अजीत पवार

अजीत पवार इसके पहले भी असामान्य हरकत कर चुके हैं. इस घटना से लगता है कि शरद पवार पार्टी को संभाल नहीं पाए. भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ठिकाने लगा दिया है. इस तरह देखा जाए तो कांग्रेस ही महाराष्ट्र में मुख्य विपक्ष रह गई है.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की बर्बादी के बाद शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को भारतीय जनता पार्टी ने बर्बाद कर दिया. इससे एक बार फिर साबित हुआ है कि वन मैन आर्मी वाले राजनीतिक दल परिवारवाद में बर्बाद हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ऐसे दलों को निशाना बनाकर उनके खात्मे की बुनियाद डाल रही है.

महाराष्ट्र में विपक्ष के नाम पर सिर्फ कांग्रेस बची

इस घटनाक्रम में महाराष्ट्र में अब कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी बची रह गई है. शिवसेना के बाद राकांपा का खात्मा हो चुका है. दोनों दलों के नेताओं के देखते देखते उनके दल का कारवां नरेद्र मोदी के खेमे में चला गया है और गुबार देखने को ही बचे हैं. कांग्रेस के लिए यह बेहतर मौका है कि वह महाराष्ट्र में भाजपा के मुख्य विपक्ष के रूप में खुद को प्रचारित और स्थापित करे.

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पहले भी इधर उधर हो चुके हैं अजीत पवार

राकांपा नेता अजीत पवार इसके पहले भी रातोंरात इधर उधर हो चुके हैं. इसके बावजूद शरद पवार ने उनका स्थाई इंतजाम न करके उन्हें महाराष्ट्र के सदन में विपक्ष का नेता बनाए रखा. अजीत पवार ने राकांपा के 53 में से 40 विधायकों को अपने साथ कर लिया और एकनाथ शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री बन गए. उन्हें राज्यपाल रमेश बैस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. राकांपा के 8 अन्य नेता भी मंत्री बने हैं, जिनमें छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं.

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अजीत पवार ने पार्टी व चुनाव चिह्न पर दावा किया

अजीत पवार ने पार्टी और निशान पर भी दावा भी ठोक दिया है. यह उसी तरह की घटना हुई है, जो एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कर चुके हैं. अजीत पवार ने निचले सदन में विपक्ष के नेता (एलओपी) के पद से इस्तीफा दे दिया. अजीत पवार ने पार्टी के चुनाव चिह्न हासिल करने की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया है.

अजीत पवार की इस क्रांति में शामिल पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में ख्यातिप्राप्त छगन भुजबल ने कहा कि हमने एनसीपी के तौर पर ही शिंदे-बीजेपी सरकार को समर्थन दिया है.

अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने राज्य के हालात को देखते हुए फैसला लिया है. उनका कहना है कि राकांपा में पहले सबको मौका नहीं मिलता था, वह अब सबको मौका देंगे. भुजबल भी मंत्री बनने के बाद खुलकर नरेंद्र मोदी के समर्थन में आ गए हैं. भुजबल ने कहा कि शरद पवार कहते हैं कि केंद्र में फिर मोदी ही आने वाले हैं, जब मोदी ही आने वाले हैं तो हम सब साथ हैं.

राकांपा के नेताओं के हिस्से में अब बयानबाजी ही बची है. पार्टी के प्रवक्ता महेश तापासे ने कहा कि महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह ऑपरेशन लोटस का हिस्सा है और इसे राकांपा का कोई आधिकारिक समर्थन नहीं है. जिन लोगों ने शपथ ली, वह उनका निजी फैसला है, राकांपा का नहीं. राकांपा के पार्टी कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष, तालुका अध्यक्ष, युवा एवं महिलाएं पार्टी के राष्ट्रीय नेता शरद पवार के साथ हैं.

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पार्टी टूटने पर शरद पवार ने क्या कहा

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि ‘यह कोई नई बात नहीं है. हमने पहले भी बगावत देखी है. 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे. सभी छोड़कर चले गए. केवल 6 विधायक बचे. मैंने संख्या मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए.’

उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट नहीं जाऊंगा, जनता के बीच रहकर लड़ाई लड़ूंगा. शरद पवार ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने धोखा दिया है. दोनों नेताओं पर कार्रवाई करूंगा.

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