सीरिया.. संघर्ष का अंत नहीं.. गृहयुद्ध और सांप्रदायिक हिंसा का नया अध्याय जारी है। अरब दुनिया के एक समृद्ध देश में अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण आतंकियों की भरमार हो गई है, जिसे संभलना वहां की सरकार को भारी पड़ रहा है। द ग्लोब ऑनलाइन की एक विशेष टिप्पणी… सीरिया, जोRead More →

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चल रहा है। चीन की दोहरी भूमिका इस विवाद की आग में घी का काम करता है, जबकि भारत मूकदर्शक है। आइए जानते हैं कि थाईलैंड ने कंबोडिया पर क्यों शुरू किए हवाई हमले… क्या है दोनों देशों के बीचRead More →

स्वयं को जान लेने से मिलती है आसक्तियों से मुक्ति और यह ज्ञान अंतरतम की गहराइयों में मौजूद

ज़िंदगी में सुख के पीछे भागने से सुख नहीं मिलता. आसक्ति की कोई सीमा नहीं होती. जब आसक्तियों से निरपेक्षता का भाव आता है, तभी जीवन सुखमय होता है. आसक्तियां दुख देती हैं, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस…. व्यक्ति अपने वर्तमान से दुखी होता है. कोई कम दुखी है, कोईRead More →

मनुष्य के जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा घटित हो रहा होता है ज्यादातर मामलों में उसका कोई योगदान नहीं होता

सत्येन्द्र पीएस बता रहे हैं कि हम किसी अदृश्य सत्ता द्वारा संचालित हैं. हमें नहीं पता होता है कि आगे हमारे साथ क्या होने वाला है. भारतीय दर्शन में यह जानने की कवायद की जाती रही है कि यह घटनाएं दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं. कल एक मित्र बता रहेRead More →

भरोसे को धंधा बनाने पर ही यह टूटता है- अगर भरोसा टूटता तो ईश्वर से विश्वास उठ जाता

किसी पर भरोसा करना निजी अनुभूति और निजी सुख का मामला है. अगर कोई व्यक्ति किसी पर स्वार्थवश भरोसा करता है तो उसके टूटने पर बड़ी तकलीफ होती है. भारत का पूरा भक्तिमार्ग भरोसे पर चलता है. अक्सर लोग कहते हैं कि उन्हें भगवान पर भरोसा है. अगर यह स्वार्थRead More →

अतिवाद से बचते हुए मध्यमार्ग अपनाएं जिससे सुखी बनेगा जीवन भारत में व्यापक रूप से दीपालली मनाई जाती है. दीपावली का त्योहार आते ही इसके समर्थन और विरोध की धूम मच जाती है. खुशियों भरे एक रंग बिरंगे त्योहार में भी लोगों के बीच वैचारिक तलवारें खिंच जाती हैं. मध्यमार्ग अपनाने की सलाह दे रहे हैं सत्येन्द्र पीएस..

भारत में व्यापक रूप से दीपावली मनाई जाती है. दीपावली का त्योहार आते ही इसके समर्थन और विरोध में तलवारें खिंच जाती है. खुशियों भरे एक रंग बिरंगे त्योहार को लेकर भी लोगों के बीच भयानक वैमनस्य होता है. मध्यमार्ग अपनाने की सलाह दे रहे हैं सत्येन्द्र पीएस.. जीवन मेंRead More →

मनुष्य को स्वतंत्रता में खुशी मिलती है धन में नहीं

पूंजीवाद और साम्यवाद धन पर केंद्रित विचारधाराएं हैं. इसके अलावा भी जितनी भी शासन की विचारधाराएं आईं, वह मनुष्यों को गुलाम बनाने की कवायद करती हैं. इसकी वजह से तरह तरह की अशांति आई और इसके कारण मानव दुखी हैं, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस….   मनुष्य की सबसे बड़ीRead More →

आयुर्वेद के जनक धन्वन्तरि के जन्मदिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। सत्येन्द्र पीएस बता रहे हैं कि हमें धनतेरस क्यों और कैसे मनाना चाहिए   स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया है। और धन्वन्तरि को आयुर्वेद का जनक या चिकित्सा का देवता कहा गया है। आचार्यRead More →

रजनीश के आश्रम व्यभिचार के अड्डे बन गए थे

सुशोभित सोशल मीडिया के हीरो हैं, जिनके अच्छे खासे प्रशंसक हैं. उन्होंने रजनीश को खूब पढ़ा है. उन्होंने रजनीश के जीवन पर “मेरे प्रिय आत्मन” नाम से किताब भी बेची है. धीरे धीरे करके वह जिद्दू कृष्णमूर्ति से प्रभावित हुए और अब जीवित धर्मगुरु प्रेमानंद के प्रशंसक बन गए हैंRead More →

बिहार में कुछ जातियां ही 75 प्रतिशत भूमि पर जमाए हुए हैं कब्जा

बिहार में भूमि वितरण बड़ी समस्या है. लार्ड कार्नवालिस के स्थाई बंदोबस्त ने कुछ मुट्ठीभर लोगों के हाथों जमीन सौंप दी, जिनका खेती से कोई लेना देना नहीं रहा है. इसकी वजह से बिहार में अभी भी जमीनी स्तर पर तमाम समस्याएं बनी हुई हैं. बता रहे हैं जीतेंद्र नारायण…Read More →