सेक्स और भोजन की तलाश में घूमता है मनुष्य

सेक्स और भोजन की तलाश में घूमता है मनुष्य

सदियों से मनुष्य भोजन और सेक्स के इर्द गिर्द ही घूम रहा है. तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद हर मनुष्य के केंद्र में यही दो चीजें हैं. जब इससे थोड़ी सी संतुष्टि मिल जाती है तो वह अन्य चीजों की तरफ सोच पाता है. इन जरूरतों को पूरा करना सहज है, बता रहे हैं सत्येन्द्र पीएस

 

मनुष्य का जीवन पूरी दुनिया भर में भोजन और सेक्स के इर्दगिर्द घूमता है। ज्यादातर एनर्जी इसी में खप जाती है कि पैसे कैसे कमाएं? और जैसे ही दो पुरुष बात करने का मौका पाते हैं, यौन संबंधों और यौनिक टीका टिप्पणी उनकी बातचीत का विषय बन जाता है।

अकोला के डॉक्टर केलकर का एक वीडियो देख रहा था। वह एमडी डॉक्टर हैं लेकिन हिप्नोटिज्म पर भी उनका दिलचस्प काम है जिसका इस्तेमाल वह चिकित्सा में करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां एक 35 साल उम्र का पेयर आया। महिला रात में 3 बार सेक्स की डिमांड करती थी और उसका पति परेशान रहता था। जब महिला से बात की तो पता चला कि उसकी हमउम्र महिलाएं बताती हैं कि वह एक रात में 4-5 बार सेक्स करती हैं। इसलिए वह भी उस आदर्श को हासिल करना चाहती थी! और उसके पति का 40 सेकंड में काम तमाम हो जाता था।

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यौन संबंध बनाना पूरी तरह से मानसिक आनन्द का विषय है। मेरे लिए तो यह समझना भी कठिन होता है कि लोग वेश्यागामी कैसे होते हैं? बलात्कार करना तो दूर की बात है। यह सब तभी हो सकता है जब आदमी मानसिक रूप से विकृत हो। इन सब से बेहतर सेल्फ डिपेंडेंसी है, कम से कम उसमें पुरुष/महिला अपने बेहतर ख्वाबो के साथ इरेक्शन का आनन्द लेते है।

अगर आप मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं, थके हैं, तनाव में हैं या आपका पार्टनर एकदम ही पैसिव पार्टनर है तो आप कभी भी यौन सम्बन्धों का सुख नहीं ले सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि दोनों समान विचार, समान स्वास्थ्य वाले हों। वात्स्यायन ने कामसूत्र में इसका अच्छा वर्णन किया है कि यौन सुख के लिए क्या क्या चीजें जरूरी हैं। बहुत अच्छी किताब है, उसको पढ़ा जा सकता है। लेकिन हिंदी वर्जन पढ़ेंगे तो विकृत हो जाएंगे, अंग्रेजी वाली पढ़ें। इंटरनेट आर्काइव से फ्री डाउनलोड करके।

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यौन संबंध बनाने में पुरुष की ही ज्यादा दुर्गति होती है। स्त्री तो कभी कभी एक आधे घण्टे के एक ही चक्र के यौन सम्बन्ध में कई बार चरम सुख को पहुँच लेती है लेकिन पुरुष एक बार पहुँचा तो फिर उसको दूसरी बार के लिए तैयार होने में वक्त लगता है। और अगर पूर्ण आनन्द नहीं आया तो पुरुष अमरोहा वाले हकीम के यहां पहुँचते हैं। 99% मामलों में लोग माइंड गेम में हारे हुए लोग होते हैं। अगर थोड़ा ध्यान करें, सामान्य हों तो आराम से घण्टा आधा घण्टा सेक्स का आनन्द ले सकते हैं, वैद जी के यहां जाने या फ्रस्ट्रेशन में आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। हालांकि यह कठिन नहीं है लेकिन आसान भी नहीं है! बिल्कुल वैसा ही मसला कि जैसे कोई व्यक्ति 100 फुट ऊंचाई से पानी मे जम्प मार देता है और मुझे कहता रहे कि कुछ नहीं होता, आप भी कूद जाएं, लेकिन मैं नहीं कूद सकता।

आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक कर सेक्स सम्बन्धों को दुरुस्त कर सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है खुशनुमा माहौल। शारीरिक स्वास्थ्य। शून्य मानसिक तनाव। पुरुष स्त्री दोनों का मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहना। अदरवाइज 30 सेकंड में आपका काम तमाम होता रहेगा और महिला हमेशा बीमार, चिड़चिड़ी और अस्वस्थ बनी रहेगी, उसके चेहरे पर हमेशा बारह बजे रहेंगे।

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सेक्स बेस्ट एक्सरसाइज है। रोज एक घण्टे करें तो यह मानसिक के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करता है, एनर्जी देता है। अगर यह सही हो तो जिम में भागने की शायद जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अपने आप व्यक्ति फिटनेस फ्रीक बना रहेगा कि तोंद निकली तो खेल खराब होगा। बकिया एक्सीडेंट हो जाना, या हाइब्रिड खा खाकर किडनी, लिवर खराब हो जाना, कैंसर हो जाना, यह सब अलग केस है। लेकिन यह सब होने के बावजूद बेस्ट एक्सरसाइज से एनर्जेटिक रहा जा सकता है। कम से कम शादीशुदा लोग इसे अच्छी तरह से समझ सकते हैं या बगैर शादी शुदा अच्छे पार्टनर रखने वाले लोग समझ सकते हैं कि जिस रोज संतुष्टि मिलती है, दिन कैसा गुजरता है! यह भी कह सकते हैं कि किसी शादीशुदा व्यक्ति के एनर्जी लेवल को देखकर समझ सकते हैं कि उसकी एक्सरसाइज कैसी गुजरी है!

जब पेट भरेगा, सेक्स की भूख संतुष्ट रहेगी तब जाकर आप इस सत्तावादी राजनीति से निकल पाएंगे।, हाय पैसा हाय पैसा के पूंजीवादी व मार्क्सवादी बकवास से निकल पाएंगे। तभी आप इस धरती अंतरिक्ष, पराभौतिक शक्तियों, यूनिवर्स, ग्रहों नक्षत्रों, जीवन, मृत्यु, पुनर्जन्म, चेतन, अवचेतन के बारे में विचार कर पाएंगे। अदरवाइज पेट भरने के लिए धन कमाने और अच्छे सेक्स के लिए लुलुआते रहने में 60-70 साल की उम्र कटनी है।

#भवतु_सब्ब_मंगलम

 

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