डॉ प्रदीप चौधरी आयुर्वेदाचार्य   स्पिरिचुअलिटी आजके समय में बहुत चर्चा में रहने वाला शब्द है । बहुत से लोग कुछ ना कुछ स्प्रिचुअल एक्टिविटी करते रहते हैं, विपश्यना ,चिल्ला घसीटना,ध्यान करना इसमें से कुछ हैं । कुछ दिन पहले एक कपल मेरे पास आया, वाइफ की शिकायत थी,मेरे पियाRead More →

सत्येन्द्र पीएस जब साहित्यिक संगोष्ठियों में जाता हूँ तो कुछ हवा ही नहीं लगती कि विद्वतजन कहना क्या चाहते हैं! सच बताऊं तो कुछ समझ में ही नहीं आता है साहित्य वगैरा। अज्ञेय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बैठा हूँ। अज्ञेय मेरे प्रिय लेखकों में हैं। उनका लिखा हुआ नागार्जुन के लिखेRead More →

नई तकनीक कलाकारों को अवसर दे रही है। यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टा से लेकर तमाम तकनीकों ने युवाओं को बेहतरीन अवसर मुहैया कराए हैं।गोरखपुर के इनट्यून स्टूडियो पहुँचे उदय प्रकाश… कलाकारों को सिखाए नए जमाने के गुर जाने माने कवि, कथाकार और फिल्मकार उदय प्रकाश ने इनट्यून स्टूडियो से जुड़ेRead More →

एक दौर में अमीरों की बीमारी थी गठिया। यूरोप में किया जाता था गोमांस की पट्टियों और हंस के मांस के लेप से गठिया का इलाज। अब गठिया आम लोगों की बीमारी बनती जा रही है।इसकी वजह भी चिकित्सकों ने जान ली है। कुछ खानपान में परहेज और कुछ लाइफस्टाइलRead More →

रस शास्त्र में भगवान शिव को पारद यानी पारा माना गया है

भगवान शिव और पार्वती भारतीय चिकित्सा प्रणाली में भी हैं। भगवान शिव पारा हैं और पारा जब गंधक (पार्वती) से मिलता है तो यह अमृत हो जाता है। बता रहे हैं डॉ प्रदीप चौधरी…. आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा पद्धति के रस शास्त्र में भगवान शिव को पारद माना गया है,Read More →

सोने में निवेश आपको बर्बाद भी कर सकता है... संभलकर रहें

सोना कोई सुरक्षित निवेश नहीं है।कई बार सोने की कीमत इतनी गिरती है कि निवेशक बर्बाद हो जाते हैं और उनको अपना मूलधन निकालने के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। विस्तार से बता रहे हैं निवेश विशेषज्ञ प्रभात त्रिपाठी   सोने को एक Safe Haven या inflation के खिलाफ एकRead More →

हम अपनी मानसिक स्थिति के मुताबिक प्रतिक्रिया देते हैं और उसी को सत्य मान लेते हैं- यह दुख देता है

समाज में आप जो भी प्रतिक्रियाएं देते हैं, वह आपकी मानसिक स्थिति के कारण होता है। कोई चीज आपको सत्य और सही लग सकती है, वही दूसरे किसी को असत्य और गलत लग सकती है। इसका मतलब यह है कि आप जिसे सत्य मानते हैं, वह सार्वभौमिक, सार्वकालिक सत्य नहींRead More →

समस्याओं का समाधान वर्तमान को भरपूर जी लेने में

उन लबों की याद आई गुल के मुस्कुराने से जख्म ए दिल उभर आई फिर बहार आने से… तीन काल होता है। भूत, वर्तमान और भविष्य। भूत तो भूत है, उसमें फंसे तो वह प्रेत बाधा है। वो भी क्या दिन थे, वह कहते हुए जिएं या यह कहकर जियेंRead More →

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पनियरा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि चौधरी नरसिंह पटेल अज्ञानी ने पूर्वांचल में कृषि से जुड़ी 26 जातियों को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया था। वह दीपदान महोत्सव आयोजन समिति( D-MASK) के तत्वावधान में आयोजित चौधरी नरसिंह पटेलRead More →

आप लाल किले से भारत को बुद्ध की धरती कहें या प्रेमिका की बाहों से, शांति तभी मिलेगी जब बुद्धिज्म अपनाएंगे : धम्मपद-9

बुद्धिज्म अपनाने के लिए कुछ शील पर प्रतिज्ञाएं बताई गई हैं, उसका पालन करने पर ही जीवन में शांति आ सकती है। बुद्धिज्म जीने की एक कला है। एक जीवन पद्धति है। कुछ ऐसे आचरण अपनाने पड़ते हैं, जिससे आप बुद्ध होते हैं, आप व्यापक होते हैं। बता रहे हैंRead More →