सड़क घोटाले के बाद कैग ने मोदी सरकार के उड्डयन क्षेत्र का घोटाला उजागर किया

सड़कों की चमक दमक के पीछे कैग के बड़े घोटाले के खुलासे के बाद अब केंद्र सरकार के एविएशन घोटाले का खुलासा कैग ने किया है। कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।

नरेंद्र मोदी सरकार की बहुप्रचारित उड़ान योजना की असलियत बताते हुए CAG ने सरकारी झूठ का पर्दाफाश किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उड़ान योजना के तहत देशभर में कुल 774 रूट्स चुने गए थे, लेकिन अभी तक 403 रूट्स पर उड़ान ही शुरू नहीं हो पाई है। जिन 371 रूट पर संचालन शुरू हुआ, उनमें से सिर्फ 112 रूट ही 3 साल तक ऑपरेशन जारी रख पाए। ज्यादातर रूट्स इससे पहले ही बंद हो गए। मार्च 2023 तक आते-आते सिर्फ 54 रूट्स पर ही संचालन हो रहा है। सस्ते किराए में हवाई यात्रा करवाने का दावा करने वाली उड़ान योजना मोदी सरकार के चरित्र की तरह निराशाजनक साबित हुई।

इससे पहले कैग ने अपनी रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे और आयुष्मान भारत योजना की हकीकत बताई थी। जहां द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य तय राशि से एक-दो गुना नहीं बल्कि 14 गुना ज्यादा कीमत पर किया गया।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 7 लाख 49 हज़ार 820 लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर 9999999999 पर रजिस्टर्ड थे। जरूरतमंदों को इलाज भले ही न मिला हो, मगर मुर्दों के इलाज पर सरकार ने 6.9 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।

इसके अलावा CAG ने भारतमाला प्रोजेक्ट की बिडिंग में फर्जीवाड़ा, अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में ठेकेदारों को अनुचित लाभ और टोल नियमों का उल्लंघन कर जनता से 132 करोड़ रुपये उगाहने समेत कई घोटालों का पर्दाफाश किया।

कांग्रेस का कहना है कि  9 सालों में मोदी सरकार के ज्यादातर दावे नाकाम साबित हुए हैं, जनता से किए गए अधिकतर वादों पर प्रधानमंत्री ने दोबारा बात करना तक उचित नहीं समझा। जबकि जनता सरकार की तरफ उम्मीद की नजरों से ताकती रही।

कांग्रेस का कहना है कि जनता के हितों को दरकिनार कर मोदी  ने अपने मित्रों और भ्रष्टाचारी यारों की तिजोरी भरने के लिए सारे नियम-कानून ताक पर रख दिए। सार्वजनिक हो या निजी, देश के हर क्षेत्र में जमकर घोटाले हो रहे हैं, मगर प्रधानमंत्री और पूरी सरकार चुप है, क्योंकि देश लूटने वाले भ्रष्टाचारी सरकार को कमीशन पहुंचा रहे हैं। आज निकम्मी सरकार के नापाक मंसूबों ने पूरे देश को भ्रष्टाचार और निराशा के दलदल में धकेल दिया है। बयानवीर प्रधानमंत्री अपनी नाकामियों पर जवाब देने की जगह पूर्व की सरकारों पर मनगढंत आरोप लगाते हैं।

 

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