थाईलैंड और कंबोडिया के बीच फिर झड़प शुरू हो गई है। सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों ने गोले दागे और संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ था, उसके बाद दोनों देशों की सेनाएं पहली बार सीमा पर भिड़ी हैं।
थाईलैंड के पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र में थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच हाल ही में हुई झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को फिर से उजागर कर दिया है। इस संघर्ष में गोलियां चलीं और ग्रेनेड दागे गए, जो जुलाई 2025 में अमेरिका समर्थित युद्धविराम समझौते के बाद पहली बड़ी सैन्य झड़प है। यह घटना उबोन रत्चाथानी प्रांत के चोंग एन मा इलाके में हुई, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झड़प का विवरण
थाई सेना के प्रवक्ता विन्थाई सुवरी ने शनिवार को एक बयान में बताया कि कंबोडियाई सैनिकों ने चोंग एन मा इलाके में गोलीबारी शुरू की, जिसके जवाब में थाईलैंड की सुरनारी टास्क फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया और उचित जवाबी कार्रवाई का आदेश दिया गया। थाई पक्ष ने किसी भी हताहत या चोट की सूचना नहीं दी है।
दूसरी ओर, कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि थाई सैन्य बलों ने पहले उनके अन सेह सैन्य अड्डे पर छोटे हथियारों और मोर्टार राउंड से हमला किया। कंबोडियाई सशस्त्र बलों ने बयान में कहा कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
संघर्ष का इतिहास
यह ताजा झड़प मई 2025 में शुरू हुए तनाव का हिस्सा है, जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया। जुलाई में, थाईलैंड की तत्कालीन प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा को कदाचार के आरोपों के कारण संवैधानिक न्यायालय ने पद से हटा दिया। उनके कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन के साथ लीक हुई निजी फोन कॉल को नैतिक उल्लंघन माना गया, जिसने स्थिति को और जटिल कर दिया।
युद्धविराम और कूटनीतिक प्रयास
जुलाई 2025 में अमेरिका समर्थित युद्धविराम समझौते के बावजूद, दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने सीमा विवाद को शांतिपूर्वक हल करने की प्रतिबद्धता जताई है। 26 सितंबर 2025 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में थाईलैंड और कंबोडिया ने अमेरिका और मलेशिया के साथ सीमा तनाव को कम करने के लिए चर्चा की।
थाईलैंड के विदेश मामलों के मंत्री सिहासक फुआंगकेटक्यू ने कहा कि इन चर्चाओं में कोई बाध्यकारी शर्तें नहीं रखी गईं, लेकिन इससे सभी पक्षों को तनाव कम करने के उपायों पर विचार व्यक्त करने का अवसर मिला। उन्होंने जोर देकर कहा कि थाईलैंड इन परामर्शों को सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस मुद्दे को हल करने में ईमानदारी की परीक्षा के रूप में देखता है।
क्षेत्रीय प्रभाव
यह झड़प दक्षिण पूर्व एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक चुनौती बन सकती है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है, विशेष रूप से प्रीह विहार मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों को लेकर। विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों को कूटनीतिक वार्ता और क्षेत्रीय संगठनों जैसे आसियान के माध्यम से तनाव को कम करने की आवश्यकता है।
भविष्य की संभावनाएं
थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ने शांतिपूर्ण समाधान की इच्छा जताई है, लेकिन हाल की घटना ने विश्वास की कमी को उजागर किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका और मलेशिया, इस मुद्दे पर मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी शांति के लिए दोनों देशों को सैन्य तैनाती कम करने और पारदर्शी संवाद स्थापित करने की दिशा में काम करना होगा।
इस बीच, सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद है कि कूटनीतिक प्रयास जल्द ही तनाव को कम करने में सफल होंगे।
थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री का कंबोडिया से सीमा विवाद सुलझाने का वादा
थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री ने सोमवार 29 सितंबर 2025 को सांसदों को बताया कि उनकी सरकार देश की आर्थिक परेशानियों का समाधान करेगी। साथ ही कंबोडिया के साथ चल रहे सीमा संघर्ष का समाधान कूटनीति के माध्यम से निकालेगी और एक नए और अधिक लोकतांत्रिक संविधान के लिए प्रयास करेगी।
अनुतिन चार्नविराकुल के सामने खुद की तय की गई समय सीमा है। पीपुल्स पार्टी ने इस शर्त पर उनका समर्थन किया है कि वह 4 महीनों में चुनाव कराएंगे।पीपुल्स पार्टी के पास संसद में सबसे अधिक सीटें हैं। उन्हें इस महीने की शुरुआत में संसद के लिए चुना गया था।
उन्होंने सोमवार को संसद में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि उनकी सरकार देश की संवैधानिक राजशाही को बनाए रखने के लिए जनमत संग्रह और सार्वजनिक भागीदारी का समर्थन करेगी।
अनुतिन ने भ्रष्टाचार और अपराध से निपटने और “थाई लोगों में विश्वास और खुशी बहाल करने” का भी वादा किया। अनुतिन चार महीने की समय सीमा से बंधे हैं।
अनुतिन ने कहा कि थाई सरकार घरेलू ऋण से भी राहत दिलाने और बिजली, पेट्रोल और परिवहन की बढ़ती लागत को कम करने की कोशिश करेगी, और व्यापार युद्धों और अमेरिकी टैरिफ नीति से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कदम उठाएगी।
उन्होंने सांसदों को बताया कि वह इस बात पर जनमत संग्रह के लिए जोर देंगे कि थाईलैंड को कंबोडिया के साथ सीमा मुद्दों पर मौजूदा समझौता ज्ञापन को रद्द करना चाहिए या नहीं।
दोनों पड़ोसियों ने जुलाई के अंत में पांच दिनों का सशस्त्र संघर्ष किया, जिसमें दर्जनों नागरिक और सैनिक मारे गए और 2,60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। देशों के प्रतिस्पर्धी क्षेत्रीय दावों का समाधान नहीं हुआ है, और युद्धविराम समझौते के बावजूद आगे लड़ाई का खतरा बना हुआ है।
अनुतिन ने यह भी कहा कि सरकार अवैध जुए पर नकेल कसेगी और देश की प्राकृतिक आपदा चेतावनी प्रणाली में सुधार, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण से निपटने का प्रयास करेगी।
भूमजैथाई पार्टी के प्रमुख अनुतिन, फ्यु थाई पार्टी की पेटोंगटार्न शिनावात्रा के उत्तराधिकारी बने। कंबोडिया के सीनेट अध्यक्ष हुन सेन के साथ राजनीतिक रूप से समझौता करने वाली फोन कॉल पर नैतिकता के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

