बैंक विलय में खाता बदला तो सरकार ने छात्रवृत्ति देने से ही इनकार कर दिया
आदित्य चित्रांश बीटेक के छात्र हैं. उनके पिता उमेश कुमार श्रीवास्तव इस स्थिति में नहीं हैं कि फीस और पढ़ाई का खर्च उठा सकें. आदित्य ने उत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया.
उनका आवेदन सरकार के समाज कल्याण विभाग की योजना के अनुकूल पाया गया. वह सरकार की पात्रता की शर्तें पूरी करते थे. आदित्य को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ भी मिल गया.
उन्हें दूसरे साल इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में उनका आवेदनन फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया, जिनका पंजीकरण संख्या 902813001521009 है.
आदित्य परेशान हो गए कि आखिर ऐसा क्यों हुआ… उनका आवेदन क्यों रद्द किया गया. उनका पैसा खाते में क्यों नहीं आया…
अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मुलाकात के बाद पता चला कि खाता संख्या बदल जाने के कारण यह गड़बड़ी हुई थी. सामाजिक कल्याण की लाभ योजना से पहले उनका जो खाता संख्या जुड़ा था, वह कॉर्पोरेशन बैंक में था. कॉर्पोरेशन बैंक का विलय जब यूनियन बैंक आफ इंडिया में हुआ तो उनके नए बैंक ने खाता संख्या बदल दिया है. वह अपना दुखड़ा सामाजिक कल्याण विभाग को समझाने की कवायद कर रहे हैं, वहीं जिला स्तर के समाज कल्याण विभाग के कर्मियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. उनका कहना है कि इस पर प्रदेश लेवल पर ही कोई फैसला हो सकता है. जिला स्कॉलरशिप कमेटी उनके आवेदन को खारिज कर चुकी है.
आदित्य को समझ में नहीं आ रहा है कि अब वह क्या करें. उनके सामने आगे पढ़ाई जारी रखने का संकट है. साथ ही उन्हें सरकार से भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है और वह साबित करना चाहते हैं कि वही व्यक्ति और उसी हालात वाले छात्र हैं, जिस हालात पर सरकार ने उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ दिया था. छात्र ने नया खाता संख्या जमा भी कर दिया है, लेकिन समाज कल्याण विभाग छात्रवृत्ति देने को तैयार नहीं है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें बिना वजह छात्रवृत्ति की दूसरी किस्त से वंचित कर दिया गया है. ज़िला स्तर पर अफ़सरों ने हाथ खड़े कर दिए और कह दिया कि यह उनके स्तर का मामला नहीं है. लखनऊ से ही कुछ हो पाएगा. वहीं छात्र परेशान हैं कि वह सरकार की छात्रवृत्ति पाने की लड़ाई लड़ने के लिए कहां से पैसे लाएं और किस तरीके से इस सिस्टम से लड़ें.