चीन ने अनाज और अन्य प्रमुख कृषि उत्पादों का उत्पादन को स्थिर करने के लिए वित्तीय निवेश बढ़ाने का वादा किया है, जो इसकी व्यापक ग्रामीण पुनरुद्धार और खाद्य सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। चीन के केंद्रीय बैंक और कृषि मंत्रालय द्वारा 24 जुलाई 2025 में संयुक्त रूप से जारीRead More →

कभी कभी आपका कोई प्रिय मित्र अचानक आपसे दूरी बना लेता है। हर तरह के संबंध खत्म कर देता है। यह बहुत बड़ा मानसिक झटका होता है। आइए जानते हैं कि कोई घनिष्ठ मित्र ने अचानक आपसे दूरी बना ली तो क्या करें? जब हम ‘घोस्टिंग’ (अचानक किसी से दूरीRead More →

डॉग व्हिस्लिंग क्या है, जिस शब्द का इस्तेमाल उच्चतम न्यायालन ने अशोक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जमानत देने के वक्त किया … बता रही हैं शैलबाला मार्टिन अशोक यूनिवर्सिटी, हरियाणा के सहायक प्राध्यापक डॉ अली खान महमूदाबाद अशोका यूनिवर्सिटी, हरियाणा में इतिहास और राजनीति शास्त्र के सहायकRead More →

आयुर्वेद में तेल मालिश की बड़ी महत्ता बताई गई है। बढ़ती उम्र में यह बहुत फायदेमंद होता है। बच्चों से बुजुर्गों तक के तेल मालिश की भारत में परंपरा रही है। तेल मसाज के तमाम फायदे बता रहे हैं डॉ प्रदीप चौधरी… रविवार दिन ‘विश्राम’ का नहीं, मालिश का होता था।Read More →

ट्रेड वार शुरू करना आसान होता है… लेकिन इसका अंत कब और कैसे होगा… किसी को पता नहीं होता। चल रहे वैश्विक कारोबारी जंग की बारीकियां बता रहे हैं निवेश गुरु प्रभात त्रिपाठी…. Trade war किसी भी पारंपरिक युद्ध की तरह होता है — इसे शुरू करना आसान होता है,Read More →

आजकल हनुमान को एंग्री यंग मैन के रूप में दिखाया जा रहा है, जबकि शास्त्रों में उन्हें बुद्धि के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है।आयुर्वेद में क्रोध और बुद्धि को विपरीत ध्रुव माना गया है। हनुमान जी को क्रोध में दिखाकर उनकी बुद्धि का अपमान किया जा रहा है।Read More →

आहार और मानसिक स्वास्थ्य में सीधा सम्बन्ध है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण के अलावा अब्राहमिक धर्मों—यहूदी, इसाई और इस्लाम में भी इसका वर्णन मिलता है।।  इन धर्मों में भी आहार और मानसिक स्थिति के बीच ऐसा संबंध माना गया है। हर धर्म में आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा सम्बन्ध मानाRead More →

सौरभ वाजपेयी लोहिया ने तीन तरह के गांधीवादी बताये. मैं तीन तरह के समाजवादी बताता हूँ. इन तीनों में पहली श्रेणी के साथ बहस नहीं है. दूसरी श्रेणी की पहली उपश्रेणी से भी बहस नहीं है. यह सब वर्तमान संघर्ष के साथी हैं. बाकियों से डिबेट है— यह डिस्क्लेमर जरूरीRead More →

कुछ कांग्रेसी और नव कम्युनिस्ट आपातकाल को सही ठहरा रहे हैं। जय प्रकाश नारायण को अमेरिकी खुफिया एजेंसी का एजेंट बता रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार और समाजवादी विचारक जयशंकर गुप्त कहते हैं कि आपातकाल को इंदिरा गांधी कभी सही न ठहरा सकीं, उसे नवधे विचारक झूठ के पुलिंदों से स्थापितRead More →