नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 5 साल से कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा रखा है। इस बीच कश्मीर के युवा बड़ी संख्या में नशे की गिरफ्त में चले गए हैं, बता रहे हैं शीतल पी सिंह
कश्मीरी प्रशासन का मानना है कि कश्मीर नशे की गिरफ़्त में आ गया है और हर बारह मिनट पर एक नशेड़ी श्रीनगर के सरकारी अस्पताल की ओपीडी में लाया जा रहा है । पुलिस प्रमुख का कहना है कि यह आतंकवाद से कहीं ज़्यादा बड़ी समस्या है और कश्मीर इस मामले में दूसरा पंजाब बन रहा है ।
कश्मीर में बीते पाँच साल से सीधे केंद्र का शासन है । रिकॉर्ड संख्या में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना तैनात की गई है । चुनी हुई सरकार भंग है और धारा ३७० हटाने का ऐलान किया जा चुका है(हालाँकि उसके कई प्रावधान हटाये गये हैं)।
केंद्रीय सरकार, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कश्मीर के हाल को नज़ीर बनाकर पेश करते हैं हालाँकि इसका जवाब नहीं देते कि आख़िर वहाँ चुनाव कब होंगे? लोकतंत्र कब बहाल होगा ?