पाकिस्तान जिंदाबाद नारे के संदेह में 33 लोग गिरफ्तार

पाकिस्तान जिंदाबाद नारे के संदेह में 33 लोग गिरफ्तार, 13 लोगों के घर गिराने के आदेश, हर परिवार पर 18 लाख रुपये जुर्माना

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के गोधना गांव के 33 लोग सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिए गए हैं कि उन्होंने मोहर्रम के दिन कथित रूप से विवादास्पद नारे लगाए. इतना ही नहीं, सरकार ने 13 परिवारों के घर अवैघ घोषित कर उन्हें गिराने के आदेश दिए हैं. साथ ही इन परिवारों पर 18 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं गांव वालों का कहना है कि ताज उस्ताद जिंदाबाद के नारे को पाकिस्तान जिंदाबाद बताकर गांव के लोगों को आरोपी बनाया गया है. उन्हें बेवजह फंसाया गया है. गिरफ्तार लोगों में ज्यादातर 18 से 25 साल के युवा हैं. गांव में केवल कुछ बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष बचे हैं. शेष ग्रामीण अन्य इलाकों में छिपे हुए हैं. मीरगंज इलाके के गोधना गांव से लौटे खुर्शीद अनवर खान का आंखों देखा हाल…

 

आज मैं जौनपुर ज़िले के मीरगंज इलाके के गोधना गांव गया. यह वही गोधना गांव है जहां के 33 लोग जेल की सज़ा काट रहे हैं. इल्ज़ाम है कि 10 वीं मोहर्रम के जुलूस में इन लोगों ने विवादित नारे लगाए. गांव वालों का कहना है इल्ज़ाम झूठा है वह नफ़रती सियासत की साज़िश का शिकार हुए हैं. बताते हैं कि अखाड़े के उस्ताद के नाम पर लड़कों ने ताज उस्ताद ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे.

वायरल वीडियो को ध्यान से सुनने पर उनकी बातें सच्ची भी लगती हैं. ख़ैर, सच और झूठ का फ़ैसला अब पुलिस प्रशासन और अदालत के पाले में है. फिलहाल दिल पर पत्थर रख कर उस बस्ती का आँखों देखा हाल सुनिए….

गोधना गांव की फ़िज़ाओं में सन्नाटा पसरा है. घरों के बाहर मवेशी या बच्चे ही दिखते हैं. घरों के भीतर महिलाएं और बूढ़े बीमार लोग हैं. कुल 33 लोग जेल में हैं जिनमे से ज़्यादातर 18 से 25 साल की लड़के हैं. बाकी के मर्द गांव छोड़ कर कहीं और चले गए हैं.

पाकिस्तान जिंदाबाद नारे के संदेह में 33 लोग गिरफ्तार
गांव के 13 लोगों के घर गिराने का भी आदेश आ चुका है और इस आदेश के साथ ही हर परिवार पर 18 लाख रुपये से ज़्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है. मेरा दावा है कि इस बस्ती का दर्द देख कर कोई भी इंसान अपने आँसू रोक नहीं पायेगा.

56 साल के रियाज़ को गले का कैंसर है दवाएं खत्म हो गई हैं. दो बेटे जेल में हैं. उनकी बीवी मौत की दुआ मांग रही है. गांव की आधी आबादी बेहद गरीब है. हर दिन कमाने और खाने वाले लोग हैं. यही वजह है कि कई घरों में चूल्हे सर्द पड़ गए हैं, फाके की नौबत आ गई है.

बात करने पर औरतें बिलख पड़ती हैं और बस्ती में किसी भी अजनबी को आता देख बच्चे घरों में दुबक जाते हैं. इस गांव के 13 लोगों के घर गिराने का भी आदेश आ चुका है और इस आदेश के साथ ही हर परिवार पर 18 लाख रुपये से ज़्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है. मेरा दावा है कि इस बस्ती का दर्द देख कर कोई भी इंसान अपने आँसू रोक नहीं पायेगा.

गोधना गाँव जाने और इतनी लंबी पोस्ट लिखने का मकसद यह है कि समाज के कुछ लोग बाज़मीर लोग थोड़े थोड़े राशन, तेल, आलू प्याज़ और मसाले इकट्ठे कर लें और इन जरूरतमंदों को भूखों मरने से बचाने के लिए आगे आएं. इनको क़ानूनी मदद देने के लिए मैंने कुछ ज़िम्मेदार लोगों से बात की है.

(खुर्शीद अनवर खान की फेसबुक वाल से)

 

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