न्यूजक्लिक के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार प्रवीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर सस्पेंस कुछ कम किया है. पुलिस प्रवक्ता सुमन नलवा ने कहा है कि अब तक न्यूज क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि चक्रवर्ती किस तरह से न्यूजक्लिक से जुड़े हैं.

पुलिस ने यह भी कहा कि संदेह के दायरे में आए 37 पुरुषों से दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के कार्यालय में पूछताछ की गई है, जबकि 9 महिला संदिग्धों से उनके आवास पर पूछताछ की गई है. इस तरह से पुलिस के मुताबिक 46 लोगों से पूछताछ की गई है. पुलिस ने आधिकारिक बयान में कहा है कि इन लोगों के डिजिटल उफकरण व अन्य दस्तावेज जांच के लिए जब्त किए गए हैं.

ये गिरफ्तारियां और पूछताछ पोर्टल के विदेश से फंडिंग को लेकर की गई है. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने आतंक विरोधी कानून यूएपीए के तहत 30 स्थलों पर तलाशी की, जिनमें पोर्टल कार्यालय से लेकर पत्रकारों के घरों की तलाशी शामिल है. अधिकारियों ने कहा कि अभी प्रक्रिया चल रही है.

पत्रकारों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न संगठनों ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उससे जुड़े पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी की निंदा की. कुछ ने दावा किया कि यह प्रेस की स्वतंत्रता को अवरुद्ध करने का प्रयास है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने बयान जारी कर कहा कि वह 3 अक्टूबर 2023 को सुबह वरिष्ठ पत्रकारों के घरों पर छापों को लेकर अत्यंत चिंतित है. उसने कहा कि ये छापे मीडिया की आवाज बंद करने का एक और प्रयास हैं. गिल्ड ने कहा, ‘हम सरकार को एक लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया के महत्व की याद दिलाना चाहते हैं और अनुरोध करना चाहते हैं कि चौथे स्तंभ का सम्मान किया जाए और संरक्षण किया जाए.’ उसने कहा, ‘हम मानते हैं कि यदि वास्तविक अपराध शामिल है तो कानून को अपना काम करना चाहिए और उचित प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. विशिष्ट अपराधों की जांच में कठोर कानूनों की छाया के तहत डराने-धमकाने का सामान्य माहौल नहीं बनना चाहिए, या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर और असहमति तथा आलोचनात्मक आवाज पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए.’

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि वह ‘न्यूजक्लिक’ से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के आवासों पर छापों को लेकर बहुत चिंतित है. उसने कहा, ‘हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। पीसीआई पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ी है और सरकार से विवरण पेश करने की मांग करती है.’ पुलिस कार्रवाई के खिलाफ यहां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक आकस्मिक बैठक भी बुलाई गई. बैठक में मीडिया की आजादी को बचाने के लिए प्रदर्शन करते रहने का संकल्प लिया गया.

इंडियन वुमेन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां मीडिया का उत्पीड़न कर रही हैं जो बंद होना चाहिए. उसने एक बयान में कहा, ‘कोई भी जीवंत लोकतंत्र जीवंत नहीं रहेगा, यदि मीडिया को स्वतंत्रता से सरकार की नीतियों का विश्लेषण करने की अनुमति नहीं हो.’

आईडब्ल्यूपीसी ने कहा कि जिस तरह से मीडिया के कुछ वर्गों को इसलिए बार बार निशाना बनाया जा रहा है कि उन्होंने सरकार की कुछ नीतियों के बारे में चिंता जताई है, तो यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार को बहुत खराब तरीके से दर्शाता है.

मुंबई प्रेस क्लब ने भी ‘गहरी चिंता’ प्रकट करते हुए इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की.

फॉरेन करेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) ऑफ साउथ एशिया ने कहा कि वह पत्रकारों पर हाल के दिनों में छापों की कार्रवाई से बहुत चिंतित है. उसने एक बयान में कहा कि पत्रकारिता किसी लोकतांत्रिक समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ है और प्रेस की आजादी किसी लोकतंत्र की बुनियादी है. संगठन ने कहा, ‘हम समझते हैं कि कानून का शासन महत्वपूर्ण है और ऐसी कार्रवाई एक समाचार संगठन के खिलाफ प्राथमिकी पर आधारित है तथा जांच चल रही है. हालाकि, एफसीसी अधिकारियों से पत्रकारों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करने और भारत के संविधान के अनुसार प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह करता है.’

समाचार पोर्टल के पत्रकारों पर पुलिस कार्रवाई पर चिंता जताते हुए डिजिपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन ने कहा, ‘उन्हें हिरासत में लिया गया है, उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए गए हैं. यह सरकार के मनमाने और धमकाने वाले व्यवहार का एक और उदाहरण है. हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं.’

नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (दिल्ली इकाई) ने एक अलग बयान में पुलिस के छापों की निंदा की. इसमें कहा गया है कि भाषा सिंह, उर्मिलेश, प्रबीर पुरकायस्थ, परंजॉय गुहा ठाकुरता, तीस्ता सीतलवाड, अभिसार शर्मा, अनिंद्य चक्रवर्ती, महेश कुमार, सुबोध वर्मा, अदिति निगम, मुकुंद झा और कई अन्य लोगों के आवासों पर आज सुबह छापेमारी की गई. बयान में दावा किया गया कि कई मीडिया कर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है.

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार सुबह छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने एक नया मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी ‘न्यूजक्लिक’ के वित्त पोषण के स्रोतों की जांच के तहत कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे. विशेष प्रकोष्ठ केंद्रीय एजेंसी से मिली जानकारी के आधार पर छापे मार रहा है. ♠

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