भारतीय नृत्यों और भाषाओं की शिक्षा देने वाले अमेरिका में चल रहे ‘यूनिवर्सिटी ऑफ सिलिकॉनआंध्र’ का विस्तार किया जाएगा. भारतीय-अमेरिकी द्वारा चलाया जाने वाला यह अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है, जो विश्वविद्यालय भारतीय नृत्यों और भाषाओं में पाठ्यक्रम प्रदान करता है. विश्वविद्यालय अपने परिसर में विस्तार कर रहा हैRead More →

ऋषियों ने मंत्र लिखे और उन्हीं मंत्रों के संग्रह को 4 वेद कहा गया

वेद को लेकर समाज में बड़ा भ्रम पैदा किया जाता है. वेद की ऋचाएं यानी उसके श्लोक विभिन्न ऋषियों ने लिखे और उन ऋषियों की पीढ़ियों ने उसे जिंदा रखा. बाद में उन्हें 4 संहिताओं में संकलित किया गया जिसे ऋग्वेद, सामवेद यजुर्वेद और अथर्ववेद के रूप में जाना जाताRead More →

गर्भाशय विकसित नहीं हुआ तब भी लड़की एकदम सामान्य है उसे अपराधबोध में न डालें

अगर किसी लड़की को गर्भाशय नहीं है और वह बच्चे नहीं पैदा कर सकती है, तब भी वह सामान्य है. सब कुछ कर सकती है, जो सामान्य लड़की करती है.  लेकिन परिवार और समाज उनमें अपराध बोध भर देता है. इससे बचने की जरूरत है, बता रही हैं जानी मानीRead More →

वाचिक से लेकर लिखित तक संस्कृत ने तय की है लंबी यात्रा

नव बुद्ध हर चीज को विवाद में डालने के आदती होते हैं. वह एक ही लाइन पर चलते हैं कि हमारा सबकुछ छीन लिया गया, हमें अछूत बना दिया गया. इस समय संस्कृत को निशाना बनाया जाता है कि पॉलि से संस्कृत निकला है. यह बता पाना कठिन है किRead More →

दांतों का इस तरह से करें मसाज तो हमेशा दांत और मसूड़े रहेंगे स्वस्थ

पाचन क्रिया मुंह से शुरू होती है. ऐसे में दांत आपके स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं. दांत को कैसे स्वस्थ रखें, बता रहे हैं आयुर्वेद के चिकित्सक प्रदीप चौधरी…   कुछ दिन पहले एक 80+ की एक माता जी दिखाने आईं. मुँह को रुमाल से ढके हुईं थीं. मैंनेRead More →

खाना खाने का मन तभी करता है जब भूख लगी हो। अगर भूख न हो तो सारे व्यंजन बेकार होते हैं। खाना का असल स्वाद तब आता है जब पेट में आग लगी हो। और पेट में आग हो तभी खाना पचता है और शरीर में लगता है, बता रहेRead More →

शादियों के मौसम में अक्सर खानपान बिगड़ जाता है। आहार बिगड़ने का असर सेहत पर होता है। खाने के साथ पानी पिएं या नहीं, कितना पानी पिएं, क्या खाएं। इस तरह की तमाम चिंताएं होती हैं। इन चिंताओं का समाधान बता रहे हैं आयुर्वेद चिकित्सक डॉ प्रदीप चौधरी…   शादियोंRead More →

स्वयं को जान लेने से मिलती है आसक्तियों से मुक्ति और यह ज्ञान अंतरतम की गहराइयों में मौजूद

ज़िंदगी में सुख के पीछे भागने से सुख नहीं मिलता. आसक्ति की कोई सीमा नहीं होती. जब आसक्तियों से निरपेक्षता का भाव आता है, तभी जीवन सुखमय होता है. आसक्तियां दुख देती हैं, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…. व्यक्ति अपने वर्तमान से दुखी होता है. कोई कम दुखी है, कोईRead More →

म्यांमार में इस समय हिंसा चरम पर है. कई हथियारबंद गुट वहां की सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, वहीं कई गुटों को सेना का समर्थक भी माना जा रहा है. वहीं आम नागरिक तबाह हैं और देश के भीतर ही हजारों लोगों का विस्थापन हुआ है. समाचार एजेंसीRead More →

मनुष्य के जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा घटित हो रहा होता है ज्यादातर मामलों में उसका कोई योगदान नहीं होता

सत्येन्द्र पीएस बता रहे हैं कि हम किसी अदृश्य सत्ता द्वारा संचालित हैं. हमें नहीं पता होता है कि आगे हमारे साथ क्या होने वाला है. भारतीय दर्शन में यह जानने की कवायद की जाती रही है कि यह घटनाएं दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं. कल एक मित्र बता रहेRead More →