क्या आपको मौका मिले तो हमेशा जीवित रहने के लिए भुगतान करना चाहेंगे?

क्या आपको मौका मिले तो हमेशा जीवित रहने के लिए भुगतान करना चाहेंगे? भारत में अमरत्व और चिर युवा रहने की अनेक कहानियां गढ़ी गई हैं। वहीं अमर और चिर युवा रहने के कई नुस्खे भी बताए गए। अब अमरत्व का धंधा सोशल मीडिया की रील तक पहुंचा ही है, यह धन कमाने के धंधे की तरह हो रहा है। अमेरिका की सिलिकॉन वैली के कुछ अरबपति अब सिर्फ प्रौद्योगिकी संबंधी उत्पाद ही नहीं बना रहे, बल्कि उनकी नजरें ‘अमरत्व’ हासिल करने पर हैं।
सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य संबंधी सोच को प्रभावित करने वाले (इन्फ्लुएंसर्स) बड़ी संख्या में उपयुक्त खाद्य सामग्री, मशरूम पाउडर और अन्य कई ‘तरह के आहार’ को बढ़ावा दे रहे हैं जो दावा करते हैं कि वे आपकी उम्र को उलट सकते हैं या जीवनकाल को बढ़ा सकते हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश उपायों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
बर्फीले स्नान (आइस बाथ), सौना, क्रायोथेरेपी और रेड लाइट थैरेपी जैसे उपाय अब तेजी से बढ़ते एक उद्योग का हिस्सा बन चुके हैं जो लंबे जीवन और युवा दिखने की चाह पर आधारित है।
वैज्ञानिक साक्ष्य की बजाय मुनाफे पर ज़ोर

विशेषज्ञों का कहना है कि यह उद्योग उन लोगों को लक्षित कर रहा है जो बुढ़ापे और मृत्यु से डरते हैं। हालांकि, आज तक कोई मनुष्य अमर नहीं हुआ, और न ही जैविक रूप से यह संभव है। डार्विन के सिद्धांत पर आधारित विकास प्रक्रिया जीवों को अधिक समय तक जीवित रहने की बजाय सफल प्रजनन और अनुकूलन के लिए तैयार करती है।
इस उद्योग की तीन बड़ी चिंताएं हैं: प्रमाण के बजाय मुनाफे पर ज़ोर, अनावश्यक परीक्षणों से उत्पन्न जोखिम, और लंबी उम्र को रोकथाम की वैध चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रस्तुत करना। उदाहरण के लिए, संपूर्ण शरीर का एमआरआई स्कैन आम लोगों में कैंसर और अन्य बीमारियों का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन मेडिकल कॉलेजों और विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे स्कैन स्वस्थ व्यक्तियों में स्वास्थ्य लाभ नहीं पहुंचाते और इसके परिणामस्वरूप अनावश्यक जांच, तनाव और खर्च बढ़ सकता है। वे स्वस्थ लोगों में पूरे शरीर के एमआरआई की सलाह नहीं देते।

जितनी अधिक जांच, उतना अधिक भ्रम
विशेषज्ञ चेताते हैं कि अत्यधिक जांच से “ओवरडायग्नोसिस” यानी उन समस्याओं की पहचान हो सकती है जो व्यक्ति के जीवन में कभी नुकसान नहीं पहुंचातीं। इसके कारण अनावश्यक इलाज, फॉलो-अप जांचें और चिकित्सकीय हस्तक्षेप शुरू हो सकते हैं।

लंबी उम्र बनाम रोकथाम
लंबी उम्र की बात करने वाला उद्योग स्वयं को “रोकथाम” की चिकित्सा का हिस्सा बताता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह मूल सार्वजनिक स्वास्थ्य सिद्धांतों से काफी अलग है। वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित रोकथाम उपायों में टीकाकरण, उचित उम्र में कैंसर जांच, व्यायाम, स्वस्थ आहार, और नींद व सामाजिक संबंधों की देखरेख शामिल हैं— न कि दर्जनों सप्लीमेंट्स, रक्त परीक्षण और महंगे स्कैन।

उम्र बढ़ना कोई बीमारी नहीं
उम्र बढ़ने को ‘‘बीमारी’’ के रूप में प्रस्तुत करना न केवल अनावश्यक भय और व्यय को जन्म देता है, बल्कि यह उम्रवाद (एजिज़्म) को भी बढ़ावा देता है। इसके कारण मूल स्वास्थ्य सेवाओं से ध्यान हट सकता है, जो वृद्ध होती आबादी की गुणवत्ता भरी ज़िंदगी के लिए ज़रूरी हैं। वे कहते हैं कि “जो चीजें वास्तव में काम करती हैं” वह क्रमश: नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार, भरपूर नींद, गहरे मानवीय संबंध और वैज्ञानिक चिकित्सा तक समान पहुंच आदि हैं तथा स्वस्थ रहने एवं लंबी उम्र के लिए इन्हीं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
– द कन्वरसेशन

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *