kisano ke liye budget me pravdhan

kisano ke liye budget me pravdhan फसल बीमा योजना

राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS), मौसम आधारित फसल बीमा योजना, संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) को वापस लेने के बाद दिनांक 01.04.2016 से शुरू की गई. विभाग ने निर्देशित प्रीमियम और दावा-समर्थन बीमा योजनाओं के स्थान पर बीमांकिक प्रीमियम-आधारित प्रणाली के लिए अग्रिम सब्सिडी कर दिया है.

संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (MISS)

संशोधित ब्याज छूट योजना (MISS) यानी संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना के तहत, कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों को 9% की बेंचमार्क दर पर 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध है. भारत सरकार बेंचमार्क दर पर 2% ब्याज छूट प्रदान करती है. ऋणों के शीघ्र और समय पर पुनर्भुगतान के लिए किसानों को अतिरिक्त 3% छूट भी दी जाती है.  इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है. आरआरबी / सहकारी बैंकों के लिए नाबार्ड और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए आरबीआई कार्यान्वयन एजेंसियों को निधियां जारी की जाती हैं.

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बाजार हस्तक्षेप योजना और मूल्य समर्थन योजना (MIS-PSS)

इस स्कीम के तहत नेफेड, केंद्रीय वेयर हाऊसिंग निगम, राष्ट्रीय भारतीय उपभोक्ता सहकारी समिति परिसंघ और लघु किसान कृषि व्यापार मंच को केंद्रीय अभिकरणों के रूप में प्राधिकृत किया गया है ताकि वे मूल्य समर्थन स्कीम के तहत तिलहनों और दलहनों का प्रापण कार्य करने के साथ-साथ किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलवाने की दशा में कार्य कर सकें. नेफेड, सेंट्रल वेयरहाउसिंग निगम, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ, लघु किसान कृषि व्यवसाय परिसंघ को मूल्य समर्थन योजना के तहत और किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मुहैया कराने हेतु कार्य करने के लिए भी तिलहन और दहलन की खरीद करने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों के रूप में नामित किया है.

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प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना (PM-ASHA)

प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-ASHA) योजना मूल्य समर्थन योजना (PSS), तिलहन और खोपरा, भावांतर भुगतान योजना (PDPS) और निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना (PPSS) की प्रायोगिक परियोजना सहित किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए है.

कल्याण योजनाओं के लिए राज्य / संघ राज्य क्षेत्रों को दाल का वितरण

कल्याण योजना के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को दलहन का वितरण योजना लाई गई है. यह योजना मध्याह्न भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आईसीडीएस आदि जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत उपयोग के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को निर्गम मूल्य से 15 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी की पेशकश करके मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खरीदे गए दलहन के विशाल स्टॉक के निपटान के लिए है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)

देशभर के सभी किसान परिवारों को आय सहयोग प्रदान करने के लिए उन्हें अपने कृषि और संबद्ध कार्यकलापों के साथ ही घरेलू जरूरतों संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए सक्षम बनाने हेतु केन्द्रीय सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan ) नामक एक नई केन्द्रीय सेक्टर स्कीम शुरू की है. इस स्कीम का उद्देश्य किसानों के परिवारों को 2000 रुपये की तिमाही किस्तों द्वारा कुल 6000 रुपये का वार्षिक का भुगतान करना है जो कतिपय उच्चतर आय समूहों से संबंधित अपवादों के अधीन होगा. लगभग 12.50 करोड़ किसान परिवारों को इस योजना के दायरे में लाए जाने की संभावना है.

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

लघु और सीमांत किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा कंवच की व्यवस्था करने की दृष्टि से, क्योंकि उनके पास वृद्धावस्था के लिए मामूली या शून्य बचत होती है और बाद में उनकी आजीविका का साधन नहीं रह जाता. ऐसी स्थिति में उनकी सहायता के लिए सरकार ने एक और नई केन्द्रीय सेक्टर स्कीम कार्यान्वित करने का निर्णय लिया, जिसके तहत इन किसानों को वृद्धावस्था पेंशन प्रदान की जाएगी. इस स्कीम के तहत 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पात्र लघु और सीमांत किसानों को 3000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम नियत पेंशन प्रदान की जाएगी, जो कुछ अपवाद नियमों के अधीन होगी. इस स्कीम का उद्देश्य प्रथम तीन वर्षों के दौरान लगभग 3 करोड़ लाभग्राहियों को इसके दायरे के अंतर्गत लाना है. यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन स्कीम होगी जिसमें शामिल होने की आयु 18 से 40 वर्ष होगी.

10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन और संवर्धन

यह योजना सदस्य किसान उत्पादकों को उनकी उपज के लिए बेहतर नकदी और बाजार संपर्क के माध्यम से लागत प्रभावी उत्पादकता और उच्च निवल आय बढ़ाने में योगदान देगी और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से धारणीय किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनने में मदद मिलेगी.

कृषि अवसंरचना निधि (AIF)

इस केन्द्रीय क्षेत्र की योजना को 8.7.2020 में मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन दिया गया था ताकि ब्याज छूट एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से फसलोपरांत प्रबंधन अवसंरचना और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहारिक परियोजनाओं में निवेश करने हेतु मध्यम-दीर्घावधि ऋण का वित्तपोषण किया जा सके। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटियों (पैक्स), विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्व-सहायता समूह (SHG), किसानों, संयुक्त देयता समूह (JLG), बहुद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप और केन्द्रीय / राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक निजी साझेदारी वाली परियोजना के लिए ऋण के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे. इस वित्तपोषण सुविधा के अंतर्गत सभी ऋणों पर अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक प्रति वर्ष 3% का ब्याज छूट दी जाएगी. यह छूट अधिकतम 7 वर्षों की अवधि के लिए उपलब्ध होगी. इसके अलावा, 2 करोड़ रुपए तक के ऋण के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्यम योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के अंतर्गत इस वित्तपोषण योजना से पात्र उधारकर्ताओं को क्रेडिट गारंटी बीमा उपलब्ध होगा. इस बीमा के शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन शहद मिशन (NBHM)

NBHM को 2020-21 से 2022-23 तक 3 वर्षों के लिए शुरू किया गया है. मार्च 2023 के अंत तक 160000 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन, मधुमक्खी कॉलोनियों की संख्या को 42 लाख तक बढ़ाना, लगभग 4.60 लाख का रोजगार पैदा करना और शहद से आय में वृद्धि और फसलों की उपज में वृद्धि का लक्ष्य होगा. मुख्य घटकों/उप-योजनाओं के रूप में एनबीएचएम के 3 मिनी मिशन हैं.

पादप किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण

यह एक सांविधिक निकाय है जिसे विश्व व्यापार संगठन से हुए करार के तहत दायित्वों को पूरा करने के प्रयोजानार्थ 2001 में अधिनियम के तहत गठित किया गया. इसमें पादप प्रजातियों, किसानों और पौध रोपणकर्ताओं के अधिकारों और पादपों की नई किस्मों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी प्रणाली कायम करने का प्रावधान किया गया है.

राष्ट्रीय पौध स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान इस संस्थान का प्रावधान विविध और बदलती हुई कृषि जलवायुगत परिस्थितियों में पर्यावरण के मद्देनजर संधारणीय पादप स्वास्थ्य प्रबंधन परिपाटियों को बढ़ावा देने, जैव सुरक्षा एवं क्षिप्राक्रमण प्रबंधन तथा केंद्र एवं राज्य सरकार को नीतिगत सहायता देने के लिए किया गया है.

राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज)

यह संस्थान कृषिगत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रकों में विस्तार अधिकारियों, प्रबंधकों, वैज्ञानिकों, और प्रशासकों द्वारा प्रबंधन तकनीकी कौशल के अधिप्रापण को सुकर बनाता है ताकि संधारणीय कृषिगत और मात्सियकी परिपाटियों पर किसानों और मछुवारों को बेहतर कारगर सहायता और सेवाएं उपलब्ध करा सके.

चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान

यह एक स्वायत्त निकाय है और कृषि विपणन क्षेत्र में दक्षता लाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता लाने और सरकारी, सहकारी और निजी क्षेत्र में निर्णय लेने वालो को परामर्श और नीति समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

नारियल विकास बोर्ड

नारियल विकास बोर्ड (Coconut development board – CBD) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत उत्पादकता वृद्धि और उत्पाद विविधीकरण पर ध्यान देने के साथ देश में नारियल की खेती और उद्योग के एकीकृत विकास के लिए स्थापित एक सांविधिक निकाय है. इसका गठन नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए हुआ है.

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक स्वायत्त संगठन है. बोर्ड के व्यापक लक्ष्य और उद्देश्य एकीकृत हाई-टेक वाणिज्यिक बागवानी के लिए उत्पादन क्लस्टर / केंद्र विकसित करना, कटाई के बाद और कोल्ड चेन के अवसंरचना का विकास, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना और नई प्रौद्योगिकियों/उपकरणों / तकनीकियों को अपनाने को बढ़ावा देना है.

कृषि अर्थशास्त्र और सांख्यिकी योजना

इस योजना का समग्र उद्देश्य कृषि क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं का एक डेटाबेस एकत्र करना है. कृषि गणना कृषि सांख्यिकी के संग्रहण की एक व्यापक प्रणाली का हिस्सा है. यह देश में कृषि की संरचना के बारे में मात्रात्मक जानकारी के संग्रह और व्युत्पन्न के लिए एक बड़े पैमाने पर सांख्यिकीय संचालन है. इसका काम आंकड़े संकलित करना और बनाए रखना, कृषि क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का अध्ययन और विश्लेषण करना और नीतिगत सुझाव देना है.

आईआरआरआई दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र

आईआरआरआई दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र एक क्षेत्रीय सुविधा है जो भारत और अन्य दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी देशों के संस्थानों, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के लिए अनुसंधान सहयोग प्रशिक्षण और सेवा प्रावधान की सहायता करता है.

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना

यह कृषि क्षेत्र में अधिक विकास हासिल करने, किसानों को अधिक लाभ मुहैया कराने और खाद्य सुरक्षा, सतत कृषि, मृदा बीज के उत्पादन और कृषि विस्तार पर ध्यान केंद्रित करके समेकित विकास का एक कार्यक्रम है. इस योजना का पुनर्गठन किया गया है और पूर्ववर्ती योजनाओं अर्थात प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रति बूंद अधिक फसल, परम्परागत कृषि विकास योजना, मृदा और स्वास्थ्य उर्वरता पर राष्ट्रीय परियोजना, वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास और जलवायु परिवर्तन, फसल अवशेषों के प्रबंधन सहित कृषि मशीनीकरण पर उप- मिशन आदि को आरकेवीवाई में विलय कर दिया गया है.

राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन

प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के प्रलेखन और प्रसार के लिए संस्थागत क्षमता का निर्माण करना है, खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन रणनीति में भागीदार बनाना, क्षमता निर्माण और निरंतर सहयोग सुनिश्चित करना और अंत में प्रणाली की योग्यता के आधार पर किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आकर्षित करना है. प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन का मूल उद्देश्य बाहरी खरीदे गए आदानों से खेती की वैकल्पिक प्रणाली को बढ़ावा देना, लागत में कमी करना और इस प्रकार किसानों की आय में वृद्धि करना है.

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