Lord Jo Johnson

अदाणी समूह में निवेश करने वाली एलारा कैपिटल के डायरेक्टर Lord Jo Johnson को क्यों इस्तीफा देना पड़ा, जो ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भाई हैं?

बोरिस जॉनसन के भाई Lord Jo Johnson को एलारा कैपिटल से इस्तीफा देना पड़ा है. बोरिस जॉनसन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताते थे अपना खास दोस्त, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप के बाद पद छोड़ना पड़ा था.

क्या नरेंद्र मोदी ने अपने प्रधानमंत्री होने का लाभ अदाणी समूह को पहुंचाया है?  यह सवाल अब अंतरराष्ट्रीय मसला बन गया है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भाई और एलारा कैपिटल के डायरेक्टर Lord Jo Johnson ने इस्तीफा दे दिया है. इसे लेकर तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत के प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अनुग्रहीत कर उनके भाई को एलारा में डायरेक्टर बनवाया और फिर ब्रिटेन से अदाणी को लाभ पहुंचाया? यह अभी जांच का विषय है, लेकिन अदाणी समूह के विवाद ने इन रिश्तों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.

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बोरिस जॉनसन के मोदी से क्या रिश्ते हैं

अप्रैल, 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना खास दोस्त  करार दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता दीवाली तक हो जाएगा. उसके बाद ब्रिटेन में लगातार राजनीतिक उठापटक चली और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा. बोरिस जॉनसन के बाद लिज ट्रस और उसके बार ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनाए गए.

Lord Jo Johnson के भाई बोरिस जॉनसन को क्यों देना पड़ा था इस्तीफा

बोरिस जॉनसन के क्रिस पिंचर से खास रिश्ते थे. ब्रिटेन के सांसद क्रिस पिंचर पर सेक्स अपराध  को अंजाम देने का आरोप था. बोरिस जॉनसन ने इस अपराध को दरकिनार कर पिंचर को बड़े पद पर बिठा दिया, जिसे लेकर ब्रिटेन में हंगामा हो गया था. क्रिस पिंचर पर नशे की हालत में लंदन के एक पब में सेक्स अपराध का आरोप लगा था. 29 जून 2022 को ब्रिटिश सांसद क्रिस पिंचर पर एक क्लब में दो लोगों को गलत तरीके से छूने का आरोप लगा. बाद में पिंचर को मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देना पड़ा.

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भ्रष्ट सांसद ओवेन पैटरसन का बचाव किया था बोरिस जॉनसन ने

अक्टूबर 2021 में हाउस ऑफ कॉमंस की एक समिति ने कंजरवेटिव सांसद ओवन पैटर्सन को 30 दिन के लिए निलंबित करने की सिफारिश की थी. समिति का कहना था कि उन्होंने लॉबीयिंग के नियमों को तोड़कर उन कंपनियों को लाभ पहुंचाया, जिन्होंने उन्हें भुगतान किया है. वहीं बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में कंजरवेटिव पार्टी ने उनके निलंबन को रोकने के पक्ष में मतदान किया और जांच कैसे हुई, यह देखने के लिए एक समिति बना दी.

एलारा कैपिटल और अदाणी समूह के रिश्तों को लेकर शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने मुख्य रूप से 4 सवाल उठाए थे. इसमें हेरफेर के आरोपी धर्मेश दोशी और केतन पारेख के संबंधों पर सवाल उठाए गए हैं. एलारा के उस फंड का मूल स्रोत पूछा गया है, जिसे अदाणी समूह में लगाया गया.

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  1. मॉरीशस स्थित संस्थाएं जैसे एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड, एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड, इलारा इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड और ओपल इन्वेस्टमेंट की सामूहिक रूप से और लगभग विशेष रूप से अदाणी की सूचीबद्ध कंपनियों में शेयरधारिता है. इसकी कुल राशि 8 अरब अमेरिकी डॉलर है. ये संस्थाएँ अडानी में प्रमुख सार्वजनिक शेयरधारक हैं. अडानी की कंपनियों में इन कंपनियों के निवेश के लिए धन का मूल स्रोत क्या है?
  2. एलारा के एक पूर्व ट्रेडर ने हमें बताया यह स्वाभाविक है कि शेयरों पर अदाणी का नियंत्रण है. एलारा के एक फंड की अदाणी के शेयरों में 3 अरब डॉलर की होल्डिंग है. इसके एक फंड से अदाणी के 99 प्रतिशत शेयर खरीदे गए हैं. ट्रेडर ने कहा कि फंड का ढांचा जानबूझकर इस तरह का बनाया गया है कि इससे लाभकारी स्वामित्व को छिपाया जा सके. अदाणी की इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
  3. लीक हुए एक ईमेल से पता चलता है कि एलारा के सीईओ की कुख्यात स्टॉक मैनिपुलेटर धर्मेश दोशी से डीलिंग है. धर्मेश दोशी, केतन पारेख का पार्टनर है. दोषी जब कथित रूप हेरफेर की गतिविधि में भगोड़ा हो गया था, तब भी एलारा से उसकी डीलिंग थी. एलारा कंपनी अदाणी के शेयरों में सबसे बड़ी सार्वजनिक शेयरधारक है. इन रिश्तों पर अदाणी की क्या प्रतिक्रिया है?
  4.  एलारा के धन और अदाणी में उसके निवेश का मूल स्रोत क्या था?

एलारा कैपिटल क्या है?

एलारा कैपिटल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, रिसर्च ऐंड एनॉलिसिस, सेल्स ऐंड ट्रेडिंग, संपत्ति प्रबंधन का काम करती है. यह मुख्य रूप से इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का काम करती है. आप सरल शब्दों में समझ सकते हैं कि आपके पास धन है और आप उस पैसे को कहीं लगाना चाहते हैं तो आप किसी इनवेस्टमेंट बैंकर से संपर्क करेंगे. वह आपको बताएगा कि आप कहां कहां यह धन लगा सकते हैं.

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एलारा कैपिटल कहां कहां काम कर रही है

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक यह इनवेस्टमेंट बैंकर एलारा सिक्योरिटीज इंक नाम से न्यूयॉर्क में, एलारा कैपिटल पीएलसी नाम से लंदन में, एलारा सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड नाम से एसजी रोड अहमदाबाद में और एलफिंस्टन रोड मुंबई में कार्यालय है. इसके अलावा एलारा कैपिटल (मॉरीशस) लिमिटेड नाम से मॉरीशस की साइबर सिटी में कार्यालय है. एलारा कैपिटल का सिंगापुर में एलारा कैपिटल सिंगापुर लिमिटेड नाम  रैफसेल प्ले, शेवरॉन हाउस में कार्यालय है.

एलारा को लेकर हिंडनबर्ग के आरोप क्या हैं?

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि एलारा कैपिटल के एक फंड का 99 प्रतिशत पैसा अदाणी समूह में लगाया गया है. इस फंड में किन किन लोगों ने पैसा लगाया है, इसे लेकर सवाल उठाए गए हैं और हिंडनबर्ग ने पूछा है कि एलारा कैपिटल के इस विशेष फंड में धन कहां से आया है, जो विदेशी निवेश कहकर अदाणी ग्रुप में लगा दिया गया है.

एलारा के सीईओ के रिश्तों को लेकर क्या सवाल हैं

हिंडनबर्ग ने लीक हुए एक मेल के हवाले से कहा है कि एलारा के सीईओ के साथ की कुख्यात स्टॉक मैनिपुलेटर धर्मेश दोशी से डीलिंग है. धर्मेश दोशी, केतन पारेख का पार्टनर है. केतन पारेख का अदाणी समूह से नजदीकी रिश्ता है और पारेख अदाणी समूह के कई कामों में शामिल रहा है.

हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अब बोरिस जॉनसन की भ्रष्ट हरकतें ब्रिटिश लोगों को एक बार फिर ताजा हो गई हैं. उनके भाई लॉर्ज जो जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में यह सवाल भी उठना स्वाभाविक है कि क्या भारत के प्रधानमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग कर जो जॉनसन को एलारा में स्थापित कराया? हिंडनबर्ग ने एलारा के जिस फंड पर आरोप लगाया है, क्या उसकी वजह से जो जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा है? अदाणी ग्रुप में एलारा के निवेश और जो जॉनसन के क्या रिश्ते हैं, जिन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद पद छोड़ दिया? और आखिर में यह सवाल कि नरेंद्र मोदी की इस मामले में क्या भूमिका है?

 

 

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