सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जबकि 2018 में 3,70,403 दुर्घटनाएं हुई थीं. हालांकि कोविड-19 की बंदी में दुर्घटनाएं कम हुई थीं और अर्थव्यवस्था खुलने के साथ दुर्घटनाओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई.
2020 की बंदी में जहां दुर्घटनाएं कम होकर 3,72,181 रह गई थीं जो 2021 में बढ़कर 4,12,432 हो गईं और 2022 में 4,61,312 पर पहुंच गईं. यानी 2019 के 4,56,959 की तुलना में 2022 में दुर्घटनाएं बढ़कर 4,61,312 पर पहुंच चुकी हैं.
अगर दुर्घटना से मौत की बात करें तो 2022नमें 1,68,491 लोगों की जान चली गई जबकि 4,43,366 लोग घायल हो गए थे. मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की तुलना में सड़क हादसों की संख्या में 11.9 प्रतिशत बढ़ी है और उनसे होने वाली मृत्यु की दर 9.4 प्रतिशत बढ़ी. हादसों में घायल होने वाले लोगों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 में कुल 4,61,312 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 1,51,997 यानी 32.9 प्रतिशत हादसे एक्सप्रेसवे एवं राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर हुए. वहीं 1,06,682 यानी 23.1 प्रतिशत हादसे राज्य राजमार्गों जबकि 2,02,633 यानी 43.9 प्रतिशत हादसे अन्य सड़कों पर हुए.
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में सड़क हादसों में कुल 1,68,491 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 61,038 यानी 36.2 प्रतिशत लोगों की जान राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुए हादसों, 41,012 यानी 24.3 प्रतिशत की मौत राज्य राजमार्गों पर और 66,441 यानी 39.4 प्रतिशत लोगों की जान अन्य सड़क हादसों में गई. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की यह वार्षिक रिपोर्ट राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त आंकड़ों और जानकारी पर आधारित है। यह जानकारी एशिया- शांत सड़क दुर्घटना डेटा (एपीआरएडी) आधार परियोजना के तहत एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) द्वारा मानकीकृत प्रारूपों में जुटाई जाती है.