कभी कभी आपका कोई प्रिय मित्र अचानक आपसे दूरी बना लेता है। हर तरह के संबंध खत्म कर देता है। यह बहुत बड़ा मानसिक झटका होता है। आइए जानते हैं कि कोई घनिष्ठ मित्र ने अचानक आपसे दूरी बना ली तो क्या करें?
जब हम ‘घोस्टिंग’ (अचानक किसी से दूरी बनाना) के बारे में बात करते हैं, तो आम तौर पर हम यही मानते हैं कि किसी लड़के/लड़की का अपनी प्रेमी/प्रेमिका से अलगाव हो गया है, लेकिन तब क्या होता है, जब बचपन का कोई घनिष्ठ मित्र, माता पिता या आपकी संतान अचानक आपसे दूरी बना ले।
ऐसे हालात को समझाना कठिन हो सकता है, तथा इनसे उबरना और भी कठिन है। यह आश्चर्यजनक रूप से आम बात भी है।
उदाहरण के लिए एक अध्ययन से पता चला है कि 38.6 प्रतिशत लोगों को उनके दोस्तों ने ही भूला दिया या उनसे दूरी बना ली। तो लोग अपने सबसे करीबी लोगों को क्यों भूल जाते हैं? पीछे छूट गए लोगों पर इसका क्या असर होता है? आप आगे कैसे बढ़ते हैं? घोस्टिंग क्या है?
‘घोस्टिंग’ का आशय है जब कोई व्यक्ति अचानक या धीरे-धीरे बिना कोई कारण बताए पूरी तरह से बातचीत बंद कर देता है। चाहे वह दोस्त हो, परिवार का सदस्य हो या प्रेमी-प्रेमिका, इसके लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं – संदेश का जवाब नहीं दिया जाता या कॉल अनसुनी कर दी जाती हैं।
कभी कभी आपके साथ सभी तरह का संचार बंद कर दिया जाता है, उन रिश्तों के विपरीत जो समय के साथ धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं। अचानक अलगाव का सामना करने वाले व्यक्ति के लिए यह गहरे दुख की बात हो सकती है।
लोग अपने परिवार और दोस्तों को अचानक क्यों भूल जाते हैं? लोग अक्सर अपने दोस्तों को भी उन्हीं कारणों से भूल जाते हैं जिन कारणों से वे अपनी प्रेमी या प्रेमिका को भूल जाते हैं।
संक्षिप्त या अनौपचारिक प्रेम प्रसंग या दोस्ती में ‘घोस्टिंग’ ज्यादा आम है, और ज्यादा स्वीकार्य भी मानी जाती है। यही वह समय होता है जब लोग ‘घोस्टिंग’ इसलिए कर सकते हैं क्योंकि उनकी रुचि खत्म हो जाती है, वे टकराव से बचना चाहते हैं या रिश्ते को सीधे खत्म करने की बजाय ये तरीका ज्यादा आसान लगता है।
लोग अक्सर ‘घोस्टिंग’ का विकल्प चुनते हैं क्योंकि वे दूसरे व्यक्ति को अस्वीकृति के दर्द से बचाना चाहते हैं। लेकिन ऐसा कम ही होता है। किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा भुला दिया जाना जो लंबे समय से आपका करीबी रहा हो, अक्सर दुखदायी होता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु होने से व्यक्ति गहरे दुख से गुजरता है। शुरुआती सदमे के बाद, अक्सर गुस्सा और उदासी होती है।
अगर आप ‘घोस्टिंग’ का सामना कर रहे हैं तो इससे कैसे निपटें? इसका कोई आसान समाधान नहीं है और अगर कोई व्यक्ति आपसे बात नहीं करना चाहता, तो आप उसे इसके लिए मजबूर नहीं कर सकते। लेकिन शोध कुछ ऐसी रणनीतियों की ओर इशारा करते हैं जो आपको आगे बढ़ने और इस तकलीफ को कम करने में मदद कर सकती हैं।
अपनी भावनाओं को स्वीकार करें
अचानक अलगाव या किसी के भुला दिए जाने पर दुख जैसी भावनाएं एक सामान्य प्रतिक्रिया है। अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और उन्हें स्वस्थ तरीकों से व्यक्त करें। यह अपनी भावनाओं को दबाने से बेहतर है क्योंकि यह अवसाद, खुद को कमतर समझना और कमजोर स्वास्थ्य का कारण बन सकता है।
सामाजिक सहयोग लें
सामाजिक सहयोग कई मानसिक स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है। अपने अनुभव दोस्तों, परिवार या किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से साझा करें। इससे अकेलेपन की भावना कम करने में मदद मिल सकती है।
चिंतन के बजाय आत्म-करुणा को चुनें
जो हुआ उसे बार-बार दोहराने और यह सोचने के जाल में फंसना आसान है कि क्या गलत हुआ। लेकिन इससे दुख लंबा खिंच सकता है और आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। इसके बजाय, अपने साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप किसी करीबी दोस्त के साथ करते हैं – दया, करुणा और देखभाल। आत्म-करुणा को चिंतन, चिंता और अवसाद को कम करने से जोड़ा गया है।
(द कनवर्सेसन)