निषाद

एक साल पहले सऊदी अरब कमाने गए राधेश्याम निषाद का पता नहीं, लाश तक मिलने की आस छोड़ चुके परिजन

परिवार वालों को फोन से सूचना मिली कि राधेश्याम निषाद मर गए, कहीं से किसी मदद की आस नहीं. भारत सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं है कि निषाद परिवार को कब तक लाश मिल पाएगी और इस मामले में सरकार क्या कार्रवाई कर रही है.

किसी विकसित सभ्य शरीफ देश में मनुष्यों की सबसे ज्यादा वैल्यू होती है. यूरोप, अमेरिका या जापान का कोई व्यक्ति भारत आ जाए, उसे खरोंच भी आ जाए तो उस देश का दूतावास आसमान सिर पर उठा लेता है. उसकी पूरी रिपोर्ट भारत सरकार से मांगी जाती है. वह देश अपने पीड़ित नागरिक की हर संभव सहायता करता है.

लेकिन भारत में स्थिति भिन्न है. यहां की सरकार नागरिकों को बढ़ती आबादी का संकट मानती है. इस देश का नागरिक किसी दूसरे देश में जाए, उसके साथ कोई हादसा हो जाए तो उसकी लाश वापस लाने की कूबत भी सरकार में नहीं है. उस सरकार की आंख में आंख मिलाकर बात करना कि हमारे नागरिक के साथ ऐसा कैसे हो गया, उसे आपकी सरकार कितना मुआवजा दे रही है, आपकी सरकार भारत के नागरिकों के साथ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है, दूर की कौड़ी है.

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के ओडवारा, कुर्थिया गांव के राधेश्याम निषाद सऊदी अरब में कमाने गए थे. गरीब परिवार है. किसी तरह पासपोर्ट बीजा बनवाया और मजदूरी करने चले गए. सऊदी गए एक साल भी नहीं बीता था कि उनके घर पर फोन आया कि राधेश्याम नहीं रहे. 22 जनवरी 2023 का वह दिन राधेश्याम निषाद के परिवार पर कहर बनकर टूटा.

यह निहायत गरीब परिवार है. छोटे बच्चों की अधिकारियों से बात करने की हिम्मत भी नहीं थी. आस पास के लोगों से बात करके जिलाधिकारी को आवेदन दिया. 2 मार्च, 2023 को अधिकारियों से मिलने की फिर कोशिश की कि मामले में क्या हुआ. जिलाधिकारी कार्यालय को दूतावास या किसी जगह से कोई सूचना नहीं मिली. जिलाधिकारी ने नए सिरे से उच्च अधिकारियों को रिमाइंडर भेजा है.

निषाद परिवार को अभी राधेश्याम की लाश का इंतजार है. कोई मुआवजा पा जाना तो दूर की कौड़ी है. भारत सरकार इस स्थिति में नहीं है कि वह सऊदी अरब सरकार के पूछे कि वह इस मामले में क्या कर रही है. सरकार के सहयोगी निषाद संगठन, निषाद शेर-शेरनियों के समूह से भी इस परिवार ने उम्मीदें छोड़ दी हैं।

राधेश्याम निषाद का परिवार अभी भी किसी सहायता के इंतजार में है. दीपक कुमार निषाद की सहायता के लिए सोशल मीडिया पर अपील की गई है, जो इस तरह है….

आप में से कोई अगर सहायता कर सके तो –

दीपक कुमार निषाद की सहायता करे.

912500323

ग्राम कुर्थियाँ पोस्ट ओडवारा जिला बस्ती.

 

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