दुनिया के शीर्ष चावल खरीदार फिलीपींस ने क्यों रोका है चावल का आयात

दुनिया के शीर्ष चावल खरीदार फिलीपींस ने क्यों रोका है चावल का आयात? क्या होगा इसका बाजार पर असर? आइए जानते हैं।

स्थानीय किसानों को समर्थन देने के लिए फिलीपींस ने 1 सितंबर से 60 दिन के लिए चावल आयात रोक दिया है। विश्व के सबसे बड़े खरीदार के इस कदम से चावल के वैश्विक दाम गिर सकते हैं। इससे भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे चावल निर्यातक देशों पर असर पड़ने की संभावना है।

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने इस समय चल रही फसल कटाई के दौरान यह आदेश जारी किया है। इसका मकसद धान की कम कीमतों से जूझ रहे किसानों की रक्षा करना है।

कृषि सचिव फ्रांसिस्को तियू लॉरेल जूनियर ने यह घोषणा की।स्थानीय बाजार में कीमत कम होने के कारण फिलीपींस के किसान आयात पर अस्थायी रोक लगाने और चावल पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया। उनका कहना था कि आयातित चावल की भारी आवक से स्थानीय उत्पादकों को नुकसान हो रहा है और इससे मिलर्स को अपना परिचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

इस साल की शुरुआत में फिलीपींस द्वारा एक खाद्य सुरक्षा आपातकाल घोषित करने के बाद यह एक बड़ा बदलाव है। खाद्य सुरक्षा आपातकाल में स्थानीय चावल की कीमतों में “असाधारण” वृद्धि का हवाला दिया गया था, जिसके कारण महंगाई बढ़ रही थी। उसके बाद से आपूर्ति में सुधार हुआ है, और इस फसल की कीमत कम हो गई है।

फिलीपींस के इस कदम से वैश्विक रूप से चावल का अधिशेष बढ़ सकता है। एशिया के बेंचमार्क चावल की कीमत पहले ही आठ साल के निचले स्तर पर चल रही है। अमेरिकी कृषि विभाग ने पिछले महीने अनुमान लगाया था कि फिलीपींस 2025-26 के सीजन में 54 लाख टन चावल खरीदेगा, जो वियतनाम और नाइजीरिया जैसे अन्य प्रमुख आयातकों की खरीद से कहीं अधिक होगा।

कृषि सहायक सचिव अर्नेल डी मेसा ने कहा कि 60 दिनों की यह रोक देश  में दो महीने की फसल कटाई के मौसम के लिए लगी है, जब घरेलू आपूर्ति पर्याप्त होती है।  फिलीपींस में साल में धान की दो फसल होती है और सरकार ने पूरे साल में रिकॉर्ड 204.6 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। गोमेज़ के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा कि आयातित चावल पर शुल्क वृद्धि पर चर्चा करने का समय अभी नहीं आया है। उन्होंने कहा, “हम अभी भी देखेंगे कि क्या हमें ऐसा करने की आवश्यकता है।” सरकार ने पिछले साल महंगाई को नियंत्रित करने के लिए 2028 तक चावल पर आयात शुल्क को 35% से घटाकर 15% कर दिया था। फिलीपींस में चावल की कीमतों में जुलाई में रिकॉर्ड 15.9% की गिरावट आई थी।

चावल आयात को निलंबित करने और शुल्क वृद्धि को टालने का निर्णय किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के हिसाब से सधा कदम है।

भारत के द राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.वी. कृष्णा राव के अनुसार, इस निलंबन से वैश्विक कीमतों पर दबाव पड़ने और भारत, थाईलैंड और वियतनाम सहित प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ” निकट भविष्य के हिसाब से चावल के वैश्विक दाम में थोड़ी नरम हो सकती हैं।”

खाद्य आयात को बढ़ावा देने पर सहमति

फिलीपींस के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने APEDA और इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के साथ प्रमुख भारतीय खाद्य उत्पादों के आयात को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की। इस उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने 6 अगस्त 2025 को यह जानकारी दी।

इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने एक बयान में कहा कि समझौते में फिलीपींस की ओर से भारत से चावल, भैंस का मांस, सब्जियां, फल और मूंगफली जैसी आवश्यक वस्तुओं के आयात को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता शामिल है।

फिलीपींस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कृषि सचिव फ्रांसिस्को पी. तियू लॉरेल जूनियर ने किया। इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) ने कहा कि यह बैठक कृषि संबंधों को मजबूत करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने पर केंद्रित थी। संस्था ने कहा, “इस उपाय का उद्देश्य चीन के उत्पादों पर निर्भरता को कम करना और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है।”

इस चर्चा में शामिल रहे आईआरईएफ के उपाध्यक्ष और श्री लाल महल ग्रुप के निदेशक देव गर्ग ने कहा, “सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों को विस्तार से संबोधित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप फिलीपींस सरकार द्वारा बासमती चावल के आयात पर प्रतिबंधों को खत्म करने पर सहमति बनी।” आईआरईएफ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि यह समझौता भारत-फिलीपींस संबंधों में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जो विकसित हो रही वैश्विक परिस्थितियों के बीच खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विस्तार और विविध व्यापार में योगदान देता है।

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