वीर विनोद छाबड़ा
आशा पारेख जब अपने स्टारडम की पीक पर थीं. उनके चाहने वालों की कभी कमी नहीं रही. वो खूबसूरत तो थीं ही. और कुंवारी भी. एक समय एक चीनी नागरिक भी लम्बे समय तक उनका दीवाना रहा. और वह इस हद तक दीवाना था कि महीनों आशा जी का पीछा करता रहा. उनके बंगले के बाहर दिन-रात बैठा रहता था. हर आने-जाने वाले से वह बताता कि आशा से वह बहुत मोहब्बत करता है. लोगों से कहता कि वह उन्हें ब्याह कर चीन ले जाएगा.
आशा जी उससे परेशान हो गईं. वह देर शाम जब शूटिंग से घर लौटतीं तो कार की पिछली सीट पर बैठी, झुक जातीं या लेट जातीं, ताकि वह चीनी आशिक़ उन्हें देख न सके.
उधर चीनी नागरिक की चाहत में कोई कमी न आई. बल्कि दीवानगी इस हद तक बढ़ गई कि उस दिन जब आशा रात को घर लौटीं तो वह चीनी अचानक जाने कहां से एकदम उनकी कार के सामने प्रकट हुआ. उसके एक हाथ में चाकू भी था. वह धमकी देने लगा कि अगर आशा उससे शादी नहीं करेंगी तो वह ख़ुद को चाकू मार लेगा. आशा जी ने घबरा कर तुरंत एक बड़े पुलिस अधिकारी को फ़ोन लगाया. फ़ौरन पुलिस हाज़िर हुई और उस चीनी को पकड़ कर जेल में बंद कर दिया. लेकिन फिर भी चीनी की चाहत के कमी नहीं आई.
उसने आशा जी को जेल से पत्र लिखा, मुझे जेल से छुड़वाओ. आशा जी ने खत का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने सोचा कि अपनी मुसीबत को मैं क्यों छुड़ाऊं? उस चीनी का क्या हुआ, आशा जी को मालूम नहीं, और भी लोग नहीं जानते. अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘हिट गर्ल’ आशा पारेख ने यह किस्सा लिखा है. कपिल शर्मा के शो में भी उन्होंने यह किस्सा सुनाया था.