दानव की तरह डकारते हैं नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी दानव की तरह डकारते हैं. मोदी कहां से टपक आए, हम उनका नाम भी नहीं सुने थे. वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो ठीक थे. उन्हें बोलने तक नहीं आता है. वे पढ़-पढ़कर भाषण देते हैं. जबकि मोदी जी अड़ियल की तरह बात करते हैं। लिखकर पढ़ते हैं,Read More →

हम जब आसपास के वातावरण से प्रभावित होकर सोचते हैं तो अपना बुद्धि विवेक गिरवीं रख देते हैं। फिर हम प्रभावित व्यक्ति/वातावरण के मुताबिक बह जाते हैं. सही गलत का फैसला नहीं कर पाते, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस….   हमारे मस्तिष्क का दायरा बहुत छोटा है। जीवन के रहस्योंRead More →

अम्बेडकरवाद और ब्राह्मणवाद में अन्योन्याश्रित सम्बन्ध

अम्बेडकरवाद और ब्राह्मणवाद में अन्योन्याश्रित सम्बन्ध रहा है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। अगर ब्राह्मणवाद खत्म हो जाए तो अम्बेडकरवाद की प्रासंगिकता नहीं रहेगी। दोनों ही जाति चिंतन में रहते हैं। यूरोप के देशों में पूंजीवाद और मार्क्सवाद ऐसा ही मामला है। एक का काम पूंजी का संकेद्रण परRead More →

जो सामने आए उसे स्वीकार करके बेहतर करने की कोशिश ही अच्छी रणनीति

मनुष्य के सोचे के मुताबिक उसके जीवन में बहुत कम होता है. अगर कुछ अनचाहा भी आ जाए तो बेहतर सोचकर उस दिशा में काम करते रहना एक अच्छा विकल्प साबित होता है. जीवन में घटित हुई चीजों को नियति मानकर हंसी खुशी करते रहने पर जोर दे रहे हैंRead More →

किसी देश में पूंजीवाद को हराकर कम्युनिस्ट शासन नहीं आया?

किसी भी देश में पूंजीपतियों और मजदूरों के संघर्ष और मजदूरों की जीत से कम्युनिस्ट सत्ता नहीं आई है. कहीं भी पूंजीवाद से कम्युनिज्म नहीं जीत पाया है. कम्युनिज्म ने एक शांतिप्रिय बौद्ध धर्म को बहुत नुकसान पहुंचाया है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   कम्युनिज्म में सर्वहारा वर्ग कीRead More →

भगवान राम गरीबों के देवता रहे हैं अमीरों के नहीं

भगवान राम आम जनमानस में रहे हैं. राम के कई रूप रहे हैं. कबीर, रैदास, तुलसी से लेकर तमाम कवियों ने राम का वर्णन किया है. लोक में राम की मौजूदगी के बारे में बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस भगवान राम कभी भी अमीरों, राजा रजवाड़ों, ब्राह्मणों के भगवान नहींRead More →

प्राचीन काल से चला आ रहा है शैव और वैष्णव संप्रदाय का झगड़ा

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शैव शंकराचार्यों ने बहिष्कार किया है. इसके जवाब में अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम के प्रमुख ने उसे रामानंद संप्रदाय का बता दिया है. शैव और वैष्णवों के झगड़े के बारे में बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस   शैव और वैष्णवोंRead More →

जलाशय की तरह पवित्र और गहरे बन जाइए यही सुख का मार्ग है

बहुत बोलना तरह तरह के विवादों की जड़ है. घरों में झगड़े की वजह बहुत ज्यादा और बगैर सोचे विचारे बोलना होता है. बौद्ध धर्म में मौन को बड़ा महत्त्व दिया गया है. आप मौन रहकर अपने जीवन के तमाम उपद्रवों से बच सकते हैं, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…Read More →

ईश्वर का कोई अस्तित्व है या नहीं?

ईश्वर की तरह तरह से व्याख्याएं की जाती रही हैं. महात्मा गांधी के लिए सत्य ही ईश्वर है. ईश्वर के होने या न होने को लेकर निरंतर हजारों साल से बहस चल रही है. ईश्वर का रहस्य क्या है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   ईश्वर को लेकर मनुष्य बहुतRead More →

कौन हैं मनु? .... जिनकी लिखी किताब मनु स्मृति मानी जाती है

मनु को लेकर तरह तरह की धारणाएं बनी हुई हैं. यह धारणा मनु स्मृति के कुछ श्लोकों को लेकर है. भारत के सनातन धर्म में मनु की अलग ही परिकल्पना की गई है… बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस मनु को लेकर बड़ा बवाल होता है सोशल मीडिया पर. अंग्रेजों नेRead More →