राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द

राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द : राहुल गांधी के सिर पर वही जूती पड़ गई, जो उन्होंने लालू के सिर पर रखी थी

लालू प्रसाद की संसद की सदस्यता के मामले में बने विधेयक को फाड़ डाला था, अब राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द

राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होना चर्चा में है. राहुल गांधी ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक कागज फाड़ा था। वह इसके खिलाफ थे कि अगर किसी को सजा मिल जाए तो वह सांसद बना रहे।

उस समय लालू प्रसाद निशाने पर थे। उनकी सदस्यता जानी थी।लालू प्रसाद उस समय कांग्रेस और कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे थे।

आज एक कोर्ट के सजा करने के बाद राहुल गांधी की संसद  सदस्यता खत्म कर दी गई। इसी को कहते हैं मियां की जूती मियां के सर।

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राहुल गांधी के दल की सरकार  नरेंद्र मोदी को क्रिमिनल बता  रही थी। लेकिन काट रही थी उनको, जो उनके साथ थे। मोदी के खिलाफ न्याय नलिका दिल्ली पहुंचकर सूख जाती थी।

एक क्रांतिकारी अरविंद केजरीवाल थे। उनके मंच से नारे लगते थे कि जिन्हें बिहार जाकर भैंस चराना चाहिए था, वह मंत्री बनते हैं। लिस्ट लिए घूमा करते थे कि फलाँ फलां परकेस लगा है, इनको जेल में होना चाहिए, लेकिन मंत्री बने बैठे हैं।  अब उनकी कैबिनेट ही धीरे धीरे जेल सजा रही है।

कांग्रेस चाहेगी तो 2-3 दिन में सुप्रीम कोर्ट में हियरिंग होगी, केस खत्म हो जाएगा। उनके नियुक्त लोग सुप्रीम कोर्ट में बैठे पड़े हैं। लालू प्रसाद को वह प्रिविलेज नहीं था, वह जेल से अस्पताल का चक्कर काटते जीवन खत्म कर रहे हैं।

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किस नियम से खत्म हुई राहुल गांधी की सदस्यता

राहुल गांधी 2013 में विधेयक फाड़ते हुए.
तत्कालीन कांग्रेस सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को नल ऐंड वायड करने के लिए कानून लाई थी, जिसे प्रेस क्लब आफ इंडिया में आनन फानन में प्रेस कांन्फ्रेंस करने पहुंचे राहुल गांधी ने फाड़ डाला.

उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई 2013 को एक फैसले में कहा कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अपात्र हो जाएगा. तत्कालीन कांग्रेस सरकार इस आदेश को नल ऐंड वायड करने के लिए कानून लाई थी, जिसे प्रेस क्लब आफ इंडिया में आनन फानन में प्रेस कांन्फ्रेंस करने पहुंचे राहुल गांधी ने उसे फाड़ डाला. उसके बाद सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए.

उस दौर में अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर मंतर पर हुड़दंग मचा रखा था. राहुल गांधी ने खुद बहुत साफ पाक बनने के लिए उस विधेयक की प्रति फाड़ डाली. जबकि उस दौर के अनुभवी सांसद और जनांदोलनों में रहे नेता बार बार कह रहे थे कि अगर यह कानून रहता है तो किसी को भी साजिश कर फंसाया जा सकता है. अब राहुल गांधी को एक लोकल कोर्ट ने सजा दी है और उनकी सदस्यता खत्म हो गई.

राहुल गांधी की संसद की सदस्यता क्यों खत्म हुई

लोकसभा चुनाव 2019 में कर्नाटक में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा कि चोरों का सरनेम मोदी है, सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हों, या नीरव मोदी हों या नरेंद्र मोदी.

भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया और कहा कि उनके पूरे समाज को चोर कहा गया है और यह हमारे समाज की मानहानि है.  राहुल गांधी इस मामले में 3  बार कोर्ट में पेश हुए और अक्टूबर 2021 की आखिरी पेशी में भी उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था.

इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा और 15,000 रुपये जुर्माना लगाया है.

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राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द
लोकसभा चुनाव 2019 में कर्नाटक में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा कि चोरों का सरनेम मोदी है, सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हों, या नीरव मोदी हों या नरेंद्र मोदी. उसी मामले में राहुल को सजा हुई और यह आदेश जारी हो गया

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के मामले में कांग्रेस का क्या रुख है

राहुल गांधी के वकील सूरत के स्थानीय न्यायालय के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. अगर वहां अपील स्वीकार नहीं की जाती तो सीधे उच्चतम न्यायालय में अपील होगी. सूरत न्यायालय के फैसले के खिलाफ राहुल को अपील दायर करने के लिए 30 दिन का वक्त दिया गया है.

राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के मामले में आगे क्या हो सकता है

लोकसभा सचिवालय ने केरल के वायनाड लोकसभा सीट की राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी है और वह सीट खाली हो गई है. चुनाव आयोग इस सीट के लिए चुनाव का ऐलान कर सकता  है.

अगर निचली अदालत का फैसला ऊपरी अदालत भी बरकरार रखती है तो राहुल को 2 साल जेल में रहना होगा. उसके बाद भी वह 6 साल तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

 

 

 

 

 

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