किसी देश में पूंजीवाद को हराकर कम्युनिस्ट शासन नहीं आया?

किसी भी देश में पूंजीपतियों और मजदूरों के संघर्ष और मजदूरों की जीत से कम्युनिस्ट सत्ता नहीं आई है. कहीं भी पूंजीवाद से कम्युनिज्म नहीं जीत पाया है. कम्युनिज्म ने एक शांतिप्रिय बौद्ध धर्म को बहुत नुकसान पहुंचाया है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   कम्युनिज्म में सर्वहारा वर्ग कीRead More →

भगवान राम गरीबों के देवता रहे हैं अमीरों के नहीं

भगवान राम आम जनमानस में रहे हैं. राम के कई रूप रहे हैं. कबीर, रैदास, तुलसी से लेकर तमाम कवियों ने राम का वर्णन किया है. लोक में राम की मौजूदगी के बारे में बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस भगवान राम कभी भी अमीरों, राजा रजवाड़ों, ब्राह्मणों के भगवान नहींRead More →

प्राचीन काल से चला आ रहा है शैव और वैष्णव संप्रदाय का झगड़ा

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शैव शंकराचार्यों ने बहिष्कार किया है. इसके जवाब में अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम के प्रमुख ने उसे रामानंद संप्रदाय का बता दिया है. शैव और वैष्णवों के झगड़े के बारे में बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस   शैव और वैष्णवोंRead More →

जलाशय की तरह पवित्र और गहरे बन जाइए यही सुख का मार्ग है

बहुत बोलना तरह तरह के विवादों की जड़ है. घरों में झगड़े की वजह बहुत ज्यादा और बगैर सोचे विचारे बोलना होता है. बौद्ध धर्म में मौन को बड़ा महत्त्व दिया गया है. आप मौन रहकर अपने जीवन के तमाम उपद्रवों से बच सकते हैं, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…Read More →

ईश्वर का कोई अस्तित्व है या नहीं?

ईश्वर की तरह तरह से व्याख्याएं की जाती रही हैं. महात्मा गांधी के लिए सत्य ही ईश्वर है. ईश्वर के होने या न होने को लेकर निरंतर हजारों साल से बहस चल रही है. ईश्वर का रहस्य क्या है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   ईश्वर को लेकर मनुष्य बहुतRead More →

कौन हैं मनु? .... जिनकी लिखी किताब मनु स्मृति मानी जाती है

मनु को लेकर तरह तरह की धारणाएं बनी हुई हैं. यह धारणा मनु स्मृति के कुछ श्लोकों को लेकर है. भारत के सनातन धर्म में मनु की अलग ही परिकल्पना की गई है… बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस मनु को लेकर बड़ा बवाल होता है सोशल मीडिया पर. अंग्रेजों नेRead More →

नए साल को विवादास्पद न बनाएं... इसमें भारतीय ऋषियों का बड़ा योगदान

आज 31 दिसंबर है. साल का आखिरी दिन. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक. 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत हो जाएगी. संपूर्ण विश्व 2023 को विदा दे रहा है और 2024 के स्वागत की तैयारी कर रहा है. ईसवी सन इस समय विश्व में सर्वाधिक प्रचलन में है, इसलिए 1Read More →

आपका जन्म और जीवन अमूल्य है... शरीर का और खुद का सम्मान करें

बाबाओं द्वारा शरीर, भोग विलासिता की बेइज्जती की जाती है. वहीं वह लोग खुद ही उसी विलासिता में फंसे रहते हैं. अपने शरीर से प्रेम और मानव जन्म की अमूल्यता के बारे में बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   जो प्रेम गली आए ही नहीं, प्रियतम का ठिकाना क्या जानें?Read More →

सुसाइडल टेंडेंसी आती है... जब हम अपने जीवन का मूल्य नहीं समझते

आजकल सुसाइड, सुसाइडल टेंडेंसी और डिप्रेशन के मामले आम हो गए हैं. जो व्यक्ति जितना सफल है, वह उतना ही भावुक है. वह उतना ही अकेला है. ऐसे में छोटे छोटे झटकों में वह हारता दिखता है. इससे कैसे बचा जा सकता है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…   आजRead More →

जन्म से मृत्यु तक मनुष्य सुख के पीछे भागता है लेकिन सुख मिलता ही नहीं

बच्चे का सपना होता है कि बड़े हो जाएं तो दुख से मुक्ति मिले. बड़े होने पर नौकरी मिलने पर दुखों से मुक्ति की अपेक्षा रहती है. विवाह होने पर खुशियां आने की अपेक्षा रहती है. हर एक आवक सुख का नया लक्ष्य देता है, लेकिन मनुष्य वहीं दुखी काRead More →