किस भाजपा विधायक का है हाथी

आइए जानें कि किस भाजपा विधायक का है हाथी, जिसने 2 महिलाओं व मासूम को पटककर मार डाला

सरकार ने इलाके के हाथी और ऊंटों को लेकर एलीफेंट सफारी और ऊंट सफारी की योजना बनाई है, लेकिन रफ्तार बहुत सुस्त, आइए जानें कि इस बीच किस भाजपा विधायक का है हाथी, जिसने धार्मिक लोगों को कुचलकर मार डाला

गोरखपुर के मोहम्मदपुर माफी गांव में एक हाथी ने दो महिलाओं और 1 बच्चे को पटककर मार डाला. प्रशासन खुलासा नहीं कर रहा है कि किस भाजपा विधायक का है हाथी. इस घटना में कई अन्य लोग घायल हो गए. प्रशासन ने हाथी को 5 घंटे की मशक्कत से बेहोश किया. उसे कुसमी जंगल में लाकर बांध दिया गया है. वहीं प्रशासन अब तक यह नंगा सच नहीं जान पाई है कि वह हाथी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विपिन सिंह की है, जो गोरखपुर ग्रामीण से चुनाव जीते हैं. विपिन सिंह योगी आदित्यनाथ के खास विधायकों में से एक हैं. मरने वालों के परिजन और आयोजक भी किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करा रहे हैं.

गोरखपुर में किस जगह पर लोगों को हाथी ने मारा

गोरखपुर के जगतबेला रेलवे स्टेशन के पास मोहम्मदपुर माफी गांव में 16 फरवरी, 2023 को कलश यात्रा निकाली गई थी. यह कलशयात्रा 16 से 24 फरवरी तक प्रस्तावित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ को लेकर निकाली गई थी. इस यात्रा में करीब 1,000 ग्रामीणों ने हिस्सा लिया. इस यात्रा में 2 हाथी और 1 ऊंट भी शामिल थे. कलश यात्रा शुरू होने के पहले ही एक हाथी बिदक गया. हाथी ने  कलशयात्रा में शामिल 2 महिलाओं को सूंड में लपेटकर पटक दिया और पांव से दबाकर मार डाला. इसमें एक 4 साल का बच्चा भी चपेट में आ गया, जो अपनी नानी की गोद में बैठा था. मरने वालों में 55 साल की कांति उपाध्याय, 43 साल की कौशल्या मद्धेशिया और कौशल्या का 4 साल का नाती कृष्णा शामिल हैं.

कौन करा रहा था लक्ष्मी नारायण महायज्ञ

राप्ती नदी के किनारे लक्ष्मी नाराणय महायज्ञ कराने के लिए आयोजन समिति बनी थी. आयोजन समिति के सदस्य हनुमान यादव के मुताबिक यज्ञ में अयोध्या, मथुरा, वृंदावन और हरिद्वार समेत कई जगहों से 51 वैदिक आचार्य बुलाए गए थे.

मुख्यमंत्री ने मृतकों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की

इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया और मृतकों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की तत्काल घोषणा कर दी.

पीड़ितों ने नहीं दर्ज कराई प्राथमिकी

इस मामले में आयोजन समिति और पीड़ितों ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है. आयोजक यह भी खुले तौर पर बताने को तैयार नहीं हैं कि हाथी किसका है. वहीं मृतकों के परिजनों का कहना है कि दुर्घटना होनी थी, हो गई, हमें किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करनी है.

कौन लोग पालते हैं हाथी

नियम के मुताबिक हाथी पालने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से एनओसी लेने का नियम है. सामान्यतया गोरखपुर और आसपास के इलाकों में जमींदार तबका पीढ़ियों से हाथी पालता रहा है. इसके लिए कोई लाइसेंस नहीं लिया जाता. आसपास के कई जिलों में दर्जनों परिवारों में हाथी पाली जाती हैं.

हाथी का क्या महत्व है

हिंदू धर्म में हाथी को शुभ माना जाता है. यह समृद्धि और प्रतिष्ठा का प्रतीक है. किसी भी शुभ आयोजन में गणपति के रूप में हाथी की पूजा की जाती है. गोरखपुर के आसपास रूढ़िवादी परिवार अभी भी शादी में हाथियों की पूजा करते हैं. द्वारपूजा के दौरान हाथियां पूजी जाती हैं. वहीं इस इलाके में आए दिन बौराई हाथी के कारण दुर्घटनाएं होती हैं और महावत व आम पब्लिक की मौत होती है.

सरकार ने शुरू कराया है सर्वे

हाथियों और ऊंटों के लाइसेंस के लिए सरकार ने सर्वे शुरू कराया है. हाथी पालने वाले लोगों से लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं. कई हाथी पालकों ने बताया कि उन्होंने लंबे समय से आवेदन दे रखा है, लेकिन अब तक कोई लाइसेंस नहीं मिला.

हाथी को लेकर क्या है सरकार की योजना

सरकार हाथी और ऊंटों की गणना करा रही है. सरकार की योजना है कि वह रामगढ़ ताल के पास हाथी और ऊंट सफारी शुरू कराएगी. योजना के मुताबिक हाथी और ऊंट पालने वालों को नियमित रूप से मासिक भत्ता दिया जाएगा और लोग शुल्क चुकाकर हाथी व ऊंट की सवारी कर सकेंगे. साथ ही इससे अभाव का जीवन जी रहे महावतों को सम्मानजनक रोजगार मिल सकेगा.

हाथी के मालिक का नाम का खुलासा क्यों नहीं

वन विभाग के डीएफओ विकास यादव का कहना है कि हाथी हिंसक हुआ तो महावत की मदद से काबू पाया गया. प्रशासन परोक्ष रूप से मान रहा है कि हाथी पालतू है, लेकिन नाम का खुलासा नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि अगर परिजन तहरीर नहीं देते हैं तो मामले की जांच नहीं होगी. जब मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा तो पालतू हाथी को अज्ञात दिखाकर छोड़ दिया जाएगा और वह अपने मालिक के पास चला जाएगा.

 

 

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