ग्लेन मैक्सवेल

ग्लेन मैक्सवेल ने दिखाया हारी हुई बाजी अपने दम पर जीतने का अविश्सनीय कारनामा

ग्लेन मैक्सवेल की पारी ने 1984 के विश्वकप में कपिलदेव की जिंबाब्वे के विरुद्ध 175 रन की नाबाद पारी याद दिला दी है. यह पारी कई मायने में अद्भुत और अविश्वसनीय थी, बता रहे हैं वीर विनोद छाबड़ा

अद्भुत, कारनामा, चमत्कार, अविश्वसनीय किसे कहते हैं? इन शब्दों को ठीक ठीक अगर कोई वर्णित न कर सके तो वो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 7 नवंबर 2023 को अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया के आल राउंडर ग्लेन मैक्सवेल की 201 रन की नाबाद इनिंग को यूट्यूब पर देख ले. मैं तो कहूंगा कि जिसने आज की ये पारी लाइव नहीं देखी उसने क्रिकेट के सबसे दिलचस्प और रोमांचक क्षणों को मिस किया है.

हमारी जैसी 70 प्लस की पीढ़ी ख़ुशक़िस्मत है जिनकी ज़िंदगी में ऐसा कारनामा दोबारा आया है. इससे पहले 1983 के वर्ल्ड कप में इंडिया के आल राउंडर कपिल देव के ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध 175 रन बनाये थे. उस वक़्त इंडिया का स्कोर 17 पर 5 विकेट था. एक लगभग निश्चित हार की तरफ बढ़ रहा था इंडिया.

मगर उस इनिंग को हम बीबीसी की स्ट्राइक की वज़ह से टीवी पर लाइव देख नहीं पाए थे, मगर हां सुन पा रहे थे. आज भी मैक्सवेल को रनों की बौछार लाइव देखते हुए कपिल की उस इनिंग के थ्रिल का अंदाज़ा लगा पा रहे थे. स्थिति भी थोड़ी 1983 जैसी थी.

अफ़ग़ानिस्तान के 291/5 विकेट के जवाब में ऑस्ट्रेलिया के 91 रन पर 7 विकेट गिर चुके थे. तमाम तमाशबीन और धुरंधर क्रिकेट एक्सपर्ट्स राय ज़ाहिर कर चुके थे कि बस कुछ ही मिनट की देर है कि ऑस्ट्रेलिया एकदिनी वर्ल्ड कप में अपनी सबसे बुरी हार का मातम मना रहा होगा.

ऑस्ट्रेलिया में अनेक टीवी स्विच ऑफ हो गए. लेकिन कुछ अति आशावान को अभी भी यक़ीन था कि बाज़ी अभी पलट सकती है. ये वो लोग थे जो क्रिकेट के इस अलिखित नियम में यकीन रखते हैं कि जब तक आख़िरी गेंद न डाल दी जाए तब तक कोई भी भविष्यवाणी ख़तरनाक़ साबित हो सकती है.

और यही हुआ भी. अगले 201 ज़रूरी रन बिना कोई विकेट गंवाए ऑस्ट्रेलिया ने बना लिए. मैक्सवेल ने 47वें ओवर में 3 छक्के और एक चौका उड़ा कर न सिर्फ अपनी डबल सेंचुरी पूरी की बल्कि टीम को 3 विकेट से जिता भी दिया. उन्होंने 128 बॉल खेलीं जिसमें 21 चौके और 10 छक्के थे.

इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं उस वक़्त स्टेडियम में रनों का कैसा तूफ़ान चल रहा था. एक दिनी क्रिकेट के तमाम पुराने रिकॉर्ड छिन्न भिन्न हो रहे और नए बन रहे थे.

रिकॉर्ड दूसरी छोर पर खड़े कप्तान पैट कम्मिंस 12 रन पर नॉट आउट रहे. उन्होंने 68 बॉल खेल कर मैक्स का बखूबी साथ दिया. दोनों ने मिल कर आठवें विकेट के लिए 202 रन की नाबाद पार्टनरशिप की. इस पार्टनरशिप में मैक्स के डोमिनेशन का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि इसमें मैक्स के 179 रन थे.

मैक्स की दिलेरी की दाद इसलिए भी देनी होगी क्योंकि उन्होंने अपनी इनिंग के आख़िरी 79 रन एक टांग पर खड़े होकर वास्तव में बेहद दर्द में गिरते-पड़ते हुए बनाये. इनिंग के 37 ओवर में उनके मोच आ गयी थी और जिस्म का हर अंग दर्द से बेहाल था. कई बार वो गिरे भी. लेकिन उन्होंने मैदान छोड़ने से मना कर दिया. शायद ये शेर उनके लिए लिखा गया था – खुदी को कर बुलंद इतना, के हर तक़दीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है?

 

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *