अनाज फल और सब्जियों पर मनुष्यों ने किया बड़ा अत्याचार

वनस्पतियों में भी जीव है। संवेदना है। भावना है। जाने माने वनस्पति विज्ञानी जगदीश चंद्र बसु का इस पर व्यापक काम है। मानव ने सबसे ज्यादा अत्याचार निरीह फलों और सब्जियों पर किए हैं। फलों, सब्जियों, अनाजों को खा जाना कोई अत्याचार नहीं है। यह तो मध्यमार्ग है। आपके जिंदाRead More →

दिलीप मंडल भारतीय राजनीति में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. और दूसरी बार ऐसा कब होगा, यह सवाल भविष्य के गर्भ में है. लगभग 50 साल की उम्र में एक व्यक्ति, वर्ष 1984 में एक पार्टी का गठन करता है. और देखते ही देखते देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरRead More →

मोटापा आम समस्या है। फ़ूड हैबिट के कारण यह शहरी मध्यवर्ग में तेजी से फैल रहा है। मोटापे से अपने बच्चों को कैसे बचाएं, बता डरे हैं डॉ प्रदीप चौधरी… जवान हो रहे मेरे छोटे दोस्तों,और जवान हो चुके बड़े दोस्तों। अगर आप किसी भी कारणवश, रोज बाहर का खाRead More →

महिलाओं के नंगे नाचते और एक दूसरे को पीटते व हमले करते हथियार लहराते वीडियो सामने आई तो अमेरिकन टेलीविजन ने ओशो का पीपली लाइव बना दिया

ओशो हजारों लोगों के लिए आराध्य हैं. एक दौर में वह भारत ही नहीं, तमाम देशों में सनसनी बन गए थे. लेकिन उनके जीवन का अंत बहुत निराशाजनक रहा. उनके जीवन का एक पहलू सत्येन्द्र पीएस के फेसबुक वाल से… ओशो के लिए अमेरिका में एक शहर बसा देने वालीRead More →

महिलाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनने की जरूरत है। कवियों की कल्पनाओं की कोमलांगी महिलाओं से देश का अहित हो रहा है और महिलाओं का शोषण बढ़ रहा है। भारत मे महिलाओं के रूप रंग का वर्णन कुछ इस तरह किया जाता है जैसे वह कोई छुई मुई हों।Read More →

LGBTQIA++

LGBTQIA++ के 400 अभिभावकों ने प्रधान न्यायधीश से विवाह में समानता के अधिकार की मांग की है भारत के करीब 400 अभिभावकों ने देश के प्रधान न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अपने LGBTQIA++ बच्चों के लिए ‘विवाह में समानता’ का अधिकार मांगा है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ समलैंगिक विवाह कोRead More →

बच्चों की दुनिया

बच्चों की दुनिया से खुद को कटने न दें, बातचीत करते रहना जरूरी माता पिता बच्चों को खुद से कटने न दें. आज की तारीख में रेगुलर बातचीत ही वो खिड़की है, जिससे हम बच्चों के जीवन और मन में झांक सकते हैं. बच्चे जब स्कूल से आते हैं तोRead More →

सिगरेट नहीं पीती

ममता गौतम अब अपने आप को कुछ मामलों में संकीर्ण मान चुकी हूँ. मैं ख़ुद को आधुनिक लड़की भी नहीं कहती. इसलिए सिगरेट नहीं पीती. ख़ुद को दलित भी मानती हूँ, इसलिए पढ़ाई को बहुत महत्त्व देती हूँ. पहले मैं विचारधारा को बहुत महत्त्वपूर्ण मानती थी, पर अब मेरे लिएRead More →

अनुभव सिन्हा एक शानदार डायरेक्टर हैं जिन्होंने मुल्क़ और आर्टिकल-15 जैसी विचारोत्तेजक और शानदार फिल्में दी हैं। यदि आप उनकी हाल में ही रिलीज़ हुई फ़िल्म “भीड़” को कोरोना की त्रासदी और लॉकडाउन से त्रस्त, सड़क पर आई हुई मज़दूरों की भीड़, जिसने असहनीय और अकल्पनीय कष्ट भोगे, उनके कष्टोंRead More →

जाति का चक्रव्यूह और आरक्षण

‘जाति का चक्रव्यूह और आरक्षण’ आरक्षण को लेकर तमाम पूर्वग्रहों और दिमाग पर पड़े जालों को साफ करती हैः प्रियदर्शन   नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में 5 मार्च 2023 को राजपाल एण्ड सन्ज़ के स्टॉल पर ‘जाति का चक्रव्यूह और आरक्षण’ का लोकार्पणRead More →