प्रधानमंत्री पद की दावेदार ताकाइची ने जापान को फिर से ‘उगता सूरज’ बनाने के लिए राजकोषीय विस्तार का वादा किया

प्रधानमंत्री पद की दावेदार ताकाइची ने जापान को फिर से ‘उगता सूरज’ बनाने के लिए राजकोषीय विस्तार का वादा किया है। उन्होंने जापान को तमाम तकनीक में अग्रणी बनाने सहित कई वायदे किए हैं।

जापान की नेता सनाई ताकाइची ने शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का दांव खेला है। उन्होंने 10 वर्षों के भीतर अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के उद्देश्य से विकास के लिए एक मास्टर प्लान पेश किया, जिसमें सरकारी खर्च और लक्षित कर राहत का वादा किया है।
उन्हें और कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेतृत्व करने की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
ताकाइची ने कहा, “मैंने कभी भी राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता से इनकार नहीं किया है, जो निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा, “लेकिन महत्वपूर्ण बात विकास है। मैं जापान को एक बार फिर उगते सूरज की एक जोरदार भूमि बनाऊंगी।” उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और बैटरी टेक्नॉलजी जैसे क्षेत्रों में सरकार के नेतृत्व वाली पहलों के लिए फंडिंग का वादा किया।
इसके अलावा उन्होंने टेक-होम वेतन को बढ़ावा देने के लिए कर क्रेडिट, घरेलू सेवाओं के लिए कटौती और इन-हाउस चाइल्डकेयर प्रदान करने वाली फर्मों के लिए कॉर्पोरेट ब्रेक का वादा किया।
ताकाइची खुद को बदलाव करने वाले के उम्मीदवार के रूप में पेश कर रही हैं। साथ ही वह पारंपरिक मूल्यों का बचाव भी समर्थन करती हैं।
परमाणु संलयन से लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य और खेती तक के विषयों पर एक भाषण में ताकाइची ने परमाणु संयंत्रों को फिर से शुरू करने और एक नैशनल इंटेलिजेंस एजेंसी स्थापित करने का भी वादा किया। उन्होंने संवेदनशील उद्योगों में विदेशी निवेश की जांच के लिए एक नया पैनल स्थापित करने का वादा किया और विदेशियों द्वारा भूमि की खरीद पर नियमों की समीक्षा करने का आह्वान किया।
आर्थिक सुरक्षा और आंतरिक मंत्री के रूप में काम कर चुकीं ताकाइची ने कहा कि वह जापान की सेना को मजबूत करना चाहती हैं, लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह जीडीपी का कितना हिस्सा रक्षा पर खर्च करना चाहती हैं।
उन्होंने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि प्रधानमंत्री बनने पर वह टोक्यो में विवादास्पद यासुकुनी युद्ध मंदिर जाना जारी रखेंगी या नहीं। लगभग दो दशकों से किसी भी पदासीन जापानी प्रधानमंत्री ने चीन, दक्षिण कोरिया और अन्य एशियाई पड़ोसियों को परेशान करने से बचने के लिए मंदिर का दौरा नहीं किया है, जो इसे जापान की युद्धकालीन आक्रामकता के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
ताकाइची ने कहा कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री चुना जाता है, तो वह जापान की प्रोफाइल को बढ़ाने के लिए महीने में कम से कम एक बार विदेश यात्रा करेंगी।

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