Adani group Debt crisis : हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद कर्ज को लेकर उठ रहे सवाल का जवाब देने की कवायद में अदाणी समूह
शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद चौतरफा पिटे अदाणी समूह ने प्राइवेट प्लेसमेंट नोट्स और चल रहे कामकाज से आने वाली नकदी के माध्यम से कर्ज के पुनर्भुगतान की तैयारी की है. अदामी ग्रुप के अधिकारियों ने एक कॉल में इन्वेस्टर्स को यह जानकारी दी है. कंपनी लगातार निवेशकों को यह बताने की कोशिश कर रही है कि उसके पास न तो नकदी की कमी है और न ही परिचालन को लेकर कोई संकट है.
तेज बिकवाली से संकट में फंसे अदाणी समूह ने अदाणी ग्रीन एनर्जी के बॉन्ड के बकाये का भुगतान 2024 में जून के अंत तक करना है. ब्लूमबर्ग की एक खबर के मुताबिक कर्ज का रिफाइनैंस दीर्घावधि प्राइवेट प्लेसमेंट नोट्स के माध्यम से हो सकता है, जिसकी परिवक्वता 15 साल होगी.
अदाणी समूह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद निवेशकों का भरोसा कायम करने का हर संभव प्रयास कर रही है, जिसमें रिफाइनैंस को नियमित करना, अन्य परिचालन को दुरुस्त रखना, आरोपों का जवाब देना आदि आदि शामिल है.
अदाणी समूह के प्रबंधन की यह भी कवायद है कि अगले साल तक वह कर्ज को घटाकर एबिटा (Ebitda- Earning before interest, taxes, depreciation, and amortization) के तीन गुने के नीचे ले आए, जो अभी 3.2 प्रतिशत है.
अदाणी समूह कारोबार के विभिन्न क्षेत्रों में घुसी पड़ी है. हाल के दिनों में आकाश से लेकर धरती और पाताल तक अपना कारोबार बढ़ाया है. एयरपोर्ट, पोर्ट, खनन, ऊर्जा, कृषि सहित हर क्षेत्र में कंपनी का दखल है.
अदाणी समूह के अधिकारियों का कहना है कि अदाणी ट्रांसमिशन स्टेप वन लिमिटेड अगले 12 महीने में 39 करोड़ डॉलर बकाया चुकाना है. इसका भुगतान कंपनी के चल रहे कामकाज से आने वाली नकदी से कर दिया जाएगा.
हाल के वर्षों में अदाणी समूह ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से 8 अरब डॉलर से ज्यादा धन जुटाया है और कंपनी विदेशी मुद्रा में ऋण जुटाने पर विचार कर रही थी. वहीं हिंडनबर्ग ने खेल खराब कर दिया है. निवेशकों को अब इसे लेकर चिंता हो गई है. इसकी वजह से अब बॉन्डों के नए सौदों में अदाणी समूह के लिए कर्ज की लागत बढ़ सकती है.
इंडियन ऑयल ने दी अदाणी गैस सौदे पर सफाई
अदाणी ग्रुप के साथ जुड़ाव को लेकर निशाने पर आई केंद्र सरकार की कंपनी इंडियन ऑयल ने कई ट्वीट करके स्थिति साफ की है. सांसद महुआ मोइत्रा ने एक ट्वीट में लिखा, ‘Brazen theft – @HardeepSPuri @CVC_India @Shipmin_India. No tender. No CVC norms. Moving business from Vizag Port to Gangavaram. Skimming from coal, skimming from gas, now skimming from ‘chula’ in every household. Shame!’
मोइत्रा के अलावा भी कई ट्विटर हैंडल पर अदाणी और इंडियन ऑयल के संबंधों और सरकारी कंपनी द्वारा अदाणी समूह को लाभ पहुंचाने के ट्वीट घूमने लगे.
इसके बाद इंडियन ऑयल ने एक के बाद एक 7 ट्वीट करते हुए बताया कि आईओसी बीडी कांडला, मुंद्रा, पिपावाव, दाहेज, मुंबई और मंगलौर, हल्दिया, विजग और एन्नौर पोर्ट से एलपीजी का आयात करती है. अपने ट्वीट में इंडियन ऑयल ने अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन के साथ सौदे का ब्योरा दिया. महुआ मोइत्रा इनवेस्टमेंट बैंकर रही हैं और इस समय वह बंगाल से सांसद हैं. पहले भी अदाणी समूह को लेकर वह मुखर रही हैं, जिनका जिक्र हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में भी किया है।
.@MahuaMoitra IOC imports #LPG from various ports including BD Kandla, Mundra, Pipavav, Dahej, Mumbai & Mangalore on West Coast & Haldia, Vizag & Ennore on the East. https://t.co/i8iOzwf9UW
— Indian Oil Corp Ltd (@IndianOilcl) February 16, 2023
ग्रांट थॉर्नटन से ऑडिट कराने को लेकर भी सफाई
कई एजेंसियों से खबरें आई थीं कि हिंडनबर्ग संकट के बाद अदाणी समूह ने ग्रांट थॉर्नटन से ऑडिट कराने की खबर को बाजार की अफवाह बताया है. खबरें यह थीं कि अदाणी समूह अपने बही खाते की ऑटिड कराने के लिए वैश्विक कंपनी ग्रांट थॉर्नटन को हायर किया है. कहा गया था कि कंपनी अपनी छवि सुधारने और सब कुछ सही है, यह साबित करने की कवायद के तहत यह कदम उठा रही है.