चीन ने म्यांमार को एससीओ की पूर्ण सदस्यता दिलाने का दिया आश्वासन

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख मिन आंग हलिंग को शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization-SCO) का पूर्ण सदस्य बनने के लिए समर्थन देने का वादा किया है। यह घोषणा दोनों नेताओं के बीच तियानजिन में हुई मुलाकात के दौरान की गई।

म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद के एक बयान के अनुसार, शी जिनपिंग ने म्यांमार की राजनीति में “विदेशी हस्तक्षेप का विरोध” करने और देश में शांति और स्थिरता लाने के लिए चीन के सकारात्मक रुख पर बात की। इसके अलावा, उन्होंने दोनों नेताओं की मई में मॉस्को में हुई मुलाकात के दौरान सहमत हुए मुद्दों पर भी आगे बातचीत करने पर चर्चा की।

दोनों नेताओं ने म्यांमार के शांति प्रयासों, व्यापार को बढ़ावा देने, बेल्ट एंड रोड (Belt and Road) परियोजनाओं और म्यांमार आर्थिक गलियारे (Myanmar Economic Corridor) के कार्यान्वयन में तेजी लाने, प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग और दिसंबर में होने वाले चुनावों के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को आमंत्रित करने की योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की। इस दौरान, दोनों देशों के बीच सीमा शुल्क और समाचार मीडिया जैसे क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए।

म्यांमार और एससीओ का पिछला इतिहास
म्यांमार 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से आर्थिक संकट और गृहयुद्ध से जूझ रहा है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, म्यांमार के जनरल चीन और रूस जैसे पुराने साझेदार देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहे हैं। इसी क्रम में, म्यांमार मई 2023 में एससीओ का संवाद साझेदार (dialogue partner) बना था। मिन आंग हलिंग ने शी जिनपिंग के साथ अपनी बैठक में कहा था कि म्यांमार एक संवाद साझेदार के रूप में एससीओ के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देगा।

हलिंग ने शी जिनपिंग का धन्यवाद करते हुए कहा कि उत्तरी म्यांमार के विकास के लिए चीन द्वारा सीमावर्ती सशस्त्र समूहों पर दबाव डालने के परिणामस्वरूप शांतिपूर्ण स्थिति प्राप्त हुई है।

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