भोजपुरी वालों का 19वां धरना 4 अगस्त 2023 को

सांसद दे रहे हैं धोखे पर धोखा, भोजपुरी वालों का 19वां धरना 6 अगस्त 2023 को

भोजपुरी भाषा को प्यार करने वाले सरकार से मांग कर रहे हैं कि इसे सरकारी मान्यता दी जाए. वर्षों से धरना प्रदर्शन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोजपुरी भाषी इलाके से सांसद बनकर देश की राजनीति करते हैं, लेकिन सरकार भोजपुरी प्रेमियों की मांग सुनने को तैयार नहीं है. इसे देखते हुए भोजपुरी भाषी 6 अगस्त, 2023 को एक बार फिर नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने जा रहे हैं.

दरअसल भोजपुरी भाषियों द्वारा भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता और आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए 2015 से ही राष्ट्रीय स्तर पर “भोजपुरी जन जागरण अभियान” के तत्वावधान में आंदोलन चलाया जा रहा हैं.

भोजपुरी लैंग्वेज रेकॉग्निशन मूवमेंट के सहयोग से भोजपुरी भाषी आगामी 6 अगस्त, 2023 के दिन रविवार को उन्नीसवां सांकेतिक धरना देने जा रहे हैं. इसका आयोजन अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संतोष पटेल के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर मंतर पर किया जायेगा.

भोजपुरी भाषा मान्यता आंदोलन “भोजपुरी जन जागरण अभियान” देश भर मे भोजपुरी को संविधान में शामिल कराने हेतु लगातार संघर्षरत है. साथ ही जन जागरण अभियान साहित्य एवं संस्कृति को सहेजने का काम भी कर रही है. इससे पहले “भोजपुरी जन जागरण अभियान” द्वारा प्रत्येक संसदीय सत्र के दौरान अठारह बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका है और लगातार ज्ञापन और माँग पत्र प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य मंत्री,सांसद लोगों को दिया गया है. कुछ सांसद और मंत्री समर्थन में आगे भी आये थे, परन्तु सरकार अपना इरादा स्पष्ट नहीं कर पाई है.

डॉ पटेल ने कहा, ‘संसदीय सत्रों में बार बार आश्वासन दिया गया कि भोजपुरी आठवीं अनुसूची में शामिल होगी. हर बार अगली तारीख तय कर दी जाती है कि अब अगले ही संसद सत्र में भोजपुरी आठवीं अनुसूची सम्मिलित होगी।’

डॉ पटेल कहते हैं कि यह देश की सबसे बड़ी भाषाई आबादी के प्रति धोखाधड़ी है, जो सांसदों द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि भोजपुरी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषा ही नहीं, बल्कि देश में विस्थापित लाखों श्रमिकों की भाषा है, जो गिरमिटिया मजदूरों के माध्यम से तमाम देशों में फैली है.

भोजपुरी जन जागरण अभियान, नई दिल्ली के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि धरने के बाद भोजपुरी जन जागरण अभियान द्वारा भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग पत्र-ज्ञापन को प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्रालय और राष्ट्रपति को सौपा जायेगा.

 

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