डॉ रवींद्र पीएस
गौतम बुद्ध ने विश्व को शांति का मार्ग दिखाया और वैश्विक स्तर पर शांति की स्थापना की. वहीं गौतम बुद्ध के जन्म और परिनिर्वाण स्थल के आसपास के उनके वंशज ही गौतम बुद्ध को भूल चुके हैं. राजनीति से सन्यास लेकर समाज सेवा कार्य में उतरे गंगा सिंह सैंथवार ने गौतम बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल कुशीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा.
उन्होंने कहा कि जब पूरा भारत वर्ष सोलह महाजनपदों में विभाजित था तब मल्ल महाजनपद अपने गणतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं आदि पूर्वज तथागत गौतम बुद्ध का दर्शन दुनिया में आकार ले रहा था. आज उनकी शिक्षा पूरी दुनिया में फैल गई है. उनका अपना समाज उन्हें उपेक्षित कर रखा है. श्री सैंथवार ने कहा कि खत्तिय समाज अपने पूर्वज के रूप में उन्हें अपने घरों में ज़रूर जगह दे और तथागत बुद्ध की प्रतिमा अपने घर में जरूर रखे. श्री सैंथवार दीपदान महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले दीपदान महोत्सव कार्यक्रम संथागार भवन स्थल के नज़दीक स्थित धातुवितरण स्थल में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
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कार्यक्रम की शुरुआत धातुवितरण स्थल कुशीनगर में तथागत बुद्ध के सम्मुख चौरासी दीपों और संथागार स्थल पर पांच दीपों को प्रज्ज्वलित कर और तथागत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके की गई.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि देवनारायण उर्फ़ जीएम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जहां पूरी दुनिया में बुद्ध एवं उनके विचार का डंका बज रहा है, वहीं बुद्ध भारत में कैसे उपेक्षित रह गए, इस पर गहन विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि जिस दिन सैंथवार मल्ल समाज तथागत बुद्ध को मानने लगेगा, उस दिन पूरा भारत उन्हें पूजने लगेगा. जो समाज अपने पूर्वज का इज़्ज़त नहीं करता, उसकी इज़्ज़त अन्य समाज के लोग नहीं कर पाते.
सिंह ने कहा कि मेरे घर में तथागत बुद्ध तो हर जगह हैं पर अभी उतना आत्मबल और ताक़त नहीं बन पा रही है कि हम पूरे मन से उन्हें स्वीकार सकें. उन्होंने समाज के युवाओं से गुज़ारिश की कि आप बुद्ध को मानें या न माने परंतु बुद्ध से जुड़े इतिहास-साहित्य को ज़रूर पढ़ें. यदि यह न भी कर सकें तो यूट्यूब पर ओशो के बुद्ध केंद्रित प्रवचन ज़रूर सुनें.
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बौद्धाचार्य डॉ. एसएस पटेल ने बताया कि बुद्ध को पूरी दुनिया के मुल्क बहुत शिद्दत से पूजते हैं और उनके दिखाए मार्ग पर चल कर उन्नति के शिखर पर पहुंच गए हैं. आज नहीं तो कल सभी को देर सबेर बुद्ध मार्ग पर आना ही होगा, जो जितना देर करेगा, वो उतना पीछे रहेगा.
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समाजसेवी रामशरण सिंह सैंथवार ने अपने संबोधन में कहा कि सैंथवार शब्द संथागार का अपभ्रंश है. सैंथवार में सभी खत्तिय गणजातियां शामिल हैं, जो संथागार से संबंधित रहे. मल्ल महाजनपद के अंतर्गत सभी छोटे-बजे नव गणराज्य शामिल थे. आज उनकी पहचान सैंथवार, मल्ल, कोयरी, कुशवाह, शाक्य, पटनवार, अवधिया, चनऊ, माली या सैनी आदि के रूप में हैं.
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प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक डॉ. रमाकान्त कुशवाहा ने कहा कि डीमास्क के सांस्कृतिक कार्यक्रम से हम सभी लोग पुरातत्व विभाग पर दबाव बना पाए, जिससे संथागार स्थल पर चहारदीवारी और धातुवितरण स्थल का सौन्दर्य बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि कुशीनारा के अलावा पावा गणराज्य भी मल्ल सैंथवारों का ही था, डीमास्क से निवेदन है कि वह अपने उस गणराज्य पर पावा महोत्सव जैसा कोई कार्यक्रम मनाए. डॉ कुशवाहा ने कहा कि एक और मल्ल गणराज्य अनुपिया भी था, उसका भी पुरातात्विक चिन्हाकंन हो चुका है, जो नेपाल में स्थित है. डीमास्क को इन सभी जगहों पर अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम करने चाहिए.
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खलीलाबाद से आये अजय सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वज पूरी दुनिया के चौंसठ देशों में समादृत हैं, हमारा इतिहास दुनिया को बदल देने वाला है. अतः हमें अपनी परम्पराओं में लौटना होगा महामानव के दिखाए मार्ग पर चलना होगा.
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इस कार्यक्रम में नरसिंह पटेल अज्ञानी, रामसूरत सिंह, सैंथ-मल्ल महासभा के संरक्षक मास्टर राम सिंह, सैंथवार मल्ल महासभा के उपाध्यक्ष विश्वजीत सिंह सैंथवार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य समाजसेवी छोटे सिंह, डीमास्क उपाध्यक्ष समाजसेवी श्रवण पटेल, समाजसेवी संजय सिंह, पूर्व प्रमुख संजय मल्ल, डॉ. राम कुमार पटेल, डॉ. भागीरथी सिंह, अजय कुमार सिंह, डॉ. विश्वंभर प्रजापति, छात्र नेता आकाश पासवान, एडवोकेट अजय कुमार मल्ल, श्रीमती संजू सिंह, अध्यक्ष, नगर पालिका सहजनवां, सैंथवार मल्ल महासभा कोषाध्यक्ष भोला सिंह फ़ौजी, ई. अशोक कुमार सिंह आदि ने अपने संबोधन में बुद्ध की शिक्षाओं और दर्शन पर बातचीत की.
इस संबोधन कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा दहेज रहित शादी कर समाज को सकारात्मक संदेश देने वाले युवा एवं युवतियों को सम्मानित किया गया. इनमें डॉ. हितेश सिंह सैंथवार एवं डॉ. विजयश्री मल्ल, डॉ. भागीरथी सिंह (तहसीलदार) एवं ख़ुशबू, डॉ. विश्वंभर प्रजापति एवं संध्या प्रजापति, केशरीनंदन सिंह (बैंक मैनेजर) एवं डॉ. नीलम सिंह, अर्पणेश प्रताप सिंह एवं संध्या सिंह, हिमांशु सिंह एवं आराधना सिंह, सत्येंद्र कुमार भारती एवं मनीषा भारती शामिल हैं. साथ ही साथ समाज सेवा में तत्पर समाजसेवियों को भी डीमास्क संस्था ने सम्मानित कर उनके कार्यों को रेखांकित किया और प्रशंसा की. सम्मानित समाजसेवियों में रामसूरत सिंह, आनंद सिंह बबलू पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत देवरिया, संजय मल्ल पूर्व प्रमुख, ई. अशोक कुमार सिंह समाजसेवी एवं ग्राम प्रधान महुईं बुजुर्ग, सहायक प्रोफेसर और बौद्ध विद्वान डॉ. राम कुमार पटेल शामिल रहे.
कार्यक्रम में डीमास्क पदाधिकारी एवं वालेंटियर महेन्द्र प्रताप मल्ल, मार्कण्डेय सिंह मिंटू, रवीन्द्र सिंह, आदित्य प्रताप सिंह, रणविजय सिंह, ब्यास सिंह, शिवांग सिंह, अरविंद सिंह, अवधेश सिंह और नवरंग सिंह समाजसेवी नगर पंचायत अध्यक्ष मथौली, संजय सिंह मुन्ना, सुनील कुमार सिंह, अभिषेक सिंह, रविंद्र चौधरी, ध्रुप सिंह, जीरधन सिंह, बृजमन, रुपनरायण, छोटेलाल, ब्रजराज, आनंद कुमार सिंह, प्रदुम्न सिंह सैंथवार, अरविन्द प्रताप मल्ल, भूपेश मल्ल, धीरेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट, आकाश चौरसिया, सोनू मल्ल, राम बहाल पटेल, संदीप यादव, राम नरेश सिंह, राजकुमार सिंह, मयंक यशवर्धन सिंह, हीरालाल कुशवाहा, अभय प्रताप, शैलेश कुशवाहा, जय प्रकाश सिंह, अश्वनी कुमार सिंह, सुबाष चंद्र सिंह, सन्नी बाबू, अभिराम सिंह मित्र, निरंजन सिंह, डॉ. सिद्धार्थ पटेल, अरूण सिंह, चंद्रशेखर सिंह, ओमप्रकाश सिंह, केशव सिंह, जनार्दन चौरसिया, रामू पाल, जगदीश सिंह, छोटेलाल गौड़, हरीलाल पाल, नेबूलाल भारती, सुनील सिंह, प्रदीप सिंह, बिन्नू पटेल, गोविंद, धनेश गुप्ता, रविश गुप्ता, सुग्रीव मल्ल, जामवन्त मल्ल, दयानाथ सिंह, रामाश्रय सिंह, मारकंडे पटेल, मणिमाला, फूलबदन सिंह, उदय प्रताप सिंह, साधना सिंह, गरिमा सिंह, फ़ुल कुमारी देवी, श्वेता सिंह, अनन्या सिंह, सविता कुमारी, दिनेश कुमार, अभय, रामानन्द कुशवाहा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित हुए.
कार्यक्रम का संचालन संस्था के महासचिव एसपी सिंह सैंथवार ने किया और अतिथियों के प्रति धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने किया.