

लाल बहादुर सिंह के नजदीकी और वरिष्ठ पत्रकार Nawal Kishore Singh (एनके सिंह) लिखते हैं… लाल बहादुर जी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड में पूरे राज्य के टॉपर थे और यूनिवर्सिटी में भी एकेडेमिकली सर्वश्रेष्ठ. अगर यह व्यक्ति आम सोच का होता तो यूपीएससी का टॉपर होता. लेकिन ऐसे महान व्यक्ति को एक झोला लिए किसी बस से उतरते देखना किसी भी विचारशील आदमी को अंदर से हिला देता है. उसे आत्ममंथन करने को मजबूर कर देता है.

आज आधुनिक विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मोहनदास करमचंद गांधी का भी जन्मदिन है. उन्हें याद करते हुए कॉमरेड लाल बहादुर सिंह ने लिखा है…. गाँधी के हत्यारों को- शरीर ही नहीं,  उनके सपनों और आदर्शों की हत्या करने वालों को सत्ता-संस्कृति-समाज से बहिष्कृत करिए ! यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी! नमन!

 

 

 

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