NEET MDS 2023

NEET MDS 2023 परीक्षा की अविवेकपूर्ण अहर्ता दिनांक के चलते हजारों डेंटल स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में

NEET MDS 2023 में हिस्सा लेने के इच्छुक हजारों छात्रों का भविष्य अधर में

कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के करीब 10,000 से 15,000 डेंटल इंटर्न छात्र डेंटल काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के एक तुगलकी फ़रमान के चलते 2023 की MDS NEET परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित रह जा रहें हैं. इन छात्रों ने BDS के अंतिम वर्ष की परीक्षा देने के साथ ही साथ वर्ष भर MDS में प्रवेश लेने के लिए NEET MDS की भी कमरकस तैयारी में अपना बहुमूल्य समय, हजारों रूपये कोचिंग और किताबों में निवेश करते रहते हैं. इसवर्ष ऐसे हजारों छात्र MDS NEET-2023 के लिए निर्धारित किये गए अविवेकपूर्ण नियम के चलते इन परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित रह जायेंगे और इनमे से कई तो अवसाद या आत्महत्या तक के शिकार ही सकते हैं. इन हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है और कैरिअर अंधकारमय हो गया है.

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आइये समझते हैं कि क्या है पूरा मामला?

भारत में प्रतिवर्ष लगभग 26000 BDS दंत चिकित्सक स्नातक निकलते हैं और इनमे से अधिकांश परास्नातक MDS के लिए विभिन्न कॉलेजों में उपलब्ध 6000 सीटों पर एडमिशन के लिए अहर्ता परीक्षा NEET MDS में बैठते हैं. हम सभी इस बात से अवगत हैं कि पिछले दो वर्षों में  COVID महामारी के चलते पूरे देश के कॉलेज/विश्वविध्यालयों का शैक्षणिक सत्र अस्त व्यस्त हो गया था. इस कारण शैक्षणिक सत्र में हुए व्यवधान के कारण अनेक BDS कॉलेजों में सत्र समय से पूरा नहीं हो पा रहा है. इस वज़ह से इन छात्रों की इंटर्नशिप अप्रैल या मई 2023 में पूरी होगी जबकि NEET MDS परीक्षाओं में बैठने के लिए इंटर्नशिप पूरी होने की कट-ऑफ तारीख़ 31 मार्च 2023 निर्धारित की गयी है. इसके चलते हजारों डेंटल इंटर्न इस परीक्षा में भाग लेने से वंचित हो रहे हैं. ऐसे हजारों छात्र और उनके माता पिता अपनी बात रखने के लिए इधर उधर भटक रहें हैं. तमाम अथोर्टी को अहर्ता दिनांक आगे बढ़ाने के लिए ईमेल, निवेदनपत्र लिखे जा रहें हैं परन्तु NEET MDS-2023 परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की अंतिम तारीख यानि 30 जनवरी बीत जाने के बाद भी, अभी तक कहीं भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई है. अब अप्रैल में BDS करके निकलने वाले छात्रों के आगे एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है की वह आगे एक वर्ष करेंगे क्या और उनके इस एक वर्ष के नुक्सान का खामियाज़ा कौन भरेगा?

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