Kabir : भारत में निराशा के दौर में उम्मीद की किरण थे कबीर
यूरोप में रूसो, वाल्टेयर जैसे दार्शनिक प्रजातंत्र, आजादी की बात कर रहे थे तो भारत में कवि, चिंतक रचनाएं गाते गली-गली भीख मांग रहे थे. ऐसे दौर में Kabir एकमात्र उम्मीद की किरण बनकर उभरे. विश्वजीत सिंह जब यूरोप में रूसो, वाल्टेयर समता, स्वतन्त्रता, बंधुत्व, मानवता, प्रजातन्त्र, आजादी कीRead More →