अदाणी समूह

अदाणी समूह की 3 कंपनियों ने गिरवी रखे शेयर

भारतीय स्टेट बैंक के लिए अदाणी समूह की कंपनियों ने गिरवी रखे हैं शेयर

अदाणी समूह की 3 कंपनियों ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लिए अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं. बंबई स्टॉक एक्सचेंज को 10 फरवरी, 2023 को दी गई सूचना के मुताबिक अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Ltd) अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी (SBICAP Trustee Co) के पास शेयर गिरवी रखे हैं.

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की 24 जनवरी, 2023  को आई रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह की मार्के0ट वैल्यू 100 अरब डॉलर से ज्यादा गिर चुकी है.  भारतीय स्टेट बैंक ने अदाणी समूह को सबसे ज्यादा कर्ज दिए हैं.

एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की एक इकाई है.  ट्रस्टी ने कहा है कि उसके पास अदाणी पोर्ट्स के गिरवी शेयर अब 0.65 प्रतिशत से बढ़कर 1 प्रतिशत, अदाणी ट्रांसमिशन के शेयर 0.44 प्रतिशत से बढ़कर 0.55 प्रतिशत और अदाणी ग्रीन के शेयर 0.68 प्रतिशत से बढ़कर 1.06 प्रतिशत हो गए हैं.

भारतीय स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा है कि अतिरिक्त गिरवी 300 मिलियन डॉलर के लेटर आफ क्रेडिट का एक हिस्सा है, जो एक बैंक से दूसरे बैंक को किए गए भुगतान की गारंटी के रूप मे दिया गया था. यह धन एसबीआई द्वारा अदाणी समूह की ऑस्ट्रेलिया स्थित कारमाइकल कोल माइनिंग परियोजना  के लिए दिया गया था.

एसबीआई ने एक बयान में कहा कि किसी भी कर्ज के लिए गिरवी रखी गई संपत्ति की हर महीने के अंत में समीक्षा की जाती है. अगर कोई मार्क-टु-मार्केट लॉस होता है तो गिरवी रखी संपत्ति की मात्रा बढ़ाई जाती है. एसबीआई के मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षा के रूप में इस तरह के शेयर गिरवी रखने की प्रक्रिया अपनाई जाती है. ऐसे शेयरों के बदले एसबीआई की ओर से अतिरिक्त पैसा या कर्ज नहीं दिया जाता है.

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भारत के अरबपति गौतम अदाणी की कंपनी को 24 जनवरी, 2023 के बाद से 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा मार्केट वैल्यू गंवाना पड़ा है. 24 जनवरी अदाणी के लिए काला दिन साबित हुआ जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाए थे कि अदाणी समूह शेयर बाजार का मैनिपुलेशन किया है और टैक्स हैवन देशों का अनुचित इस्तेमाल कर तमाम संदेहास्पद कंपनियों के माध्यम से समूह में पैसे लगाए हैं. हिंडनबर्ग ने इसमें तमाम अखबारों, संसद की चर्चा और खबरों का हवाला दिया है और यह कहा है कि तमाम आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को कंपनी के शीर्ष पद पर बिठाया गया. साथ ही नियामकों को भ्रामक जानकारियां दी गईं.

अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.

एसबीआई ने यह भी कहा है कि गिरवी शेयरों का टॉपअप पिछले साल भी दो बार किया गया था और हाल में ऐसा 8 फरवरी 2023 को किया गया था.

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एसबीआई ने कुल करीब 31 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिए हैं, जिसमें से 0.9 प्रतिशत या करीब 2,700 करोड़ रुपये अदाणी समूह को दिया गया है. विवादों के बाद एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने यह जानकारी एसबीआई के परिणाम आने के दिन दी थी.

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भारत का बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अदाणी समूह के कुछ निवेशकों के साथ संबंधों की जांच कर रहा है, जिन्होंने अदाणी के शेयर की बिक्री में निवेश किया था. अदाणी समूह ने बाद में उस एफपीओ को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी.

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इसके अलावा  अदाणी विवाद आने के बाद एलारा के निदेशक मंडल के सदस्य सर जो जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जो ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भाई हैं. निवेश करने वाली फर्म एलारा कैपिटल पर आरोप लगा है कि उसके प्रबंधन में आने वाले एक फंड ने अदाणी समूह की कंपनियों में 99 प्रतिशत धन लगाया है.

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