टीला उस्मानपुर ही पावा गणराज्य है। दीपदान महोत्सव आयोजन समिति (D-MASK) के तत्वावधान में आयोजित पावा गणराज्य स्मृति महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. रमाकांत कुशवाहा ने यह कहा. उन्होंने कहा कि इसकी खुदाई और इसके इतिहास को विश्व पटल पर लाने तथा इसे पर्यटनRead More →

एक ओर जहां सियासत सत्ता के खेल में देश समाज को धर्म के नाम पर बांटने की साज़िशों में लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर देश का आम नागरिक समाज़ अपनी साझी विरासत की जड़ों को सींचने में अपने अपने स्तर पर काम करता रहता है। कभी तो सड़क परRead More →

सत्येन्द्र पीएस जब साहित्यिक संगोष्ठियों में जाता हूँ तो कुछ हवा ही नहीं लगती कि विद्वतजन कहना क्या चाहते हैं! सच बताऊं तो कुछ समझ में ही नहीं आता है साहित्य वगैरा। अज्ञेय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बैठा हूँ। अज्ञेय मेरे प्रिय लेखकों में हैं। उनका लिखा हुआ नागार्जुन के लिखेRead More →

नई तकनीक कलाकारों को अवसर दे रही है। यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टा से लेकर तमाम तकनीकों ने युवाओं को बेहतरीन अवसर मुहैया कराए हैं।गोरखपुर के इनट्यून स्टूडियो पहुँचे उदय प्रकाश… कलाकारों को सिखाए नए जमाने के गुर जाने माने कवि, कथाकार और फिल्मकार उदय प्रकाश ने इनट्यून स्टूडियो से जुड़ेRead More →

    पूर्वांचल के प्रतिष्ठित साउंड रिकॉर्डिंग स्टूडियो इनट्यून प्रोडक्शन और मिसरी द्वारा २ मार्च की शाम को एक ओपन माइक का आयोजन किया गया। गोरखपुर के पैडलेगंज स्थित इनट्यून प्रोडक्शन स्टूडियो पर शहर की कई युवा प्रतिभाओं ने हिस्सा लेकर अपनी रचनात्मकता और कला का बखूबी प्रदर्शन किया। कविता,Read More →

रस शास्त्र में भगवान शिव को पारद यानी पारा माना गया है

भगवान शिव और पार्वती भारतीय चिकित्सा प्रणाली में भी हैं। भगवान शिव पारा हैं और पारा जब गंधक (पार्वती) से मिलता है तो यह अमृत हो जाता है। बता रहे हैं डॉ प्रदीप चौधरी…. आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा पद्धति के रस शास्त्र में भगवान शिव को पारद माना गया है,Read More →

‘सजग फिल्म्स ‘, गोरखपुर के तत्वावधान में महान फ़िल्मकार श्याम बेनेगल को शहर के बुद्धिजीवियों एवं कला प्रेमियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर अपने उद्गगार व्यक्त करते हुए फ़िल्म निर्देशक प्रदीप सुविज्ञ ने कहा कि पांच लाख किसानों से दो-दो रुपए आर्थिक मदद लेकर श्याम बेनेगल नेRead More →

भारत की तमाम जातियां हिन्दू/सनातन धर्म की वर्ण व्यवस्था से बाहर हैं। इनमें ओबीसी कही जाने वाली 90% जातियां हैं। इन जातियों को पता ही नहीं है कि वह किस वर्ण में हैं? ये जातियां अपने को ब्राह्मण या क्षत्रिय होने का दावा करती हैं तो ब्राह्मण और क्षत्रिय मिलकरRead More →

भारत की मनु भाकर को कांस्य पदक जीतने पर खुशी का माहौल है। वहीं ओलंपिक के शुरुआती इतिहास में महिलाओं को ओलंपिक में एंट्री पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा था,बता रहे हैं अशोक पांडे 1896 के साल ओलिम्पिक्स की आधिकारिक शुरुआत करने वाला फ्रेंच शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार पीयर द’कूबेर्तांRead More →