बदायूं के एक अधिकारी ने संविधान को ताख पर रखते हुए राज्यपाल को समन भेजने का अद्भुत कारनामा कर डाला, जिसके लिए उसे निलंबित कर दिया गया है.
जिले की सदर तहसील क्षेत्र के लोड़ा बहेड़ी गांव की जमीन के अधिग्रहण के एक मामले में अधिकारी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को समन भेज दिया. इस मामले में राज्यपाल के विशेष सचिव ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की. जिलाधिकारी ने आरोप की जांच करते हुए भेजने वाले उपजिलाधिकारी और लेखपाल को निलंबित कर दिया.
बदायूं के जिलाधिकारी मनोज कुमार के मुताबिक सदर तहसील के उपजिलाधिकारी (न्यायिक) विनीत कुमार को घोर लापरवाही के आरोप में 1 नवंबर 2023 को निलंबित कर दिया गया. साथ ही उपजिलाधिकारी के पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है.
बदायूं सदर तहसील के लोड़ा बहेड़ी गांव के रहने वाले चंद्रहास ने जमीन अधिग्रहण के एवज में मिले मुआवजे से जुड़े एक मामले में लेखराज नामक व्यक्ति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पक्षकार बनाया. उसने सदर तहसील के उपजिलाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की थी. चंद्रहास के आरोपों के मुताबिक उसके एक रिश्तेदार ने उनकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति अपने नाम पर लिखवा ली और बाद में जमीन बेच दी.
बाद में सरकार ने 12 लाख रुपये का मुआवजा देकर उसका अधिग्रहण कर लिया. याचिका पर उपजिलाधिकारी (न्यायिक) विनीत कुमार की अदालत से पिछले 7 अक्टूबर को जमीन खरीदने वाले व्यक्ति और राज्य की राज्यपाल को उप्र राजस्व संहिता की धारा 144 के तहत 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी कर दिया.
10 अक्टूबर को जब समन राज्यपाल आवास पहुंचा तो हड़कंप मच गई. राज्यपाल के विशेष सचिव ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की. राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि उपजिलाधिकारी को बताया जाए कि राज्यपाल को समन या नोटिस जारी करना संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है. साथ ही जिलाधिकारी को मामले की जांच करने और रिपोर्ट देने का आदेश भी दिया गया. उसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी.
इसी क्रम में शासन ने उपजिलाधिकारी विनीत कुमार को निलंबित कर दिया. बदायूं जिलाधिकारी के मुताबिक यह मामला गंभीर और घोर लापरवाही का था इसलिये कुमार को निलंबित किया गया है.
2023-11-02